बैरिया, बलिया. जनपद मे गंगा की लहरें तबाही मचा रही हैं. बाढ़ का पानी हाई फ्लड लेबल की ओर बढ़ता जा रहा है. इससे बाढ़ एरिया के निचले हिस्सों में बाढ़ का पानी पूरी तरह फैल गया है.
गायघाट गेज पर नदी और हाई फ्लड लेबल 60.390 के बीच सिर्फ 76 सेमी का फासला है, जबकि जलस्तर में प्रति घंटे एक सेमी का बढ़ाव जारी है.
गंगा की से फ्लड एरिया के गांवों में तबाही का मंजर साफ तौर पर दिखने लगा है। दुबहर से लेकर पांडेपुर,बीएसटी बंधा टेंगरही तक एनएच 31 के दक्षिण बसे गांवों के सम्पर्क मार्ग लगभग डूब गये है. इससे लोगों का आवागमन बंद हो गया है.
प्रशासन फिलहाल दूबेछपरा के अलावा अन्य बाढ़ पीड़ित गांवो पर नाव की व्यवस्था भी नहीं कर सका है. पिछले दो दिनों से दर्जनों से अधिक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय में पानी घुस गया है.
लोग सड़क किनारे प्लास्टिक के टुकड़ों के नीचे विवश होकर अपने व अपने परिवार का जीवन गुजार रहे है. बाढ़ के पानी से बैरिया तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोपालपुर व नौरंगा की स्थिति भयावह होती जा रही है.
नौरंगा के लोगों का कहना है कि अब तक प्रशासन ने उनकी सुधि नहीं ली. उधर, केन्द्रीय जल आयोग गायघाट गेज पर सोमवार की सुबह आठ बजे नदी का जलस्तर 59.610 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि यहां हाई फ्लड लेबल 60.390 मीटर है.
जल स्तर में वृद्धि की वजह से आधा दर्जन से भी अधिक गांवों का संपर्क मार्ग टूटा
बैरिया, बलिया. सरयू नदी के जल स्तर में वृद्धि की वजह से आधा दर्जन से भी अधिक गांवों का संपर्क मार्ग टूट गया है. चांददियर गांव के ग्रामीणों का आरोप है की शासन प्रशासन द्वारा आने जाने के लिए नाव एवं राहत सामग्री हम लोग तक नहीं पहुंच रहा है. गांव में आने जाने के लिए भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
प्राथमिक विद्यालय माझी घाट, प्राथमिक विद्यालय पलटू राय के टोला, प्राथमिक विद्यालय बैजनाथ के डेरा, प्राथमिक विद्यालय बकुलहा सहित अन्य जगहों पर भी पानी घुस गया है. जिससे बच्चों को पठन-पाठन के लिए जिलाधिकारी के निर्देशानुसार खंड शिक्षा अधिकारी डीपी सिंह के पहल पर टेंट की व्यवस्था कर पठन-पाठन एवं मिड डे मील का व्यवस्था चालू कर दिया गया है.
बाढ़ क्षेत्र के लोगों का कहना है कि बाढ़ के पानी मे जगह जगह से बहकर आये जीव जंतु लोगों के बीच समस्या का कारण बने हुये हैं. क्षेत्रीय बाढ़ पीड़ित लोगों ने जिलाधिकारी से जनहित में यह मांग किया है कि रात्रि में अनवरत जेनरेटर चलाई जाय जिससे घर छोड़ कर बंधे पर शरण लेने वाले बाढ़ पीड़ित सुरक्षित रह सकें.
(बैरिया संवाददाता शशि सिंह की रिपोर्ट)