रेलवे प्रशासन द्वारा घने कोहरे एवं खराब मौसम से होने वाली परिचालनिक कठिनाईयों के कारण 01 दिसम्बर, 2023 से 29 फरवरी, 2024 तक गाड़ियों का निरस्तीकरण एवं आवृत्ति में कमी निम्नवत् किया जायेगा .
श्रीनाथ बाबा मठ स्थित भव्य सरोवर के घाटों पर कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर हुई देव दीपावली[पूरी खबर पढ़ें]
खेल मंत्री गिरीश चंद यादव ने किया विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत [ पूरी खबर पढ़ें ]
स्कूल के रसोई घर का ताला तोड़कर चोरों ने किया हाथ साफ
श्रद्धालुओं के साथ परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने भी गंगा तमसा के किनारे पवित्र डुबकी लगाई.
परिवहन मंत्री ने गंगा के किनारे बताया कि बलिया में गंगा स्नान का पौराणिक महत्व है.
डिंपल भूमि ने अपनी ग़ज़ल में- किसको दिल दिया जाए, यह सोचना जरूरी है.. गाकर खूब वाहवाही बटोरी. प्रसिद्ध गायक देव कुमार सिंह ने दरोगा जी हो, चार दिन से पियवा बा लापाता.
16 सेक्टर में बंटा ददरी मेला व स्नान क्षेत्र
भृगु मुनि के शिष्य दर्दर मुनि के नाम पर लगने वाले ऐतिहासिक ददरी मेला तथा कार्तिक पूर्णिमा स्नान के मद्देनजर 16 सेक्टर और सात जोन में विभाजित किया गया है.
सुनिधि के गीत और सपना के ठुमके से रंगीन होगी ददरी मेले की शाम – लखनऊ महोत्सव की तर्ज पर लगेगा ददरी मेला
गेंदे के फूल की खेती से हो रही लाखों की कमाई [ पूरी खबर पढ़ें ]
श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह एवं सुदामा चरित्र की दिखाई गई झांकियां
जनपद में शुक्रवार को ब्लाक प्रमुख हनुमानगंज के द्वारा विकास खण्ड हनुमानगंज के प्राथमिक विद्यालय देवकली के परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र के 03 से 06 वर्ष के बच्चों को हाट कुक्ड मील योजना के तहत मेन्यू के अनुसार गर्म पका भोजन खिला कर योजना का शुभारम्भ किया गया.
गंगा के किनारे बसे शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा में 25 नवम्बर दिन शनिवार की शाम को पवित्र कार्तिक मास में गंगा सेवा समिति नगवा द्वारा पतित पावनी मां गंगा की महाआरती एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया है.
कथा के छठवें दिन सोमवार को व्यास पीठ से बताया गया की सुखदेव महाराज द्वारा परीक्षित को भागवत कथा का श्रवण कराया गया था. छठवें दिन के कथा में व्यास जी द्वारा कृष्ण भगवान द्वारा किए गए उद्धारों की चर्चा किया.
जनपद व मण्डल स्तर पर युवा उत्सव के आयोजन हेतु दिशा-निर्देश जारी किया गया है. 25 नवंबर को बापू भवन के आडिटोरियम हाल में प्रातः 10 बजे से किया जाना निश्चित किया गया है.
नगर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न घाटों पर सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती महिलाओं ने घाट और घर पर बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त किया. इसके बाद प्रसाद वितरण कर व्रत का पारण किया.