300 करोड़ हो गये खर्च, नहीं मिली कटान से मुक्ति

कई स्थानों पर अभी भी दोनों नदियों की कटान का कहर जारी है. लोगों की खेती की जमीन, मकान नदियों में समा रहे हैं. बाग-बगीचे नदियों में विलीन हो गए.