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वरिष्ठ समाजसेवी व सपा नेता सूर्यभान सिंह ने भी समाजवादी पार्टी से बैरिया 363 विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी की दावेदारी ठोक दी है. सपा सुप्रीमो मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष के यहां अपना आवेदन देते हुए सूर्यभान सिंह ने तर्क रखा है कि अगर बैरिया विधानसभा क्षेत्र में टिकट बदलता है तो उन्हें प्राथमिकता दी जाए.
लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव जयप्रकाश नगर ग्राम पंचायत कोडरहा नौबरार के समाजसेवी सूर्यभान सिंह द्वारा बीते तीन अगस्त को मुख्यमंत्री व सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को गांव की समस्याओं को लेकर आठ बिंदुओं वाला पत्र लिखा गया था, जिसके जवाब में पत्र आयुक्त आजमगढ़ मंडल व जिलाधिकारी से होते हुए बैरिया उप जिलाधिकारी तक आया और उस पर जांच में तेजी आ गई है.
तो, विफलताओं पर तुष्ट हूं अपनी/ और यह विफल जीवन/ शत–शत धन्य होगा/ यदि समानधर्मा प्रिय तरुणों का/ कण्टकाकीर्ण मार्ग/ यह कुछ सुगम बन जावे ! यह पंक्तियां विफलता – शोध की मंजिलें शीर्षक कविता से उद्धृत हैं. उक्त कविता की रचना 9 अगस्त 1975 को चण्डीगढ़-कारावास में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने की थी. इसमें कोई संशय नहीं कि इस युग पुरुष ने शोध और प्रयोग में ही अपना जीवन गुजार दिया. आज उनकी जयंती है. आइए जानते हैं उन्हीं के शब्दों में उनके गांव के तरुणों का कण्टकाकीर्ण मार्ग किस हद तक सुगम हुआ है. प्रस्तुत है जेपी के गांव से लवकुश सिंह की स्पेशल रिपोर्ट
प्रधान रूबी सिंह ने संध्या प्रहरी लाईट जलाकर इसका उद्घाटन किया. इस गांव के भवन टोला निवासी प्रधान प्रतिनिधि सह सपा नेता सूर्यभान सिंह ने कहा कि जयप्रकाशनगर के इस पंचायत में लगभग 20 हजार की अबादी के बीच यही एक बाजार है, जहां लोग हर दिन सब्जी से लेकर डेली यूज की वस्तुओं की खरीदारी करते हैं. इस बाजार में शाम होने के बाद हमेशा अंधेरे का साम्राज्य था.
आरोप लगाया कि कई बाढ़ प्रभावित गांवों जैसे नौबरार, इब्राहिमाबाद, उदयपुरा बेलहरी, चांदपुर, शिवपुर नम्बरी, शिवपुर दियर, जवहीं कंसपुर आदि गांवों में जो थोड़ी बहुत राहत पहुंच रही है, उससे दलित, गरीब अति पिछड़े वर्ग के लोग वंचित हो रहे हैं क्योंकि क्षेत्रीय दबंगों द्वारा राहत सामग्रियों का बंदरबंाट किया जा रहा है.
जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को तूफानी दौरा किया. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कटान के संवेदनशील स्थानों पर तत्काल सुरक्षा के मुकम्मल उपाय करने का निर्देश सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को दिया.
जलस्तर में बढ़ोत्तरी की रफ्तार यदि यूं ही बनी रही तो गंगा जल्द ही लाल निशान को पार कर जाएगी. गंगा में बढ़ाव के चलते चौबेछपरा गांव के सामने धसका कटान भी शुरू हो चुका है. इसके भय से चौबेछपरा के लोग अपने ही हाथों न सिर्फ आशियानों पर हथौड़ा चला रहे है, बल्कि सुरक्षित ठौर की तलाश में भी जुटे हैं. लेकिन प्रशासन अब भी कुंभकर्णी नींद से नहीं जग सका है.
मंगलवार को अपराह्न जलस्तर 61.590 मीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64.010 मीटर से 2.420 मीटर कम है. सोमवार को घाघरा का जलस्तर 61.155 मीटर दर्ज किया गया था. यह केंद्रीय जल आयोग का आंकड़ा है. पांच दिन तक लगातार घटाव पर रही घाघरा नदी के जलस्तर में बहुत तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है. इसी के साथ कई स्थानों पर कटान से उपजाऊ भूमि नदी में समाती जा रही है. घाघरा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम देखकर तटवर्ती बाशिंदों के होश उड़ गए हैं. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 0.435 मीटर की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. करीब 60 डिसमिल ऊपजाऊ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है. उधर डुंहा स्थित बनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा के लिए कुछ महीने पहले सुरक्षा कवच के ध्वस्त हो जाने से स्थानीय साधु-संतों की भी नींद हराम हो गई है.