घाघरा के कटान में बकुल्हा संसार टोला बांध पर सठिया ढाला के पास का टी स्पर ध्वस्त

6 करोड़ 81 लाख की लागत से इसी मई-जून में बना था टी स्पर, ग्रामीणों ने लगाया लूट खसोट के आरोप, जिलाधिकारी ने निरीक्षण कर दिया तत्परता से सामग्री और मैन पावर बढ़ाकर कार्य करने का निर्देश

सरयू का तेवर यूं ही बना रहा तो संसार टोला बांध को भी खतरा

बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र सरयू नदी के तटवर्ती इलाके में माझी जयप्रभा सेतु से सठिया ढाला तक तथा उसके आगे नई बस्ती तक हो रही कटान से तटवर्ती लोगों की चिंता बढ़ …

लोकनायक जेपी की जन्मस्थली में धूमधाम से हुई गोवर्धन पूजा

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि जयप्रकाश नगर के संसार टोला के गोवर्धन पहाड़ मंदिर में गोवर्धन पूजा हुई. शाम को सम्मान समारोह और भोजपुरी गीत गायन हुए.

जी हां ! इस ड्रेस में तो पढ़ाकू भी गंवार ही लगते हैं

नई सरकार के गठन के सांथ-सांथ प्रदेश स्‍तर पर कुछ बड़ी चुनौतियां भी पहले से ही मुंह बाए खड़ी हैं. इन्‍हीं में से एक है प्रदेश की बिगड़ी शैक्षिक व्‍यवस्‍था. प्राथमिक विद्यालय हो या मिडिल स्‍कूल सभी के पठन-पाठन की व्‍यवस्‍था पर हमेशा अंगुलिया उठते रही हैं.

टेम्पो की पुली में फंसा गमछा बना मौत का सबब, बुजर्ग ने दम तोड़ा

जनाड़ी ढाला के समीप गुरुवार को टेम्पो पर सवार एक व्यक्ति की मौत टेम्पो की पुली में गले का लिपटा गमछा फंस जाने से घटनास्थल पर ही हो गई.

लूट के आरोपी को पुलिस ने जेल भेजा

बैरिया थाना क्षेत्र के संसार टोला के गोबर्धन पर्वत मन्दिर के पास से गुरुवार को एक लूट के आरोपी को बैरिया पुलिस ने लूट के समानों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

गोवर्धन पूजा पर समाजसेवियों का अभिनंदन

संसार टोला में शुक्रवार की रात गोवर्धन पूजा के अवसर पर आयोजित सम्‍मान समारोह में जयप्रकाशनगर के समाजसेवी सूर्यभान सिंह ने इस आयोजन को सिर्फ यदुवंशियों तक ही सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे पूरे समाज से जोड़ने की कोशिशों को नया आयाम दिया.

गोवर्धन पहाड़ मंदिर में दुगोला गवनई मुकाबला 4 को

संसार टोला में इस बार भी गोर्वधन पूजा का बड़ा आयोजन किया गया है. यहां बने गोर्वधन पहाड़ के प्रांगण में यह पूजा 31 अक्टूबर से ही से ही शुरू हो जाएगी

गौ माता के प्रति श्रद्धा का पर्व है गोवर्धन पूजा

दीपावली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है. लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं. इस त्योहार का भारतीय लोकजीवन में काफी महत्व है. इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा सम्बन्ध दिखाई देता है. इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथाएं हैं.