मंगलवार को भोजन पैकेट से भरे वाहनों को खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार और एडीएम के जिला समन्वयक अजीत पाठक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. दुबहर एवं बेलहरी शिक्षा क्षेत्र में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश सिंह के निर्देशन में भोजन पैकेट बनाने तथा बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.
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इस बाढ़ से पलिया खास की 7500 आबादी बुरी तरह प्रभावित है. सभी विस्थापित हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक मात्र 250 तिरपाल ही उपलब्ध कराये गये हैं. कहा कि विगत 27 अगस्त को हेलीकॉप्टर द्वारा जो राहत सामग्री गिराई गई थी, उसे दबंगों ने हथिया लिया. पीड़ितों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई. जिससे उनमें काफी आक्रोश है. इस अवसर पर पलिया खास के वर्तमान प्रधान सत्येन्द्र गोंड़, सहित काफी संख्या में बाढ़ पीड़ितो में राहत सामग्री की बाट जोह रहे है. – शिवनारायण यादव (पलिया खास के पूर्व प्रधान )
दुबेछपरा रिंग बांध टूटने से इलाके के लगभग दो दर्जन गांवों की 35 हजार की आबादी प्रभावित हुई है. इन ग्रामीणों के सर पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. जिला प्रशासन और स्वयं ग्रामीण बीते कई दिनों से बांध को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे. फिलवक्त दुबेछपरा ढाले पर भगदड़ के हालात हैं. हाईवे पर ट्रैफिक ठहर सा गया है. दुबे छपरा रिंग बांध प्राथमिक विद्यालय के सामने करीब 20 फीट की दूरी में टूटा है.
बलिया के नौरंगा गांव से अखिलेश ठाकुर की तस्वीरें यह बयां करने के लिए काफी हैं कि संकट की इस घड़ी में भी बलिया वाले बिंदास खुशी तलाश लेते हैं. संघर्ष कर खुद को स्थापित करना बलिया की माटी की फितरत है. नाव की जरूरत क्या है, यह अपना देसी जुगाड़ है न. इसे चला रही हैं नौरंगा की ओलंपिक मेडल विनर बेटियां. इ हे ह असली बलिया वाली बड़की पूड़ी….जेकरा के देखते दिल्ली बंबई वाला लोग के लार चुए लागेला. प्रधान जी, भी जरूरतमंदों को राहत सामग्री बांटने में मशगूल हैं.