मुख्यमंत्री का आदेश भी बेअसर, नहीं मिली ठौर, विधायक की बात भी नहीं सुनते अधिकारी, बाढ़ और कटान पीड़ितों में आश्रय ढूंढने की होड़, कटानरोधी कार्यों में भ्रष्टाचार का बोलबाला – विनोद सिंह
बाढ़ की विभीषिका के बीच गंगा की लहरों ने अपनी गोद में जिन-जिन चीजों को समेट लिया, क्या बाद में किसी ने उन्हें देखा या दोबारा उन चीजों को हासिल किया? इसका जवाब तो हां में कत्तई नहीं होगा.
प्रदेश की सरकार के खिलाफ 17 जनवरी को रामगढ ढाले पर ग्राम सभा गंगापुर, केहरपुर और गोपालपुर तथा ग्राम सभा जगदेवा के हजारों लोगों के साथ प्रदर्शन किया जायेगा.
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बैरिया तहसील क्षेत्र में गंगा नदी फिर बढ़ने लगी है. रविवार को सुबह ही केहरपुर ग्राम पंचायत स्थित स्वामी हरेराम ब्रह्मचारी जी का स्थान गंगा में विलीन हो गया.
केहरपुर, गोपालपुर, दुबेछपरा, उदईछपरा के लोगों की रातों की नीद व दिन का चैन सब कुछ छीन गया है. यह के निवासी बरसात शुरु होने से खत्म होने तक घूंट घूंट कर जीते हैं, न चैन से खाते हैं, न चैन की नीद सो पाते हैं.
बलिया जिले के दूबेछपरा इलाके में रिंग बंधे का बड़ा हिस्सा कटान के दायरे में आ गया है. रात से ही लोग वहां से निकलने की तैयारी करने लगे थे. रिंग बंधे का सम्पर्क टूटा.
गंगा में उफान से तटवर्ती इलाके संकट में घिर गये हैं. केहरपुर गांव के सामने कटान में तेजी से 100 मीटर में 40 मीटर अंदर तक कटान आ गया है. हाल यह है कि पानी टंकी. ब्रह्मचारी आश्रम सहित कई इमारतें और लोगों के घर गंगा के किनारे आ गये हैं.