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बाढ खत्म होने के बाद जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस का पूरा ध्यान अब हर पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाने पर है. उन्होंने रविवार को सदर तहसील क्षेत्र में हो रही राहत सामग्री वितरण व्यवस्था का जायजा लिया. उन्होंने अधीनस्थों को निर्देष दिया कि गरीब, मजदूर किसानों को वरीयता के आधार पर राहत सामग्री का वितरण होना चाहिए.
जिला पंचायत के डाक बंगले में सोमवार को बाढ़ में डूब कर मरे कुल चार लोगों के परिजनों को दैवी आपदा राहत कोष से चार-चार लाख की सहायता राशि विधायक जयप्रकाश अंचल ने प्रदान की. विधायक अंचल ने बताया कि दुबेछपरा रिंग बन्धे व बन्धे के भीतर बसे गांवों की सुरक्षा के लिए स्परों का निर्माण कराया जाएगा. इसके लिए प्रस्ताव भेज दिया गया हैं.
बलिया में गंगा, घाघरा, तमसा के तेवर में नरमी आई है, हालांकि गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वाराणसी में उफनाई गंगा अब घाटों की सीढ़ियों से उतर चुकी है, बाढ़ का कहर थमने के बाद ग्रामीण इलाकों में लोग बाग अपने घरों को संवारने में जुटे है. बाढ़ के पानी में हालांकि सैकड़ों कच्चे मकान जमीदोज हो चुके हैं, हजारों एकड़ कृषि योग्य जमीन पर खड़ी फसलें बाढ़ में बह गई हैं. खेतों में मेड़ें गुम हो चुकी है, कई इलाकों में मृत पशुओं के शव दुर्गंध फैला रहे हैं, जबकि गांव की पगडंडी दलदली होने के कारण उसमे चलना फिरना दूभर है.
मंगलवार को भोजन पैकेट से भरे वाहनों को खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार और एडीएम के जिला समन्वयक अजीत पाठक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. दुबहर एवं बेलहरी शिक्षा क्षेत्र में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश सिंह के निर्देशन में भोजन पैकेट बनाने तथा बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.
इस बाढ़ से पलिया खास की 7500 आबादी बुरी तरह प्रभावित है. सभी विस्थापित हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक मात्र 250 तिरपाल ही उपलब्ध कराये गये हैं. कहा कि विगत 27 अगस्त को हेलीकॉप्टर द्वारा जो राहत सामग्री गिराई गई थी, उसे दबंगों ने हथिया लिया. पीड़ितों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई. जिससे उनमें काफी आक्रोश है. इस अवसर पर पलिया खास के वर्तमान प्रधान सत्येन्द्र गोंड़, सहित काफी संख्या में बाढ़ पीड़ितो में राहत सामग्री की बाट जोह रहे है. – शिवनारायण यादव (पलिया खास के पूर्व प्रधान )