सनबीम की सुनहली किरणों से दमका ओझवलिया

सनबीम पब्लिक स्कूल, माफी पीपरा के छात्र छात्राओं ने बाढ़ राहत कार्य में पीड़ितों की सेवा कर एक नई मिसाल कायम की.

बाढ़ राहत से क्यों वंचित है करइल क्षेत्र

गंगा और घाघरा के साथ टोंस की बाढ़ से सबसे ज्यादे प्रभावित होता है. सर्वाधिक बाढ़ का कहर गंगा नदी द्वारा भरौली से लेकर ब्यासी, दुबहर, हल्दी, गायघाट, रामगढ़, लालगंज होते हुए मांझी तक बरपाया जाता है.

कैथवली में 300 तो गोविंदपुर में 630 बाढ़ प्रभावित

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने तहसील सदर के बाढ़ से प्रभावित कई गांवों का व्यापक दौरा किया. उन्होंने बाढ्र से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने के बारे में राजस्व विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों से जानकारी ली.

अब फिक्र उनकी जो मौत के मुंह में डेरा डाले रहे

जिले में एक अच्छी खासी आबादी ऐसे लोगों की भी है, जो प्रलय का आभास करवा रही आपदा के दौरान भी किसी न किसी वजह से मौत के मुंह में अर्थात टापू में तब्दील हो चुके अपने घर या गांव में डेरा डाले रहे.

बाढ़ का पानी निकलने के बाद खुले विद्यालय

पहली सितंबर को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के परिषदीय विद्यालय एवं अन्य सरकारी कार्यालय खुल गए. विद्यालयों में बच्चे तो अभी नहीं आ रहे हैं, परंतु ज्यादातर कैंपस की स्थिति बहुत ही खराब है.

कैबिनेट मंत्री नारद राय की बैठक आज 

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय गुरुवार की रात जिले में आ जाएंगे. प्रभारी अधिकारी वीआईपी ने बताया कि मंत्री श्री राय 02 सितम्बर दिन शुक्रवार को 04 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में बाढ़ राहत में लगे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे.

किसी बाढ़ पीड़ित को लोगों ने भूखा नहीं सोने दिया

गंगा व घाघरा का पानी उतरने के साथ बन्धों पर शरण लिए लोग अब अपने घरों को वापस लौटने लगे हैं. वापस लौटेने वाले लोगों का जीवन अब कुछ दिनों तक आंगन से बाहर तक कीचड़ में गुजरने वाला है. घर से बाहर आकर आश्रय लेने और फिर अपने घर वापसी में परिस्थितियां काफी कुछ बदल गयी है.

करेंट से पति की मौत, महिला गंभीर

खेत में निराई गुड़ाई करते वक्त करेंट की चपेट में आकर बृहस्पतिवार को दंपति गंभीर रूप से झुलस गए. जिला अस्पताल में उपचार के दौरान पति ने दम तोड़ दिया. पत्नी की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है.

बाढ़ पीड़ितों के लिए छह टैंकर संचालित

राहत के लिए 62 बाढ़ चौकियां, 62 राहत शिविर, 45 राहत वितरण केंद्र संचालित है. राहत शिविर में 26,600 लोगों ने शरण लिया है. बुधवार तक 41,535 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है. 41 मेडिकल टीमें लगी है और 37,126 लोगों का उपचार किया जा चुका है.

सपा महासचिव ने राहत सामग्री बांटी

सपा के जिला महासचिव मनोज सिह ने बुधवार को गंगा के बाढ व कटान से पीडित शिवपुर कपूर दियर, हृदयपुर व बहुआरा के पीड़ितों में तिरपाल व गुड़ लाई चूड़ा आदि टिकाऊ खाद्यपदार्थो का वितरण किया.

सोहावं में बाढ़ के पानी ने ली अधेड़ की जान

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पानी तो घटने लगा, मगर दुश्वारियां बढ़ने लगीं

बलिया में गंगा, घाघरा, तमसा के तेवर में नरमी आई है, हालांकि गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वाराणसी में उफनाई गंगा अब घाटों की सीढ़ियों से उतर चुकी है, बाढ़ का कहर थमने के बाद ग्रामीण इलाकों में लोग बाग अपने घरों को संवारने में जुटे है. बाढ़ के पानी में हालांकि सैकड़ों कच्चे मकान जमीदोज हो चुके हैं, हजारों एकड़ कृषि योग्य जमीन पर खड़ी फसलें बाढ़ में बह गई हैं. खेतों में मेड़ें गुम हो चुकी है, कई इलाकों में मृत पशुओं के शव दुर्गंध फैला रहे हैं, जबकि गांव की पगडंडी दलदली होने के कारण उसमे चलना फिरना दूभर है.

भोजन के पैकेट पहुंचाने में शिक्षकों ने झोंकी ताकत

मंगलवार को भोजन पैकेट से भरे वाहनों को खंड शिक्षा अधिकारी सुनील कुमार और एडीएम के जिला समन्वयक अजीत पाठक ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. दुबहर एवं बेलहरी शिक्षा क्षेत्र में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. राकेश सिंह के निर्देशन में भोजन पैकेट बनाने तथा बाढ़ पीड़ितों तक पहुंचाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है.

