खास कर बाढ़ व कटान प्रभावित इलाके में आस्था के महापर्व छठ पर रविवार की शाम हर्ष के माहौल में भी व्रती महिलाओं के वेदना के स्वर मे “सुरूज देव होखी ना सहाय” की गूंज रही. मानो सूर्य से अपने परिवार की सुख समृद्धि व आगामी रबी की खेती के लिए याचना कर रही हो.