सिकन्दरपुर में तहसील दिवस में भाग लेने आए जिलाधिकारी राकेश कुमार अचानक डूंहा स्थित श्री बनखंडी नाथ मठ पहुंचे. उन्होंने वहां बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के साथ मठ की सुरक्षा के लिए उसके उत्तरी दीवाल की तरफ से कराए गए पिचिंग के कार्य का निरीक्षण किया. साथ ही ऐतिहासिक मठ की कटान से सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की बाढ़ विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता कुमार गौरव को निर्देश दिया. पिचिंग के कार्य पर असंतुष्टि व्यक्त करते हुए उसे उन्होंने अपर्याप्त बताया.
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घाघरा नदी का पानी धीमी गति से लगातार बढ़ाव पर है. सीसोटार के मगही, लीलकर व खरीद दियारे में धीमी गति से कटान जारी है. उधर डूहां स्थित श्रीवनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा के लिए कराई गई पीचिंग के बावजूद बाढ़ का पानी उसकी दीवालों से सटकर बहा रहा है. वैसे कटान के मामले में गंगा भी पीछे नहीं है, मगर उसका मिजाज जरा शांत है.
घाघरा नदी का पानी फिर तेजी से बढ़ने लगा है. इसी के साथ दियारा सीसोटार में तेज कटान से वहां के किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी हैं. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में करीब डेढ फीट की वृद्धि हुई है. जबकि 50 डिसमिल उपजाऊ भूमि कटकर नदी में समाहित हो गई है. जगह-जगह हो रही बारिश के साथ ही नदी का जलस्तर में घटने व बढ़ने का क्रम भी शुरू हो गया है. दो दिन से नदी का पानी स्थिर था.
बीते तीन दिनों के झमाझम बारिश के बाद किसानों की तो बल्ले बल्ले हो गई हैं, मगर कई जगह बाढ़ जैसी हालत हो गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है. हालांकि सोमवार की शाम सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट में 57.400 मीटर, घाघरा का जलस्तर डीएसपी हेड में 63.375 मीटर, घाघरा का जलस्तर चांदपुर में 57.86 मीटर, मांझी में 54.40 मीटर एवं टोंस नदी का जलस्तर पीपरा घाट पर 58.60 मीटर है. अर्थात बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट बता रही है कि जनपद में नदिया बढाव पर है, किन्तु खतरा बिन्दु से नीचे है.
परमधाम डूंहा में आयोजित तीन दिवसीय विशाल गुरु पूजा एवं अद्वैत शिव शक्ति महायज्ञ का शुभारंभ रविवार को कलश यात्रा निकालने के साथ हुआ. इस आयोजन में सैकड़ों धर्मनिष्ठ नर नारियों ने भाग लिया. कार्यक्रम स्थल से हरी ब्रम्हचारी की देखरेख में निकली यात्रा विभिन्न मार्गों का भ्रमण करते घाघरा तट स्थित श्री वनखंडी नाथ मठ पहुंची.
घाघरा नदी का जलस्तर लगातार नीचे खिसकता जा रहा है. नदी का पानी सिमटता जा रहा है. इस दौरान विभिन्न दीयारों के कुछ स्थानों पर हल्की कटान शुरू हो गई है. उधर कठौड़ा रेगुलेटर से हो रहा पानी का रिसाव बंद हो गया है. जिससे गांव के किसानों ने राहत की सांस ली है. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में करीब 2 फीट की कमी हुई है. 30 डिसमिल जमीन कटान की भेंट चढ़ चुकी है.
बलिया में गंगा तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार बुधवार की शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 56.80 मीटर दर्ज की गई. खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. वैसे गंगा के जलस्तर में वाराणसी में जारी बढ़ोतरी पर मंगलवार को जहां लगाम लगी है, वहीं दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट समेत अधिसंख्य घाटों की सीढ़ियां और मंदिर अब भी पानी में हैं. संगम नगरी इलाहाबाद में भी गंगा के जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
गंगा, घाघरा एवं अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण कई गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हो रहे हैं. इसे देखते हुए कलेक्ट्रेट स्थित संयुक्त कार्यालय में प्रतिदिन 24 घण्टे के लिए बाढ़ कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नम्बर – 05498-220857. इस कन्ट्रोल रूम में बाढ़ से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की सूचना दर्ज करवाई जा सकती है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को अपराह्न घाघरा का जलस्तर 62.020 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 1.990 मीटर कम है. केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 24 घंटे से चार से पांच सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जलवृद्धि हो रही है. जनपद के आखिरी छोर पर बसे बिल्थरारोड के तटवर्ती इलाकों में घाघरा पूरे उफान पर है. नदी के जलस्तर में तेजी से जारी बढ़ाव के कारण अब चेतावनी लेवल से महज 30 सेमी दूर रह गई है. यहां शाम छह बजे नदी का जलस्तर 62.710 मीटर दर्ज किया गया. तुर्तीपार हेड पर चेतावनी लेवल 63.010 मीटर रिकार्ड है. आशंका है कि गुरुवार की सुबह तक नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल पार कर जाएगा.
मंगलवार को अपराह्न जलस्तर 61.590 मीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64.010 मीटर से 2.420 मीटर कम है. सोमवार को घाघरा का जलस्तर 61.155 मीटर दर्ज किया गया था. यह केंद्रीय जल आयोग का आंकड़ा है. पांच दिन तक लगातार घटाव पर रही घाघरा नदी के जलस्तर में बहुत तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है. इसी के साथ कई स्थानों पर कटान से उपजाऊ भूमि नदी में समाती जा रही है. घाघरा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम देखकर तटवर्ती बाशिंदों के होश उड़ गए हैं. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 0.435 मीटर की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. करीब 60 डिसमिल ऊपजाऊ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है. उधर डुंहा स्थित बनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा के लिए कुछ महीने पहले सुरक्षा कवच के ध्वस्त हो जाने से स्थानीय साधु-संतों की भी नींद हराम हो गई है.