कहानी में ट्विस्ट अभी बाकी था. जो शिक्षक विजेता का नाम पुकार रहे थे वे लगातार दर्शकों की राय भी पूछते जा रहे थे. कुछ हो-हो की आवाज़ों और तालियों के बीच सभी लोग पुरस्कार ले कर जा रहे थे. सभी लोग विजेता का नाम चिल्ला रहे थे
शिक्षा की बेहतरी के लिए कितनी पुस्तकें हैं, कितने ही दार्शनिक सिद्धांतों और पद्तियों का आविष्कार किया गया. कितने धर्मों की स्थापना हुई और कितनी शिक्षा पद्तियां अपनाई गईं. लेकिन वो सभी शिक्षा पद्तिया सही मायनों में असफल हो गईं.
वो कुत्ता अपनी बीवी को इसलिए बेचने जा रहा था क्योंकि वो बहुत सुंदर थी. भई वाह! बीवी खूबसूरत हो तो कोठे बेच देंगे, बदसूरत हो तो घर से बाहर खदेड़ देंगे… वाह. बीवी खूबसूरत हो तो कोठे पर बेचे देंगे, खूबसूरत न हो तो खुद कोठे कोठे घूमते फिरेंगे.
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