जिनकी रोजी रोटी चली गई, उन्हें तवज्जो

जिलाधिकारी ने एसडीएम समेत अन्य अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिसकी आजीविका चली गयी है, उसे प्राथमिकता पर राहत सामग्री पहले दी जाए. मंगलवार को सोहांव ब्लाक से बेलसीपाह, बसंतपुर, गोविन्दपुर भरौली गांव के बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत सामग्री दी जा रही थी.

जलपरी श्रद्धा शुक्ला पहुंची मानिकपुर

28 अगस्त से शुरू हुआ था अभियान. उफनाती गंगा में कानपुर से वाराणसी तक 570 किलोमीटर तैरेगी नन्ही जलपरी. 200 किलोमीटर तैर कर मानिकपुर पहुंची. 13 साल की श्रद्धा शुक्ला गंगा की उफनती लहरों के बीच कानपुर से वाराणसी तक का सफर तय कर नया रिकॉर्ड बनाने के सफर पर रविवार को रवाना हुई थी.

दवा व्यापारियों ने बांटी भोजन सामग्री व दवाइंया

बीसीडीए के अध्यक्ष आनन्द सिंह के नेतृत्व में जिले के दवा दुकानदारों मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीके सिंह के अनुरोध पर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ जनित रोगो के इलावा बुखार, सर्दी आदि की ओषधियों और भोजन के पैकेट व फल आदि का एकजुट होकर दवा व्यवसायियों ने बाढ़ पीड़ितों के बीच वितरित किया.

सहायता को आगे आया चेम्बर आफ कॉमर्स

सोमवार को लाइफ लाइन संस्था के सहयोग एवं चैम्बर आफ कामर्स के संयोजकत्व में जनपद में आए भीषण बाढ़ के कारण त्रासदी झेल रहे बाढ़ पीड़ितों के लिए आट, दाल, चावल, चूड़ा, गुड़ एवं साथ ही कुछ दवाइयों के रूप में 4000 पैकेट स्थानीय एनडीआरएफ की टीम को सुपुर्द किया गया.

हेलीकॉप्टर से गिराई राहत सामग्री, हथिया लिए दबंग

इस बाढ़ से पलिया खास की 7500 आबादी बुरी तरह प्रभावित है. सभी विस्थापित हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा अभी तक मात्र 250 तिरपाल ही उपलब्ध कराये गये हैं. कहा कि विगत 27 अगस्त को हेलीकॉप्टर द्वारा जो राहत सामग्री गिराई गई थी, उसे दबंगों ने हथिया लिया. पीड़ितों तक राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई. जिससे उनमें काफी आक्रोश है. इस अवसर पर पलिया खास के वर्तमान प्रधान सत्येन्द्र गोंड़, सहित काफी संख्या में बाढ़ पीड़ितो में राहत सामग्री की बाट जोह रहे है. – शिवनारायण यादव (पलिया खास के पूर्व प्रधान )

कोताही पर कोटेदार का निलम्बन, प्रधान भी राडार पर

जिलाधिकारी ने एसडीएम को निर्देश दिया कि जो कोटेदार बाढ़ प्रभावित गांव में राशन आदि का वितरण नहीं करता है तो उसके कोटे की दुकान को तत्काल निलम्बित कर दिया जाय. राशन आदि का उठान न होने पर ग्राम प्रधान के विरूद्ध भी कार्रवाई की जाए.

धनीपुर से हल्दी तक मजबूत होगा रिंग बंधा – नारद राय

धनीपुर से हल्दी तक बने रिंग बंधे को और मजबूत बनाया जाएगा. राज्य सरकार इस मुद्दे पर बात कर ऐसी व्यवस्था बनाई जाएगी, ताकि बाढ़ की विभीषका से स्थाई तौर पर बचा जा सके. ऐसा कहना है प्रदेश के विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री नारद राय का. सोमवार को श्री राय बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे पर थे.

बाढ़ पीड़ितों के हमले में सिपाही और लेखपाल घायल

हल्दी थाना क्षेत्र अंतर्गत गंगापुर गांव में सोमवार को राशन बांटने के दौरान बाढ़ पीड़ितों के हमले में हल्दी थाने का एक सिपाही और लेखपाल घायल हो गया.

नीरज शेखर ने सुनीं बाढ़ से विस्थापितों की पीड़ा

जिला प्रशासन, समाजसेवी संस्थाओं तथा कुछ अन्य लोगों के व्यक्तिगत प्रयास से बाढ़ पीड़ितों के बीच राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है, लेकिन इस भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगो की संख्या इतनी ज्यादा है कि अब भी तमाम सुदूर क्षेत्रों मे राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है, जिससे लोगो में आक्रोश है.

दो सौ गांवों के पौने तीन लाख लोग बाढ़ की चपेट में

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस के निर्देशन में बाढ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव एवं राहत कार्य तेजी से किया जा रहा है. रविवार तक 206 गांवों की कुल 02 लाख 85 हजार 640 जनसंख्या तथा 16115 पशु बाढ़ से प्रभावित हुए है.