Tag: जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय
उभांव थाना क्षेत्र के मझौवा गांव में शुक्रवार को धर्मेंद्र राजभर की बेटी की शादी के दौरान घर पर आई बारात में नाचे में हुई फायरिंग में बारात करने आया गोलू 15 वर्ष पुत्र विजयनाथ राजभर निवासी हर्दिया थाना सिकंदरपुर के पेट में गोली लग गई. गोली लगते ही वहां अफरा-तफरी मच गई. आनन-फानन में किशोर को सीयर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथिमक उपचार के लिये लाया गयाप
अध्ययन के दौरान विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूनम देवी ने बच्चों के खेलकूद के विकास पर माता पिता की भूमिका के बारे में कुछ जानकारी स्वयं दी. अध्ययन के अंतर्गत सहायक प्रोफेसर वंदना सिंह यादव ने बच्चों को बताया की स्वस्थ मस्तिष्क में ही स्वस्थ बुद्धि का विकास होता है तथा बच्चे किस प्रकार की वस्तुओं से खेलना पसंद करते हैं और यह भी बताया कि हर मौसम का अलग अलग खेल होता है.
इस टास्क फोर्स में विश्वविद्यालय के फोरम ‘ लिविंग लिजेंड्स ऑफ बलिया’ के सदस्यों में से प्रो रमेश चन्द्र श्रीवास्तव, कुलपति, डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, समस्तीपुर, बिहार, प्रो गोपाल नाथ तिवारी, पूर्व प्रोफेसर, आई आई टी, दिल्ली, प्रो आनंद चौधरी, आयुर्वेद संकाय, बी एच यू, निर्भय नारायण सिंह, भारतीय रेल सेवा एवं डाॅ अवनीन्द्र सिंह, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर सम्मिलित रहे. जिनके साथ मिलकर कुलपति प्रो कल्पलता पाण्डेय ने विश्वविद्यालय के विकास के लिए विचार विमर्श किया.
डॉ. गोपाल कृष्ण परिहार ने वर्तमान परिस्थिति में ‘संविधान की उपादेयता’ पर आधारित अपना विशिष्ट व्याख्यान दिया. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी प्रतिभागियों को संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, निर्माण समितियों, संविधान की संरचना, मौलिक अधिकार-नीति निर्देशक तत्व-कानूनी अधिकार की संकल्पना व इनके मध्य विभेद से सभी को अवगत कराया. डॉ. परिहार ने संविधान संशोधन प्रक्रिया, न्यायपालिका व कार्यपालिका की भूमिका, इत्यादि के विषय में भी सभी के साथ जानकारी साझा की.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय द्वारा छात्रों को शोध एवं नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया गया. कुलपति द्वारा मुख्य अतिथि को एक औषधि पौधा भेट किया गया. विश्वविद्यालय में हार्टिकल्चर विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि हर्बल वाटिका में लगभग 150 से अधिक विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से परिपूर्ण पौधे लगाए गए है.
प्रो. पाण्डेय जे एन सी यू की कुलपति होने के पूर्व महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के शिक्षा संकाय में विभागाध्यक्ष और संकायाध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुकी हैं. अपने 32 वर्षों के अध्यापनकाल में प्रो. पाण्डेय ने शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय एवं नवाचारी कार्य किये हैं. जिसके लिए प्रो. पाण्डेय को इसके पूर्व भी भारत विकास अवार्ड, इमिनेंट एजुकेशनिस्ट अवार्ड जैसे कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं. शिक्षक शिक्षण के क्षेत्र में आपकी विशेषज्ञता का लाभ जे एन सी यू को भी प्राप्त हो रहा है
प्रोफेसर कल्पलता पाण्डेय ने बताया कि मौलिक विचार मातृ भाषा में ही अधिकतर आते हैं और संपर्क भाषा, क्षेत्रीय भाषा आदि शिक्षा के क्षेत्र में भी सर्वोत्तम आगत को प्रोत्साहन देते हैं. भाषा अधिगम के साथ ही संस्कृति के हस्तांतरण का प्रमुख माध्यम है जो छात्र को शिक्षा व संस्कृति से जोड़ भी सकती है व विमुख भी कर सकती है.
इस बार विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दो फ्लाइंग टीम गठित की गई हैं, जो लगातार परीक्षा-केन्द्रों का निरीक्षण कर रही हैं. फ्लाइंग टीम के प्रभारी डॉ सुचेता प्रकाश ने बताया कि अब तक टीम ने डीएस मेमोरियल बालिका महाविद्यालय से एक, बजरंग महाविद्यालय दादर से दो, अमरनाथ मिश्र पीजी कॉलेज से एक तथा नरहेजी महाविद्यालय से तीन नकलची पकड़े हैं.
कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने जनपद के सेनानियों व साहित्यकारों को याद कर अपने अध्यक्षीय सम्बोधन की शुरुआत की. उन्होंने छात्र-छात्राओं के चहुंमुखी विकास और गांव को बेहतर बनाने के लिए विश्वविद्यालय को कुछ जिम्मेदारियां भी सौंपी. उन्होंने चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय द्वारा 125 से ज्यादा गांवों को गोद लिए जाने की सराहना करते हुए कहा, हम लोगों ने कई नए कार्यक्रम यूनिवर्सिटी के माध्यम से शुरू किए हैं. इसमें टीबी वाले बच्चों को गोद लेना भी शामिल है. इसलिए यह लक्ष्य बनाएं कि इन 125 गांवों में सभी प्रसव अस्पताल में ही हो, तथा एक भी शिशु की मृत्यु नहीं होने पाए. आंगनबाड़ी में अगर कोई भी कुपोषित बच्चा हो तो ग्राम प्रधान को सूचित करते हुए गोद लेने के लिए प्रेरित किया जाए, ताकि बच्चे को स्वस्थ बनाया जा सके.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर कल्पलता पांडेय ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय सभागार में प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि गोल्ड मेडलिस्ट में 75 फीसदी से अधिक छात्राओं की संख्या यह साबित करता है कि जनपद में लड़कियां मेहनत कर रही है. यह यहां के छात्र और छात्रा दोनों के लिए प्रेरणादायी है. उन्होंने कहा कि पिछले दीक्षांत समारोह में मैंने विश्वविद्यालय को बेहतर बनाने के लिए जो भी वादे किए थे, उसमें ज्यादातर पूरे हुए हैं. संकुल बनाने को कहा था. वर्तमान में जनपद में 14 संकुल बनाए गए। एक संकुल में 10 से 12 महाविद्यालयों को रखकर शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर बनाने का प्रयास जारी है। महाविद्यालयों को क्षेत्रीय लोगों के साथ बैठक करने को कहा गया है और उसकी रिपोर्ट भी जमा करने के निर्देश हैं.
कुलसचिव की ओर से पत्र जारी कर कहा गया है कि यदि किसी विद्यार्थी को इसमें आपत्ति है तो वह अपनी शिकायत [email protected] पर 03 जनवरी 2022 तक दर्ज करा सकता है.