युद्ध स्तर पर चले बचाव व राहत का काम -शिवपाल

सिंचाई मंत्री ने जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण, कहा- धन की कमी नहीं होने देंगे, बाढ़ में घिरे लोगों को पहले राहत सामग्री पहुंचे, कमिश्नर को बलिया में कैम्प करने और मण्डल स्तरीय अधिकारियों को भी राहत कार्य में लग जाने का निर्देश

बाढ़ पीड़ितों को रोटी, पशुओं को चारा तक नसीब नहीं

बलिया में गंगा का जलस्तर लाल चिह्न से ढाई मीटर ऊपर पहुंच गया है. घाघरा के जलस्तर में भी निरन्तर वृद्धि से जिले में संकट गहरा गया है. बलिया में सबसे अधिक प्रभावित इलाका है गंगा उस पार का. नौरंगा गांव में तो मवेशियों को चारा तक नसीब नहीं हो पा रहा है.

एनडीआरएफ व पीएसी राहत व बचाव कार्य में जुटी

बाढ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है. एनडीआरएफ की 05 टीमें व 03 फ्लड पीएसी बचाव कार्य में लगी हुई है. बुधवार तक बाढ से प्रभावित गांवों की संख्या 192 तथा प्रभावित जनसंख्या 01 लाख 87 हजार 127 हो गयी है. कुल प्रभावित पशुओं की संख्या 9085 हो गयी है.

लोक निर्माण मंत्री आज बलिया में

प्रदेश के लोक निर्माण, सिंचाई, जल संसाधन, सहकारिता, परती भूमि विकास, राजस्व, अभाव सहायता पुनर्वास एवं लोक सेवा प्रबन्धन विभाग के मंत्री शिवपाल सिंह यादव 25 अगस्त को बलिया में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे.

बाढ़ राहत में अच्छा काम करने वाले प्रधान पुरस्कृत होंगे -डीएम

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777 यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे. बलिया। जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस …

आखिर कैसे गुजारा कर रहे हैं बाढ़ पीड़ित

व्हाट्स ऐप के जरिए बलिया लाइव के कई पाठक तस्वीरें या सूचनाएं भिजवा रहे हैं. उनसे हमारा विनम्र अनुरोध है कि कृपया सूचना, आडियो या वीडियो के साथ अपना नाम-पता और कांटैक्ट नंबर और ईमेल आईडी अवश्य दें. हां, अगर आप नहीं चाहते कि संबंधित खबर में आपका जिक्र हो तो सूचना गोपनीय रखी जाएगी. पाठकों की विश्वसनीयता बरकरार रखने के लिए यह आवश्यक है कि हमें समाचार का स्रोत पता रहे.

विस्थापितों की मदद के लिए आगे आईं स्वयंसेवी संस्थाएं

बलिया जिले में बाढ़ की विनाश लीला से द्रवित होकर कई स्वयंसेवी संस्थाएं विस्थापित लोगों की मदद में हाथ बंटाने लगी हैं.

बाढ़ पीड़ितों ने एम्बुलेंस और दवा की मांग की

जिलाधिकारी ने सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय सागरपाली में राहत शिविर का निरीक्षण किया. वहां लेखपाल ही नदारद थे. वहां मौजूद मेडिकल टीम से दवाओं की उपलब्धता आदि के संबंध में पूछताछ की.

रिसाव रोकने के लिए ग्रामीणों ने किया चक्का जाम

रामगढ़ के पास सुघर छपरा के पार नेशनल हाई-वे में हो रहे रिसाव को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने एनएच पर आवागमन बाधित किया. अधिकारियों के बीच-बचाव व रिसाव शीघ्र बंद करने के आश्वासन पर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ. इस दौरान एनएच पर ट्रैफिक बाधित हुआ.

जिले में चल रही हैं 699 नावें, 62 बाढ़ चौकियां

मंगलवार को गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 60.310 मी है, जो बढ़ाव पर है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड गेजस्थल पर 63.200 मी है और घटाव पर है. टोंस का जलस्तर पिपरा घाट पर 61.90 मी है, जो बढ़ाव पर है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चार मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जनपद मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग का एक कन्ट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर 05498-220782 है। सीएमओ डॉ. पीके सिंह ने बताया कि इसके नोडल अधिकारी डॉ. जेआर तिवारी नामित किये गये है. जिनका मो0 नम्बर 9415285405 है.

