बलिया के डायरेक्टर सत्यप्रकाश उपाध्याय की फिल्म को नेशनल एवार्ड

फिल्म की शुरुआत वाराणसी में गंगा के तट से होती है और बताया जाता है कि कैसे करघा उद्योग कहाँ से कहाँ पहुँच गया. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक इसकी जान है. यदि आप लीक से हटकर फिल्म देखने के शौकीन हैं और भारतीय कलाओं में रुचि रखते हैं तो निश्चित रूप से आपको लगभग एक घंटे की यह फिल्म पसंद आयेगी.