ठकुरी बाबा मठ कर्णछपरा में हनुमान चालीसा पाठ संग्रह 5 से

ठकुरी बाबा मठ कर्णछपरा में स्थित सर्व मनोकामना सिद्धि हनुमान जी के विशाल प्रतिमा परिसर मे 5 अप्रैल रामनवमी से विशाल श्री हनुमान चालीसा पाठ संग्रह शुरू हो रहा है, जो लगातार 12 अप्रैल तक चलेगा.

मूंछें हो तो सिताबदियारा के सरल बैठा जैसी

इंसान के शौक भी अजीब किस्‍म के होते हैं. अब अगर शौक है तो उसमें सनक भी होगी ही. नाम व प्रसिद्धि पाने के लिए कुछ ऐसा ही शौक चढ़ा है जेपी के गांव सिताबदियारा के अंबिका बैठा उर्फ सरल बैठा पर.

चल कबड्डी आस लाल, मर गए प्रकाश लाल, मेरा मूंछ लाल-लाल-लाल-लाल

आज सारा जमाना क्रिकेट पर फिदा है. बच्‍चे-बच्‍चे की जुबान पर क्रिकेट छाया हुआ है, किंतु जेपी के गांव सिताबदियारा के लाला टोला में आज भी कबड्डी खेल की वह पुरानी परंपरा आज भी कायम है.

आखिर नकल को क्‍यों मिल रही अभिभावकों की आम सहमति

यूपी हाईस्‍कूल, इंटर की बोर्ड परीक्षा में आम अभिभावकों की मंशा अब कुछ इसी तरह की हो चली है. परीक्षा केंद्रों की तस्‍वीरें बताती हैं कि लगभग जगहों पर एक तरह से नकल को अभिभावक आम सहमति दे चुके हैं.

जन गण के देवाधिदेव ने यहीं भस्म किया था कामदेव को

जन गण मन के आराध्य भगवान शिव एवं शिवरात्रि की सहज उपलब्धता और समाज के आखरी छोर पर खडे व्यक्ति के लिए भी सिर्फ कल्याण की कामना, यही शिव है.

क्यों चढ़ाते हैं भोले नाथ को बेल पत्र

भगवान शंकर के शिवलिंग पर चढाये जाने वाली बस्तुओं में बेल और बेल पत्र जहां एक ओर परिस्थितिवश औषधि है, वहीं दूसरी ओर इसी पत्ती का एक आध्यात्मिक पक्ष भी है. विकास राय के शब्दों में जानिए क्या है इसकी खासियत

‘मधु ऋतु मधुर-मधुर रस घोले, मधुर पवन अलसावे हो रामा…’

बसंत पंचमी बीत गई फागुन चल रहा है, अब चौपाल से उठते चौताल और फाग के बीच ढोलक के सुर नहीं सुनाई देते हैं. अब तो लोग कैलेंडरों पर ही तारीख और दिन देख-देखकर निर्भर रहते हैं. गांव हो या नगर बस यही लगता है कि बिसर गईल फाग भूल गई चाईता.

सिकंदरपुर में भाजपा- चुप चुप बैठे हैं जरूर कोई बात है

विधान सभा चुनाव का नामांकन अब अंतिम दौर में है. कहने के लिए 14 फरवरी तक नामांकन होना है, लेकिन 11 व 12 फरवरी को अवकाश होने की वजह से नामांकन के लिए दो दिन ही शेष है.

गठबंधन राजनीति के प्रणेता थे चंद्रशेखर

यूपी विधान सभा चुनाव में इस बार गठबंधन राजनीति की खूब चर्चा है. गठबंधन राजनीति में कई तरह के नए नारे भी मौजूद हैं. आइए जानते हैं हमारे देश की धरातल पर गठबंधन की राजनीति की शुरूआत कब हुई.