सेमरा शिवराय का पुरा में अर्धनग्न हो जल सत्याग्रह कर कटान पीड़ितों ने जताया रोष

मुहम्मदाबाद क्षेत्र के सेमरा शिवराय का पुरा के कटान प्रभावित ग्रामीणों ने अपने गांव को कटान से बचाने के लिए रविवार को गंगा के पानी में खड़ा होकर जल सत्याग्रह किया.

जेपी का गांव : जब हो गए कंगाल, तब याद आई सिताबदियारा सुरक्षा बांध

वर्ष 2011 से 2016 तक यूपी-बिहार ने मिलकर लगभग 70 करोड़ रुपये घाघरा में कटान रोकने के नाम पर बहा दिए. इसके बावजूद भी गांव घाघरा कटान से सुरक्षित नहीं हो सके.

बदलने लगा है घाघरा का तेवर, जल स्तर में वृद्धि

घाघरा नदी का जलस्तर फिर तेजी से बढ़ रहा है. नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते भविष्य में उससे होने वाली जमीन व फसलों की क्षति की आशंका से दियारा क्षेत्र के किसान चिंतित हैं.

गंगा से कटान रोकने के हरसम्भव उपाय करेंगे – डीएम

रामगढ़ के पास गंगा नदी से कटान होने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने कटानस्थल पर पहुंचकर जायजा लिया. उन्होंने ग्रामीणों से भी बातचीत की. कटान की स्थिति की विस्तार से जानकारी ली. बाढ़ विभाग के अधिशासी अभियंता को निर्देश दिया कि कटान को रोकने की हरसम्भव प्रयास जारी रखें.

गंगा का जलस्तर घटाव पर, मगर कटान से धुकधुकी

गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 56.02 मीटर है, जो घटाव पर है और खतरा बिन्दु से नीचे है. मगर गंगा का कटान द्वाबा के तटवर्तियों की धुकधुकी बढाए हुए है. इसीके मद्देनजर मंगलवार को रामगढ़ में गंगा के कटान का जायजा लेने पहुंचे जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस और पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी.

शिवपुर कपूर दियर का शवदाह गृह भी कटान को भेंट

लालगंज के शिवपुर कपूर दियर में स्थित शवदाह गृह कटान की जद में आऩे की वजह से ढह गया है. शवदाह गृह में दो शेडों में एक का अतापता भी नहीं है, जबकि दूसरा वहीं उलटा पड़ा है. शवदाह गृह के साथ वहीं बना कार्यालय और शौचालय भी अस्त व्यस्त हो गया है.

खतरे की घंटी बजा चुकी गंगा फुल फॉर्म में

जलस्तर में बढ़ोत्तरी की रफ्तार यदि यूं ही बनी रही तो गंगा जल्द ही लाल निशान को पार कर जाएगी. गंगा में बढ़ाव के चलते चौबेछपरा गांव के सामने धसका कटान भी शुरू हो चुका है. इसके भय से चौबेछपरा के लोग अपने ही हाथों न सिर्फ आशियानों पर हथौड़ा चला रहे है, बल्कि सुरक्षित ठौर की तलाश में भी जुटे हैं. लेकिन प्रशासन अब भी कुंभकर्णी नींद से नहीं जग सका है.

तटवर्ती इलाकों में घाघरा पूरे उफान पर

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को अपराह्न घाघरा का जलस्तर 62.020 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 1.990 मीटर कम है. केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 24 घंटे से चार से पांच सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जलवृद्धि हो रही है. जनपद के आखिरी छोर पर बसे बिल्थरारोड के तटवर्ती इलाकों में घाघरा पूरे उफान पर है. नदी के जलस्तर में तेजी से जारी बढ़ाव के कारण अब चेतावनी लेवल से महज 30 सेमी दूर रह गई है. यहां शाम छह बजे नदी का जलस्तर 62.710 मीटर दर्ज किया गया. तुर्तीपार हेड पर चेतावनी लेवल 63.010 मीटर रिकार्ड है. आशंका है कि गुरुवार की सुबह तक नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल पार कर जाएगा.

घाघरा की खौफनाक लहरें लाल निशान छूने को बेताब

मंगलवार को अपराह्न जलस्तर 61.590 मीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64.010 मीटर से 2.420 मीटर कम है. सोमवार को घाघरा का जलस्तर 61.155 मीटर दर्ज किया गया था. यह केंद्रीय जल आयोग का आंकड़ा है. पांच दिन तक लगातार घटाव पर रही घाघरा नदी के जलस्तर में बहुत तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है. इसी के साथ कई स्थानों पर कटान से उपजाऊ भूमि नदी में समाती जा रही है. घाघरा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम देखकर तटवर्ती बाशिंदों के होश उड़ गए हैं. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 0.435 मीटर की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. करीब 60 डिसमिल ऊपजाऊ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है. उधर डुंहा स्थित बनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा के लिए कुछ महीने पहले सुरक्षा कवच के ध्वस्त हो जाने से स्थानीय साधु-संतों की भी नींद हराम हो गई है.