एक्स रे मशीन नहीं है, मगर टेक्नीशियन है, टंकी है, मगर लीकेज है

बदहाल लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव का अस्‍पताल

वर्ष 2016 में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने किया था लोकापर्ण
सीएचसी होने पर भी, उदासीन बना है स्‍वास्‍थ्‍य विभाग

जयप्रकाशनगर (बलिया) से लवकुश सिंह

जेपी के गांव का नाम सुनते ही एक बर कोई भी एक विकसित गांव की कल्‍पना में डूब जाता हैं, किंतु हकीकत की पड़ताल करें तो यहां कुछ और ही कहानी मिलती है. इस गांव की अन्‍य सुविधाओं की तरह एक है सीएचसी जयप्रकाशनगर. यह लगभग 50 हजार की अबादी के बीच दलजीत टोला में स्थित है. इस अस्‍पताल का लोकापर्ण विगत वर्ष दो मई को बैरिया में आयोजित एक सभा से पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने किया था.

सुविधाओं से बदहाल जयप्रकाशनगर के दलजीत टोला में स्थित सीएचसी, अस्‍पताल परिसर में नवनिर्मित लिकेज वाली टंकी

मंगलवार को इस गांव की प्रधान रूबी सिंह व समाजसेवी सुर्यभान सिंह, ने गांव के दर्जनों लोगों के सांथ अस्‍पताल की एक-एक व्‍यवस्‍था की पड़ताल की. अस्‍पताल में मरीजों की कौन कहे, यहां तैनात डाक्‍टरों और स्‍वास्‍थ्‍य कर्मियों की जिंदगी भी नर्क में तब्‍दील मिली. यहां बने डाक्‍टर आवास तक में न बिजली है, न पानी की व्‍यवस्‍था. तैनाती के नाम पर डाक्‍टर सहित कुल आठ स्‍टाफ तैनात हैं, किंतु ताज्‍जुब इस बात को लेकर है कि यहां एक्‍सरे मशीन नहीं है, पर उसके तकनीशियन की तैनाती जरूर है. वहीं महिला नर्स की जरूरत है, तो उसकी तैनाती नदारथ है. यहां तक कि आशा बहू भी इस अस्‍पताल से संबद्ध नहीं की गई है. अस्‍पताल को दवा रखने के लिए फ्रिज नहीं दिए जाने के कारण यहां एंटी रैबिज, या सर्प दंश की भी कोई दवा ही उपलब्‍ध नहीं है.

संबंधित स्‍टाफ की कमी से शौचालय, सहित अस्‍पताल परिसर में भी गंदगी का अंबार है. यहां मौजूद चिकित्‍सक डा. पवन सिंह से जब सुविधाओं के विषय में पूछा गया तो उन्‍होंने मौजूद तमाम सुविधाओं की दशा को बिंदूवार बताते हुए बस इतना ही कहा कि जितने संसाधन हमे विभाग ने मुहैया कराए हैं, उसी के दम पर इतनी बड़ी आबादी की देखभाल करनी होती है. सुविधाओं के लिए लगातार विभाग को पत्र लिखते हैं, किंतु मामला ऊपरी स्‍तर का है. हमें जो भी जिम्‍मेदारी दी गई है, उसके निर्वहन में मै कोई कमी नहीं रखता हूं.

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खुद की है पानी टंकी, नहीं होती सप्‍लाई

इस अस्‍पताल में डाक्‍टर क्‍वार्टर से लेकर, अस्‍पताल तक में पानी की बेहतर सप्‍लाई के लिए खुद की पानी टंकी का निर्माण हुआ है, किंतु इससे पानी की सप्‍लाई नहीं होती. वजह कि यह टंकी बनने के सांथ ही लिकेज में है. जब भी इसमें पानी भरा जाता है, ऊपर से पानी बहने लगता है. कई बार शिकायत के बावजूद इस पर कोई ध्‍यान नहीं दिया. नतीजन मात्र एक हैंडपंप के बदौलत सभी का कार्य चलता है.

प्रधान ने दिया एक सप्‍ताह का अल्‍टीमेटम

इस अस्‍पताल में महिला नर्स की तैनाती से लेकर, सर्प दंश, एंटी रैबीज की दवा, दवा रखने की फ्रिज, पानी टंकी से पानी की सप्‍लाई, अस्‍पताल के अंदर साफ-सफाई और मेंटेंनेस व्‍यवस्‍था, दवा की उपलब्‍धता आदि सुविधाएं ठीक करने के लिए ग्राम प्रधान रूबी सिंह, समाज सेवी सूर्यभान सिंह आदि ने विभाग को एक सप्‍ताह का अल्‍टीमेटम देते हुए स्‍पष्‍ट रूप से यह कहा कि यदि विभाग एक सप्‍ताह के अंदर यहां की तमाम व्‍यवस्‍थाओं को ठीक नहीं करता, तो उसके बाद लोकतांत्रिक तरीके से क्रमिक अनशन भी की जाएगी, और वह अनशन तब तक चलेगी, जब तक इस अस्‍पताल की एक-एक व्‍यवस्‍था को ठीक नहीं कर दिया जाता. कहा कि यह अस्‍पताल सीएचसी होने के बाद भी पीएचसी के तर्ज पर संचालित हो रहा है.