सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने में महिलाओं की अहम् भूमिका- कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र के सन्देश में कुलपति प्रो निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि महिलाएँ सदियों से सांप्रदायिक सदभाव को कायम रखने में अहम् भूमिका निभाती आ रही है। बच्चों की पहला शिक्षिका उनकी माँ होती है। बचपन से ही सांप्रदायिक सदभाव का पाठ महिलाएं अपने बच्चों को देती रहती है। घरवालों, पड़ोसियों एवं समाज के बीच सांप्रदायिक सदभाव बनाने में महिलाओं हमेशा अग्रसर होती है। वहीं कामकाजी महिलाएं अपने कार्य स्थल पर सांप्रदायिक सदभाव का मिशाल देती रहती है।

जेएनसीयू में ‘बलिया: एक पुनरावलोकन’ संगोष्ठी का हुआ आयोजन

जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने अपने विचार रखें उन्होंने कहा कि आम जन के सहयोग से बलिया के विकास को लगातार सुनिश्चित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सुरहा ताल में 10 दिसम्बर से नौकायन शुरू किया जा रहा है. इसी प्रकार यहाँ की सब्जियों के कई देशों में निर्यात की व्यवस्था भी की गई है.

सद्भाव दौड़ को कुलपति ने दिखाई हरी झंडी

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने सद्भाव दौड़ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का उद्देश्य एक ही है। सभी धर्मों का मूल तत्व इंसानियत है। लोगों को एक दूसरे के धर्मों के बारे में जानकारी होनी चाहिए। छात्रों को मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरिजाघर आदि में भी जाना चाहिए।

ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बलिया निवासी डा. राजेश कुमार पाठक को बेस्ट यंगेस्ट वाइस चांसलर 2022 के अवार्ड से किया गया सम्मानित

डा. राजेश कुमार पाठक का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के पठखौली गांव में हुआ था.
बचपन से ही उन्होने कठिन परिश्रम और ईमानदारी से समाज में शिक्षा के क्षेत्र में कुछ ईमानदार पहल करने की ठानी. जिसके चलते 22 सालों की ईमानदारी और कठिन प्रयासों ये वो शिक्षा के अमूल चूक परिवर्तन करने में सहायक बने.

कुलपति की पुस्तक ‘गर्भ संस्कार: एक उत्कृष्ट परंपरा’ का राज्यपाल ने किया विमोचन

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में एक संस्कार गर्भ संस्कार भी है. इस संस्कार को आत्मसात करके हम शिशु के अंदर अच्छे संस्कार प्रदान कर सकते हैं. गर्भवती महिलाओं के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण होता है. अधिकतर महिलाएं जागरूकता के अभाव में इस पर ध्यान नहीं देती हैं. उनका मानना है कि भ्रूण से शिशु के साथ उसके संस्कार का भी जन्म होता है.

एमओयू के माध्यम से पीयू को मिलेगी उच्च तकनीकी : कुलपति

कुलपति प्रोफेसर निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि एम ओयू के माध्यम से बच्चों और फैकल्टी के साथ इंटरेक्शन होगा. इसमें महाविद्यालय के फैकल्टी और विद्यार्थियों को भी जोड़ा जाएगा. विश्वविद्यालय एमओयू के माध्यम से उच्च तकनीकी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास कर रहा है. इस संस्था का उद्देश्य इनक्यूबेशन सेंटर में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना, विद्यार्थियों के स्टार्टअप को गति देने में सहायता करना उद्यमिता के संबंध में सरकार की योजनाएं और उसके प्रोजेक्ट को कैसे बनाया जाए पर विस्तार से प्रशिक्षण देगी.