वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के बौद्धिक संपदा अधिकार प्रकोष्ठ और पेटेंट डिजाइन एंड ट्रेडमार्क महानियंत्रक कार्यालय के सहयोग से एक दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन शुक्रवार को आर्यभट्ट सभागार में किया गया. यह कार्यशाला आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत की जा रही है. इसमें नेशनल इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एवरनेस मिशन(एनआईपीएएम) की ओर से बौद्धिक संपदा अधिकार के संबंध में जागरूक किया गया.
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आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध समाजशास्त्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. आरएन त्रिपाठी ने कहा कि सभ्यता के आरंभ का सामाजिकता के प्रारम्भ का आधार है परिवार. भारत ने सम्पूर्ण वसुधा को परिवार माना है. उन्होंने कहा कि सामाजिक बीमा परिवार में ही मिलता है
मुख्य वक्ता बंगलुरु नैक के असिस्टेंट एडवाइजर डॉ. नीलेश पांडेय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति सात राज्यों में लागू कर दिया गया है. साल 2017 से नैक एक्रिडिएशन की नई नीति लागू की गई है. महाविद्यालय और विश्वविद्यालय को नैक कराना जरूरी है, इसको कराए बिना महाविद्यालय, विश्वविद्यालय को रिसर्च ग्रांट समेत अन्य ग्रांट नहीं मिलेंगे. डाटा के साथ किसी भी प्रकार का वैरिएशन नहीं होना चाहिए.
कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि यह समझौता राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के अनुरूप दोनों संस्थाओं के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के उन्नयन एवं संवर्धन हेतु कार्य करेगा. इसमें प्रमुख रूप से अन्त संस्थागत शिक्षण, प्रशिक्षण, विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन एवं संवर्धन हेतु विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का आदान-प्रदान के विषयों पर कार्य किया जाएगा.
यह हस्ताक्षर कार्यक्रम विश्वविद्यालय के प्रबंध संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने लखनऊ स्थित ई डी आई के क्षेत्रीय कार्यालय में किया गया. आने वाले समय में इस एमओयू के माध्यम से विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उद्यमिता के लिए प्रशिक्षण, प्रबंधकीय कौशल एवं उद्यमिता की बारीकियों से अवगत कराया जाएगा साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षको को भी कई शैक्षिक लाभ मिल सकेंगे.
कार्यशाला के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरिश्वर मिश्र ने कहा कि राष्ट्र की पहचान अपनी भाषा से होती है. भाषा जीवित तभी रहती है जब उसका उपयोग होता है. भाषा के इस्तेमाल न करने से संस्कृति का नाश हो जाता है. उन्होंने कहा कि देश और व्यक्ति के विकास के लिए मातृभाषा जरूरी है