सेना एलर्ट, कोरंटाडीह से मांझी तक भारी वाहनों पर पाबंदी

बलिया में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है. जनपद की सीमा में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर 13 स्थानों पर गंगा ओवरफ्लो कर रही है. जनपद में गंगा घाघरा एवं टोंस तीनों नदियां एक साथ बढाव पर है. गंगा खतरा बिंदु के उच्चतम स्तर को भी पार कर गई है.

बलिया में सेना की मदद ली जा सकती है

उत्तर प्रदेश में बाढ़ के चलते विशेष तौर पर पूर्वांचल की स्थिति भयावह हो गई है. इलाहाबाद, वाराणसी, गाजीपुर, बलिया और चंदौली जिलों में बाढ़ की वजह से स्थिति बेहद खराब हो गई है.

बाढ़ से हालात अत्यंत गंभीर, अफसरों की छुट्टियां रद्द

बलिया में बाढ़ के हालात अत्यंत खराब हो चला है. राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग एक दर्जन स्थानों पर बाढ़ का पानी ओवरफ्लो होने से लोग भयभीत हैं. रविवार की रात से हो रही बरसात ने स्थिति को और नाजुक बना दिया है.

बाढ़ की त्रासदी पर बलिया लाइव की टॉप टेन खबरें

बलिया में गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे तटवर्ती क्षेत्रों में बाढ़ का पानी घुसने से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है. यहां तक की बलिया शहर भी अछूता नहीं रहा.

एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी राहत कार्य संभालेगी

जिला प्रशासन द्वारा गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य को तेज कर दिया गया है. बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस द्वारा प्रभावित लोगों को राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ व फ्लड पीएसी की दो कम्पनियां एवं स्टीमर की व्यवस्था की जा रही है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डीएम का तूफानी दौरा

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को तूफानी दौरा किया. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कटान के संवेदनशील स्थानों पर तत्काल सुरक्षा के मुकम्मल उपाय करने का निर्देश सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को दिया.

घाघरा के कटान से किसानों में हड़कम्प

घाघरा नदी के जलस्तर में घट-बढ़ का क्रम जारी है. इसी के साथ विभिन्न दीयारों में कटान से वहां के किसानों में हाहाकार मच गया है. 24 घंटे में जहां जलस्तर में करीब एक फीट की कमी हुई है, वहीं फसलों सहित दो बीघा क्षेत्रफल की जमीन कटान की भेंट चढ़ चुकी है.

सभी नदियां घटाव पर, मगर कटान ने उड़ाए होश

जिले में सभी नदियां घटाव पर हैं, मगर कटान का सिलसिला जारी है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष की सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 58.85 मी. है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.685 मी., चांदपुर में 59.25 एवं माझी गेजस्थल पर 55.90 मी. है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 60.00 मी. है.

सब्जियों की खेती करने वाले किसान तो तबाह हो गए

गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों की मुसीबते भी बढ़ने लगी है. हजारों एकड़ परवल की फसल जलमग्न हो गई है. अन्य सब्जियों की खेती भी बर्बाद हो गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बोया गया मक्का, ज्वार और बाजरा की फसलें जल मग्न होकर चढ़ने लगी है.

वज्रपात से तीन की मौत, चौबेछपरा में संकट गहराया

केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार घाघरा नदी उतार पर है. लेकिन वह अभी भी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान के उपर बह रही है, जबकि तुर्तीपार (बलिया) और अयोध्या में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक बना हुआ है. गंगा प्रतिघंटा तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर है.

जीवन दायिनी घाघरा घटाव पर, मुक्ति दायिनी गंगा बढ़ाव पर

सिंचाई विभाग बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड और मांझी पर घटाव पर है, जबकि चांदपुर में स्थिर है. गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 56.57 मी है, जो बढ़ाव पर है. खतरा बिंदु से नीचे है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 64.380 मी, चांदपुर में 59.10 मी तथा मांझी में 55.10 मी है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 57.20 है, जो बढ़ाव पर है.

गंगा की लहरों ने चौबेछपरा में जमकर तबाही मचाई

चौबेछपरा में गुरुवार को अचानक तेज कटान शुरू हो गया और पलक झपकते राजनारायण मिश्र, राजकिशोर मिश्र और रामकेशरी देवी के रिहायशी मकान नदी मे विलीन हो गए. कटान को देखते हुए चौबेछपरा के अधिसंख्य मकानो पर दिल-दहलाने वाले हथौडे चलने लगे. एक साथ दर्जन भर मकानों पर चल रहे हथौड़ों की आवाज से आस-पास के लोगों का कलेजा कांप रहा है.