गंगा, घाघरा घटाव पर, टोंस स्थिर

बलिया। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 60.360 मी है. घाघरा का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.830 मी, चांदपुर में 58.23 मी तथा माझी में 56.50 मी है. ये दोनों नदियां घटाव पर है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 62.20 मी है जो स्थिर है.

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जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस द्वारा बाढ़ राहत शिविरों का निरीक्षण करने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा. उन्होंने तहसील बलिया क्षेत्र के राहत शिविरों का जायजा लिया. इस दौरान बांटी जाने वाली खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता को भी चेक किया.

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शुक्रवार को डीएम पुनः यमुना राम डिग्री कालेज में स्थापित राहत कैम्प पर जाकर पीड़ितों का हाल जाना. वहां आटा, चावल, दाल, आदि की क्वालिटी को भी परखा. पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए एसडीएम को निर्देशित किया. इसके बाद आईटी बन्धे पर गये. वहां बाढ़ चौकी पर तैनात डीसी मनरेगा से आवश्यक पूछताछ की. दवा वितरण रजिस्टर चेक किया. वहां 68 मरीजों को देखा गया था और वहां पर दवा वितरित की गयी थी. पशु डॉक्टर भी थे और पशुओं की भी दवा उपलब्ध थी. बताया गया कि बंधे पर करीब 12 सौ लोग शरण लिये हुए है. जिलाधिकारी ने प्रत्येक कैम्प में जाकर वितरित राशन सामग्री के बारे में जानकारी ली. बाढ़ पीड़ितों के सहयोग के लिए उस क्षेत्र के प्रभारी बनाये गये उपजिलाधिकारी रसड़ा को बेहतर तरीके से सहायता करने के निर्देश दिये. बंधे पर पूर्वांचल ग्रामीण चेतना समिति द्वारा भी लाई, चना आदि के पैकेट बांटे जा रहे थे. डीएम ने इसकी सराहना की.

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इसके बाद सोबन्था, लक्ष्मणपुर चट्टी पर स्थित राहत शिविर में भी जाकर वहां मिल रही व्यवस्था को देखा. चिकित्सा व दवा वितरण का रजिस्टर चेक किया. वहां 207 लोगों को इलाज किया गया था. उपस्थित चिकित्सकीय टीम ने चर्म रोग से सम्बन्धित दवाओं को और ज्यादा उपलब्ध कराने की मांग पर जिलाधिकारी ने सीएमओ डॉ. पीके सिंह को निर्देशित किया. उन्होंने अपने साथ भी रखने के लिए मेडिकल किट मांगा, ताकि उनके निरीक्षण के दौरान आवश्यकता पड़ने पर तुरन्त उपलब्ध करायी जा सके. वहां उपस्थित गांव के लोगों द्वारा पलिया खास, पिपरा कला, श्रवणपुर जैसे गांवों में भी तिरपाल उपलब्ध कराने की मांग पर एसडीएम को निर्देशित किया.

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एनडीआरएफ टीम से ली जानकारी

बलिया। जिलाधिकारी गोविन्दराजू एनएस ने लक्ष्मणपुर चट्टी पर एनडीआरएफ के जवानों से बात कर रेस्क्यू अभियान के बारे में जानकारी ली. लोगों ने भी बताया कि एनडीआरएफ के जवान पूरी तत्परता से बचाव कार्य में लगे हैं. जिलाधिकारी ने जवानों से कहा कि कोई भी पानी से घिरा हो उसे सुरक्षित स्थान पर लाने के लिए प्रयासरत रहें. इसके लिए लगातार भ्रमण करते रहें.