बदलने लगा है घाघरा का तेवर, जल स्तर में वृद्धि

घाघरा नदी का जलस्तर फिर तेजी से बढ़ रहा है. नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते भविष्य में उससे होने वाली जमीन व फसलों की क्षति की आशंका से दियारा क्षेत्र के किसान चिंतित हैं.

बैरिया में नेता मस्त, बाढ़ पीड़ित त्रस्त

सार्वजनिक वितरण अन्तर्गत बैरिया तहसील में वितरण के लिए अन्त्योदय का लगभग 2436 कुन्तल गेहूं, 1135 कुन्तल चावल व 865 कुतल चीनी तथा पात्र गृहस्थ परिवारों के लिये 8 हजार कुन्तल गेंहू व लगभग 5 हजार कुन्तल चावल प्रतिमाह आता है. फिर भी लाभार्थियों में नहीं मिलने का राग ही सुनने को मिलता है. होने वाली शिकायतें दबा दी जाती हैं.

जिउतिया नहाने गईं दो युवतियों समेत छह डूबे

सदर कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत श्रीरामपुर घाट पर शुक्रवार को देर शाम जिउतिया नहाने गईं दो युवततियां गंगा में डूब गईं. बड़ी मशक्कत के बाद भी उन्हें निकाला नहीं जा सका. उधर, नरहीं थाना क्षेत्र के पलिया खास घाट पर गंगा में डूबने से एक बालक की मौत हो गई.

सब कुछ है, मगर 27 टोले वाला सिताबदियारा नदारद है

जयप्रकाशनगर (बलिया) से लवकुश सिंह आरा, छपरा, बलिया तीन जिलों और यूपी-बिहार दो राज्‍यों में बंटा है लोकनायक जेपी का गांव सिताबदियारा. सिताबदियारे के समाज में 45 साल पहले और आज में काफी बदलाव …

रिजवी ने मृतक आश्रितों को बांटा सहायता राशि का चेक

प्रदेश सरकार पीड़ितों को हर संभव सहायता करने के लिए दृढ़ संकल्प है. किसानों एवं आखिरी पायदान पर खड़े लोगों के उत्थान के लिए सरकार द्वारा अनेक कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं. यह विचार है विधायक मोहम्मद जियाउद्दीन रिजवी का.

गंगा के बाद अब घाघरा ने भी पैंतरा बदला, होश उड़े

घाघरा नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि शुरू हो गई है. पानी के तेज बहाव को देख भूमि व फसलों को होने वाली भारी क्षति की आशंका से दियारा क्षेत्र के किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी है.

जिले में नदियों का जलस्तर

बुधवार को गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 56.26 मी, घाघरा का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.270 मी, चांदपुर पर 56.14 मी, माझी पर 53.52 मी है. टोंस का जलस्तर पिपरा घाट पर 56.90 मी है.

हर हाल में जरूरतमंदों तक राहत पहुंचाने की कवायद

बाढ खत्म होने के बाद जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस का पूरा ध्यान अब हर पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने पर है. उन्होंने रविवार को सदर तहसील क्षेत्र में हो रही राहत सामग्री वितरण व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने अधीनस्थों को निर्देष दिया कि गरीब, मजदूर किसानों को वरीयता के आधार पर राहत सामग्री का वितरण होना चाहिए.

राहत बांटने में भी भेदभाव कर रही है सपा – भरत सिंह

केंद्र सरकार की मदद के बावजूद प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ित लोगों को मदद पहुंचाने में नाकाम रही है. सामग्री वितरण में भी समाजवादी पार्टी के लोगों को चिन्हित करके राहत दी जा रही है. यह घोर अन्याय है. ऐसा कहना है जिले के सांसद भरत सिंह का.

गंगा ने तटवर्तियों की फिर बढ़ाईं धड़कनें

गंगा प्रति घंटा आधा सेमी की रफ्तार से बढ़ रही है. हालांकि फिलहाल खतरा बिन्दु से नीचे है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.190 मी, चांदपुर में 56.80 मी तथा माझी में 53.85 मी है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 57.700 मी है, जो बढ़ाव पर है.

बाढ़ विस्थापितों के लिए रहनुमा बने शिक्षा के मशाल वाहक

बाढ़ की त्रासदी से दो चार हुए विस्थापितों के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने नजीर प्रस्तुत किया, वह अपने आप में अतुलनीय है. बाढ़ विस्थापितों की मदद को निकले शिक्षकों ने अपनी सेवा, लगन व जज्बे के दम पर जहां पीड़ितों दुआ से लवरेज हुए, वहीं प्रशासनिक अमले ने भी शिक्षा विभाग की जमकर पीठ थपथपाई.

पांच ट्रक राहत सामग्री रसड़ा विधायक ने रवाना किया

विधायक उमाशंकर सिंह ने फेफना विधानसभा के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री से लदे ट्रकों को बृहस्पतिवार को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया. पांच ट्रक राहत सामग्री में थाली, गिलास, ब्रेड, आटा, आलू, चुड़ा, लाई, गुड़, बिस्कुट, मोमबत्ती, दवाई, माचिस तथा मवेशियो के लिये भूसा और पराग डेयरी आदि सामान शामिल था.

बाढ़ राहत से ज्यादा राजनीति की चिंता

बाढ़ की भयंकर तबाही से हजारों लोगों के घर बर्बाद हो गए, पीड़ितों की जिंदगी थम सी गई, वे सड़क पर जीवन बसर करने को मजबूर हैं. वहीं कुछ लोगों के लिए बाढ़ पीड़ितों के बहते आंसू सेल्फी लेने और सोशल मीडिया पर अपनी राजनीति चमकाने का जरिया बन गये है.

