घाघरा ने लाल निशान पार किया

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बलिया लाइव संवाददाता

सिकन्दरपुर (बलिया)। घागरा नदी के जल स्तर में वृद्धि के साथ ही कठौड़ा रेगूलेटर से पानी का रिसाव तेज हो गया. पानी रेगुलेटर से निकलकर उस से जुड़े नाले के माध्यम से विशाल कठौड़ा ताल में भरता जा रहा है. घाघरा ने रौद्र रूप अख्तियार कर लिया है. जलस्तर में निरंतर वृद्धि के बाद घाघरा ने गुरुवार को लाल निशान पार कर लिया. केंद्रीय जल आयोग तुर्तीपार के अवर अभियंता धीरेंद्र  यादव के अनुसार गुरुवार को अपराह्न जलस्तर 64.040 मीटर दर्ज किया गया. जो  खतरे के निशान 64.010 से 0.070 उपर है. आयोग का कहना है कि आधा सेमी से एक  सेमी प्रतिघंटे की दर से जलस्तर में बढ़ोत्तरी हो रही है. जलस्तर में वृद्धि से  बाढ़ का खतरा मडराने लगा है. इस बीच चैनपुर गुलौरा, मठिया, सहिया, छपिया आदि  तटवर्ती क्षेत्रों में कटान हो रही है.

GHAGHRA SIKANDARPUR

किसानों में मचा हाहाकार

इसके चलते उसके ऊपरी भागों में बोई गई धान, मक्का, बाजरा आदि फसलें डूबती जा रही हैं. फसलों के डूबते जाने से संबंधित किसानों में हाहाकार मचा हुआ है. अब तक करीब ढ़ाई सौ बीघा क्षेत्रफल में बोई गई धान, मक्का व ज्वार की फसलें पानी में डूब चुकी है. यदि पानी के रिसाव को बंद नहीं किया गया तो फसलों की तबाही का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा. नदी का जल स्तर घट जाने से रेगुलेटर से पानी का रिसाव बंद हो गया था.

इसे भी पढे़ं – दियारा खरीद व सीसोटार में घाघरा का तांडव

GHAGHRA SIKANDARPUR 1

इसे भी पढ़ें 30 डिसमिल भकोस कर घाघरा थिराई

बालू की बोरियां पानी रोक पाने में विफल

तीन दिन से नदी के जलस्तर में वृद्धि के साथ ही पानी का रिसाव पुनः तेज हो गया है. रेगुलेटर के नीचे पानी के बहाव को रोकने के लिए डाली गई बालू की बोरियां पानी को रोकने में विफल हो गई है. किसानों ने चेतावनी दिया है कि पानी के रिसाव को शीघ्र रोका नहीं गया तो आंदोलन का मार्ग अपनाया जाएगा.

इसे भी पढ़ें – घाघरा किनारे के बाशिंदे नये ठौर की तलाश में

उफनाई घाघरा ने तबाही मचाना शुरू किया

उफनाई घाघरा नदी ने क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर तबाही मचाना शुरू कर दिया है. जगह-जगह कटान के साथ ही दियारा कठौड़ा में नदी का पानी चढ़ते जाने से वहां बोई गई अरहर की फसल के नष्ट होने व धान को क्षति पहुंचने की आशंका पैदा हो गई है. 24 घंटे में नदी का पानी करीब डेढ़ फीट बढ़ा है. जबकि विभिन्न दियारों में करीब तीन बीघा क्षेत्रफल की जमीन काटकर नदी लील गई है.

कठौड़ा श्मशान घाट के इर्द गिर्द कटान शुरू

कटान का दायरा बढ़ते जाने से दियारा के किसानों के चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी है. नदी में पानी का बहाव व उसके बढ़ाव का वेग क्रमशः बढ़ता जा रहा है. दियारा सीसोटार, लीलकर व खरीद में कटान जारी है. इसी के साथ कठौड़ा स्थित श्मशान घाट के समीप व जंगली बाबा कुटी के पश्चिम तरफ धीमा कटान शुरू हो गया है. नदी घाट के समीप जमीन को काटती हुई बंधा की ओर अग्रसर है.

इसे भी पढ़ें – वनखंडी नाथ मठ के अस्तित्व पर संकट गहराया

मल्लाह बस्ती पर गहराया संकट

जंगली बाबा के समीप सुरक्षा के लिए नदी से सटकर  पूर्व में डाली गई बालू भरी बोरियों खिसकर बाढ़ के पानी में समाती  जा रही है नदी कठौड़ा से डूंहा तक बंधा से जगह जगह मात्र चार से पांच फीट दूर रह गई है. उधर रेगुलेटर के समीप स्थित मल्लाह बस्ती में नदी के पानी के घुसने की आशंका पैदा हो गई है. नदी के जल स्तर में वृद्धि का यह सिलसिला जारी रहा तो पानी क कठौड़ा से डूंहा तक अनेक स्थानों पर बंधा से सटकर बहने लगेगी.