क्षेत्र के घाघरा नदी का पानी निरंतर धीमी गति से घटान पर है, इसी के साथ क्षेत्र के विभिन्न दियारों में कटान भी जारी है. पानी घटने से दियारे के किसान जहां खुश हैं, वही कटान प्रभावित किसानों में चिंता व्याप्त है.
पुलिस अधीक्षक सुजाता सिंह शनिवार को अचानक दतहां टीएस बन्धे पर पहुंची. वहां उन्होंने घाघरा के बढ़ाव सहित टीएस बन्धे के बाबत अपने अधीनस्थों एवं राजस्व विभाग के कर्मियों से जानकारियां प्राप्त की.
दुबेछपरा पास 29 करोड़ की लागत से हो रहे कटानरोधी बचाव कार्य की धीमी गति पर मिल रहे चौतरफा दबाव के बाद भी बाढ़ विभाग और ठेकेदारों के अड़ियल रवैये में कोई परिवर्तन होता नहीं दिख रहा है.
कई दिनों से उफान पर रही घाघरा नदी का पानी फिलहाल स्थिर हो गया है. इसी के साथ पानी के तेज बहाव व पुरवा हवा के दबाव के चलते विभिन्न दियारों में कटान तेज हो जाने से वहां के किसानों में चिंता एवं दहशत पैदा हो गई है.
जैसे जैसे गंगा नदी के जल स्तर में वृद्धि हो रही है. वैसे-वैसे नदी किनारे बसे गांवों के लोगों की धड़कनें तेज होती जा रही हैं. आलम यह है कि कई बार बाढ़ की विभीषिका में अपना सब कुछ गंवा चुके गंगा के तीर पर बसे लोगों में जून जुलाई के महीने में हमेशा भय बना रहता है.
जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने मंगलवार को घाघरा नदी से हो रही कटान की स्थिति व हो रहे कटानरोधी कार्यों का जायजा लिया. उन्होंने बाढ विभाग के अधिकारियों को कटानरोधी कार्य युद्धस्तर पर कराने के निर्देश दिए.
मानसून के सक्रिय होने के बाद हर ओर हो रही जबरदस्त बारिश से नदियों में भी पानी का स्तर बढ़ने लगा है. इसकी वजह से जिले में गंगा व घाघरा दोनों ही नदियों के तेवर भी तल्ख होने शुरू हो गए हैं.
मझौवा (बलिया)। बैरिया तहसील क्षेत्र के दुबेछपरा में चल रहे कटानरोधी कार्यों में बारिश और बाढ़ विभाग के अधिकारियों व ठेकेदारों के बीच कठीन दौर का सिलसिला जारी है. बारिश खुलने पर कभी कटानरोधी …
बैरिया तहसील क्षेत्र में ही बिहार की सीमा से सटे यूपी का एक पंचायत है इब्राहिमाबाद नौबरार. इसे लोग अठगांवा के नाम से भी जानते हैं. घाघरा कटान से तबाही की एक भयानक दास्तां को समेटे इस गांव की आबादी घाघरा के उफान पर आते ही सहम जाती है.
बैरिया तहसील क्षेत्र के दुबेछपरा, गोपालपुर में चल रहे कटानरोधी कार्य में बारिश रोड़ा बनी हुई है. उधर, गंगा के जल स्तर में धीरे-धीरे बढ़ाव का क्रम शुरू हो जाने के कारण विभाग के हाथ पांव फूलने शुरू हो गए हैं.
सम्भावित बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है. बाढ़ की आपदा के दौरान कैसे लोगों को बेहतर से बेहतर राहत दिलाई जा सके, इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी ने बैरिया व सदर तहसील के लेखपालों के साथ बैठक कर जरूरी टिप्स दिये.
दुबेछपरा गोपालपुर को गंगा के बाढ़ व कटान के कहर से बचाने के लिए हो रहे कार्य से ग्रामीणों को सन्तुष्टि नहीं मिल पा रही है. यूँ तो बांध बना कर इन गावों को सुरक्षित करने का लक्ष्य 30 जून तक ही का था.
जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने मंगलवार को पूरे दिन गंगा किनारे कटान वाले क्षेत्रों में भ्रमण करते रहे. उन्होंने जरूरतमंद जगहों पर कटान से बचाव कार्य करने के निर्देश दिये. वहीं कई जगह हो रहे कार्य में और तेजी लाने को कहा.
बैरिया तहसील अंतर्गत केहरपुर, सुघर छपरा के कटान पीड़ित ग्रामवासियों की तरफ से चल रहे सुघर छपरा ढाले पर बेमियादी अनशन को रविवार को देर शाम बैरिया उपजिलाधिकारी अरविंद कुमार ने कड़ी मशक्कत के बाद जूस पिलाकर तोड़वाया.
गंगा की बाढ़ व कटान से बचाव के लिए दुबे छपरा में चल रहे कार्य पर ग्रामीण असंतोष जता रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जिस रफ्तार से काम हो रहा है, इसी तरह से होता रहा तो इस साल भी बाढ़ के पानी में करोड़ों रुपये बह जाना तय है.
बैरिया तहसील क्षेत्र में ही बिहार की सीमा से सटे एक पंचायत है, इब्राहिमाबाद नौबरार. इसे लोग अठगांवा के नाम से भी जानते हैं. घाघरा कटान से तबाही की एक भयानक किस्से को समटे इस गांव की बची आबादी आज भी तब के हालात की कल्पना कर कांप जाती है.
भारतीय जनता पार्टी के क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने शनिवार को दुबे छपरा से लगभग चार किलोमीटर मानव श्रृंखला खड़ी करके सिंचाई विभाग के अधिकारियों, उच्चाधिकारियों के खिलाफ संघर्ष का ऐलान कर दिया.
सिकन्दरपुर तहसील क्षेत्र के गोसाईपुर गांव में सोमवार की शाम को राख की चिंगारी से आग लग गई. उधर, रेवती क्षेत्र के भैंसहां ग्राम सभा की नई बस्ती में बीते रविवार की शाम लगी आग आधा दर्जन परिवारों को बेघर कर दिया.
खरिका ग्राम सभा के कल्याणपुर गांव की पासवान बस्ती में रविवार की भोर लगी आग से पांच लोगों की एक दर्जन रिहायशी झोपड़ियां व घर में रखा सारा सामान जल कर नष्ट हो गया