बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं जवान

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने रविवार को बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया. उन्होंने बैरिया तहसील के सुघरछपरा केंद्र पर श्रीनगर के बाढ़ पीड़ितों को 20-20 किग्रा. आटा व चावल, 04 किग्रा दाल, 10 किग्रा आलू, 05 ली किरोसिन, माचिस, मोमबत्ती, साबुन, बिस्किट, नमक एवं बाल पोषाहार का पैकेट दिया.

बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए लोग आगे आए

भीषण बाढ़ आपदा के कारण आमजन मानस का जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. रसड़ा क्षेत्र के लोग एवं समाज सेवी संस्थाओं ने भी आगे आकार सेवा में लग गये है.

बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए शिविर लगाया

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद तथा भारतीय जनता युवा मोर्चा के तत्वावधान में बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता राशि इकट्ठा करने के लिए संयुक्त रूप से शिविर लगाया गया. जिसका उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रत्याशी एवं वरिष्ठ नेता संजय यादव ने किया.

फेफना विधायक ने राहत में भेदभाव का लगाया आरोप

बाढ़ जैसी दैवीय आपदा में पीड़ितों की सेवा से बड़ा कोई धर्म नही है. ऐसे संकट की घड़ी में सच्ची मन से दिल से सेवा होनी चाहिये. बाढ़ पीड़ित व्यक्तियों के मदद में क्षेत्रवाद, दलवाद और होना चाहिए, लेकिन फेफना विधानसभा क्षेत्र में चन्द लोगो के इशारे पर प्रशासनिक सहायता में भी भेदभाव किया जा रहा है.

कमिश्नर ने मातहतों की कसी नकेल

आयुक्त आजमगढ़ मण्ड़ल नीलम अहलावत ने राहत केन्द्र प्रभारियों को निर्देश दिया कि बाढ़ पीड़ितों को सभी सुविधायें एवं मदद समय से मिल जाय. राहत केन्द्र प्रभारियों की यह जिम्मेदारी है कि बाढ़ पीडितों को कोई तकलीफ न हो.

बीसीडीए की टीम अब बाढ़ पीड़ितों में दवा बांटेगी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. पीके सिंह के अनुरोध पर जनपद के लगभग डेढ़ सौ दवा प्रतिनिधियों, चिकित्सकों के संगठन नीमा तथा बलिया केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसो0 के लोगो ने संयुक्त रूप से बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में आगामी पंद्रह दिनों तक पीड़ितों के बीच दवा वितरण एवं उपचारिता का बीड़ा उठाया है.

दुबे छपरा रिंग बांध वेंटिलेटर पर, भगदड़ सरीखे हालात

बैरिया तहसील अंतर्गत गोपालपुर, उदई छपरा और दुबेछपरा को बाढ़ से सुरक्षा देने वाले रिंग बांध की हालत नाजुक है. शासन द्वारा घोषणा कर प्रभावित गांवों को खाली करवाया जा रहा है.

बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुंच रही राहत सामग्री – तिवारी

सर्वाधिक विषम स्थिति गंगा पार दियारे स्थित ग्रामसभा शिवपुर दीयर नम्बरी, जवहीं तथा परानपुर की है, जहां बाढ़ पीड़ित टकटकी लगाए प्रशासन के राहत कार्यों का प्रतीक्षा कर रहा है.

एनडीआरएफ व पीएसी राहत व बचाव कार्य में जुटी

बाढ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है. एनडीआरएफ की 05 टीमें व 03 फ्लड पीएसी बचाव कार्य में लगी हुई है. बुधवार तक बाढ से प्रभावित गांवों की संख्या 192 तथा प्रभावित जनसंख्या 01 लाख 87 हजार 127 हो गयी है. कुल प्रभावित पशुओं की संख्या 9085 हो गयी है.

बाढ़ राहत में अच्छा काम करने वाले प्रधान पुरस्कृत होंगे -डीएम

बलिया। जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस लगातार बाढ़ राहत शिविरों का जायजा ले रहे हैं. बाढ़पीड़ितों को ज्यादा से ज्यादा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने का वे निर्देश दे रहे हैं. इस दौरान एसपी प्रभाकर चैधरी …

आखिर कैसे गुजारा कर रहे हैं बाढ़ पीड़ित

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विस्थापितों की मदद के लिए आगे आईं स्वयंसेवी संस्थाएं

बलिया जिले में बाढ़ की विनाश लीला से द्रवित होकर कई स्वयंसेवी संस्थाएं विस्थापित लोगों की मदद में हाथ बंटाने लगी हैं.

बाढ़ पीड़ितों ने एम्बुलेंस और दवा की मांग की

जिलाधिकारी ने सबसे पहले प्राथमिक विद्यालय सागरपाली में राहत शिविर का निरीक्षण किया. वहां लेखपाल ही नदारद थे. वहां मौजूद मेडिकल टीम से दवाओं की उपलब्धता आदि के संबंध में पूछताछ की.

रिसाव रोकने के लिए ग्रामीणों ने किया चक्का जाम

रामगढ़ के पास सुघर छपरा के पार नेशनल हाई-वे में हो रहे रिसाव को तत्काल बंद करने की मांग को लेकर स्थानीय ग्रामीणों ने एनएच पर आवागमन बाधित किया. अधिकारियों के बीच-बचाव व रिसाव शीघ्र बंद करने के आश्वासन पर ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ. इस दौरान एनएच पर ट्रैफिक बाधित हुआ.

जिले में चल रही हैं 699 नावें, 62 बाढ़ चौकियां

मंगलवार को गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 60.310 मी है, जो बढ़ाव पर है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड गेजस्थल पर 63.200 मी है और घटाव पर है. टोंस का जलस्तर पिपरा घाट पर 61.90 मी है, जो बढ़ाव पर है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चार मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात

बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जनपद मुख्यालय पर स्वास्थ्य विभाग का एक कन्ट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है, जिसका नम्बर 05498-220782 है। सीएमओ डॉ. पीके सिंह ने बताया कि इसके नोडल अधिकारी डॉ. जेआर तिवारी नामित किये गये है. जिनका मो0 नम्बर 9415285405 है.

सौ साल पुराने रिकार्ड छूने को आतुर हैं गंगा और तमसा

गंगा और तमसा के बढते जलस्तर ने जहां 2003 और 2013 का रिकार्ड तोड़ दिया है. वहीं लोगों को अब यह डर सताने लगा है कि कहीं आज से सौ साल पहले 1916 मे आई प्रचंड बाढ़ वाली भयावह स्थिति न पैदा हो जाए.