मंत्री ने गड़हांचल की कई सड़कों का किया निरीक्षण
निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर जताया असंतोष
एक वर्ष के भीतर टूटी सड़क पर किया सवाल तो अधिकारी हुए मौन
आगे क्या होता है इस पर जनता की नजर
बलिया। लोक निर्माण विभाग के सड़कों के निर्माण में चल रहे खेल का एक छोटा सा उदाहरण रविवार को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार उपेंद्र तिवारी की आंखों के सामने साफ दिखा. जब बिलरिया-सलेमपुर की निर्माणाधीन सड़क, साहांव-सिंदुरिया मार्ग व रमापुर (सोहांव) के पास की सड़कों का स्थलीय निरीक्षण किया तो एक भी जगह मानक के अनुरूप कार्य नहीं मिला. साथ में जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत भी थे. यह सब गडबड़ी देख मंत्री का सवाल था ‘कोई एक जगह दिखा दें जहां मानक के अनुरूप कार्य हुआ हो’. दूसरा सवाल था ‘एक वर्ष के भीतर बनी सड़क टूटी कैसे’ ? इन सवालों का लोनिवि के अधिकारियों के पास कोई जवाब नहीं था. ये सब देख मंत्री खफा हुए और साथ में मौजूद जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत को इसकी तकनीकी जांच कराने के बाद जरूरी कार्रवाई के लिए शासन को भेजने को कहा.
इंजीनियरों को चेताया कि स्थानान्तरण नहीं, बल्कि जनता के पैसे के साथ खिलवाड़ करने वालों को दण्ड मिलेगा. सड़कों में प्रयुक्त मैटेरियल के नमूने भी मंत्री अपने साथ लेते गये. जिस सड़क पर निरीक्षण करने मंत्री पहुंचे, सम्बन्धित जेई उसका इस्टीमेट नहीं दिखा पाए.
मंत्री जब एनएच के बिलरिया-सलेमपुर की निर्माणाधीन सड़क पर पहुंचे तो वहां गांव वालों ने निर्माण कार्य में भारी अनियमितता की शिकायत की. मंत्री ने निर्माणाधीन सड़क खुदवाई तो तो 15 सेमी की जगह 8 सेमी गहराई तक ही कार्य मिला. जहां सड़क पिच हुई थी, वहां भी कई जगह मानक के विपरीत कार्य मिला. ताज्जुब की बात यह है कि पहले से सूचना देने के बाद भी जेई कार्य का इस्टीमेट नहीं दिखा पाए. मंत्री ने जेई-एई पर कार्रवाई के निर्देश दिए.
आखिर एक वर्ष में कैसे टूटी सड़क
सड़कों का हाल देखते हुए मंत्री उपेंद्र तिवारी ने सोहांव-सिंदुरिया की सड़क का निरीक्षण किया तो और भी खराब स्थिति मिली. यह सड़क आगे से बनती जा रही है और पीछे से टूटती भी जा रही है. महज एक साल में टूट रही सड़क के बारे में मंत्री ने सवाल किया तो जेई-एई बगल झांकने लगे. सिंदुरिया गांव के पास ग्रामीणों ने और भी संवेदनशील शिकायत की. ग्रामीणों का कहना था कि नक्शा की अनदेखी कर सड़क बनाई जा रही है. इस पर मंत्री ने सड़क के निर्माण में जुड़े सभी कागजात के साथ जेई, एई व एक्सईएन को तलब किया.
ग्रामीणों को सुनते रहे मंत्री
सड़कों के निरीक्षण करते हुए मंत्री जिस-जिस गांव में गये, लोगों की समस्याएं भी सुनते रहे. सिंदुरिया गांव में ग्रामीणों ने पीएम आवास योजना में अनियमितता की शिकायत की. बताया कि सार्वजनिक स्थल पर चस्पा सूची में आधे से अधिक को आवास नहीं दिया गया. मंत्री ने इसकी जांच कराकर दोषी पर कार्रवाई की बात कही. गांव में बनी पानी टंकी भी मात्र बिजली कनेक्शन नहीं होने के कारण चालू नहीं है. जिलाधिकारी से इसको चालू कराने के लिए जरूरी कार्यवाही करने को कहा. कुछ महिलाओं ने पात्र होने के बावजूद पेंशन नहीं मिलने की शिकायत की। मंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश दिए.