बाढ़ में मरे लोगों के आश्रितों को चार-चार लाख बंटे

जिला पंचायत के डाक बंगले में सोमवार को बाढ़ में डूब कर मरे कुल चार लोगों के परिजनों को दैवी आपदा राहत कोष से चार-चार लाख की सहायता राशि विधायक जयप्रकाश अंचल ने प्रदान की. विधायक अंचल ने बताया कि दुबेछपरा रिंग बन्धे व बन्धे के भीतर बसे गांवों की सुरक्षा के लिए स्परों का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया गया हैं.

चिकित्सा शिविरों में हुआ बाढ़ पीड़ितों का उपचार

वरिष्ठ कांग्रेस नेता सीबी मिश्र के सौजन्य से रविवार को पाण्डेयपुर ढ़ाला पर होम्योपैथिक चिकित्सा शिविर लगाया गया. इसी क्रम में चांद दियर बाढ़ विभाग के डाक बंगले में समाजवादी लोहिया वाहिनी की ओर से चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया.

कुल पौने तीन लाख लोग रहे बाढ़ की चपेट में

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 42,296 लोग और 678 पशुओं का उपचार किया गया है. 2,85,640 लोग और 16,115 पशु प्रभावित हुए है. राहत शिविरों में 26,600 लोग शरण लिए हुए हैं और 45,935 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. 41 मेडिकल टीमों को प्रभावित गांवों में मोबाईल टीम के रूप में लगा दिया गया है.

बाढ प्रभावित क्षेत्रों में दवा का छिड़काव हो-नारद

प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया कि बाढ पीडितों को राहत सामग्री एवं बाढ्र से प्रभावित क्षेत्रों में साफ-सफाई, फागिंग, दवा का छिड़काव, क्षतिग्रस्त सडकों की मरम्मत युद्ध स्तर पर किया जाय.

सोहावं में बाढ़ पीड़ितों को बांटी राहत सामग्री

पूर्वांचल ग्रामीण चेतना समिति राघोपुर ने कारितास इण्डिया के सहयोग से शुक्रवार को बाढ़ पीड़ित 235 परिवारों को सोहांव स्थित मिशन पर भोजन सामग्री के अलावा दैनिक उपभोग की बस्तुएं वितरित किया

बाढ़ राहत से क्यों वंचित है करइल क्षेत्र

गंगा और घाघरा के साथ टोंस की बाढ़ से सबसे ज्यादे प्रभावित होता है. सर्वाधिक बाढ़ का कहर गंगा नदी द्वारा भरौली से लेकर ब्यासी, दुबहर, हल्दी, गायघाट, रामगढ़, लालगंज होते हुए मांझी तक बरपाया जाता है.

कैथवली में 300 तो गोविंदपुर में 630 बाढ़ प्रभावित

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने तहसील सदर के बाढ़ से प्रभावित कई गांवों का व्यापक दौरा किया. उन्होंने बाढ्र से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के बारे में राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों से जानकारी ली.

अब फिक्र उनकी जो मौत के मुंह में डेरा डाले रहे

जिले में एक अच्छी खासी आबादी ऐसे लोगों की भी है, जो प्रलय का आभास करवा रही आपदा के दौरान भी किसी न किसी वजह से मौत के मुंह में अर्थात टापू में तब्दील हो चुके अपने घर या गांव में डेरा डाले रहे.

कैबिनेट मंत्री नारद राय की बैठक आज 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय गुरुवार की रात जिले में आ जाएंगे. प्रभारी अधिकारी वीआईपी ने बताया कि मंत्री श्री राय 02 सितम्बर दिन शुक्रवार को 04 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ राहत में लगे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.

किसी बाढ़ पीड़ित को लोगों ने भूखा नहीं सोने दिया

गंगा व घाघरा का पानी उतरने के साथ बन्धों पर शरण लिए लोग अब अपने घरों को वापस लौटने लगे हैं. वापस लौटेने वाले लोगों का जीवन अब कुछ दिनों तक आंगन से बाहर तक कीचड़ में गुजरने वाला है. घर से बाहर आकर आश्रय लेने और फिर अपने घर वापसी में परिस्थितियां काफी कुछ बदल गयी है.

बाढ़ पीड़ितों के लिए छह टैंकर संचालित

राहत के लिए 62 बाढ़ चौकियां, 62 राहत शिविर, 45 राहत वितरण केंद्र संचालित है. राहत शिविर में 26,600 लोगों ने शरण लिया है. बुधवार तक 41,535 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. 41 मेडिकल टीमें लगी है और 37,126 लोगों का उपचार किया जा चुका है.

पानी तो घटने लगा, मगर दुश्वारियां बढ़ने लगीं

बलिया में गंगा, घाघरा, तमसा के तेवर में नरमी आई है, हालांकि गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वाराणसी में उफनाई गंगा अब घाटों की सीढ़ियों से उतर चुकी है, बाढ़ का कहर थमने के बाद ग्रामीण इलाकों में लोग बाग अपने घरों को संवारने में जुटे है. बाढ़ के पानी में हालांकि सैकड़ों कच्चे मकान जमीदोज हो चुके हैं, हजारों एकड़ कृषि योग्य जमीन पर खड़ी फसलें बाढ़ में बह गई हैं. खेतों में मेड़ें गुम हो चुकी है, कई इलाकों में मृत पशुओं के शव दुर्गंध फैला रहे हैं, जबकि गांव की पगडंडी दलदली होने के कारण उसमे चलना फिरना दूभर है.