रसड़ा में नगर से लेकर गांव तक एक्शन मोड में पुलिस

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के मद्देनजर नगर सहित ग्रामीण अंचलों में पुलिस एक्शन मोड में है. पुलिस ने अफवाह फैलाने वालों की तुरंत सूचना देने के लिए कहा.

पशु आश्रय स्थल पर चारा नहीं मिला तो जिम्मेदार पर होगी कार्रवाई

डीएम ने जिले के पशु आश्रय स्थलों की व्यवस्था के लिए संबंथित अथिकारियों को निर्देश दिये. गांवों में सार्वजनिक जमीन से अतिक्रमण हटवाने के लिए निर्देश दिये.

अदालत के फैसले को लेकर बांसडीह तहसील में मुस्तैद रहा प्रशासन

उच्चतम न्यायालय के राम मन्दिर-बाबरी मस्जिद प्रकरण के फैसलों को लेकर शासन-प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहे. हर चट्टी चौराहों पर भारी पुलिस बल तैनात किये गये हैं.

ट्रक की टक्कर से बाइक सवार पिता-पुत्र की दर्दनाक मौत

बांसडीह रोड थाना क्षेत्र के शंकरपुर गांव के समीप बस की टक्कर से बाइक सवार पिता-पुत्र की घटनास्थल पर ही दर्दनाक मौत हो गई.

नुकसान की भरपाई के लिए सौंपा ज्ञापन

सुरहाताल और दहताल में पानी बढ़ने से बांसडीह के ब्लॉक बांसडीह और बेरुआरबारी के कुछ गांवों में पानी घुस गया है. घर और फसल का भारी नुकसान हुआ है.

बलिया को आपदाग्रस्त घोषित करे सरकार : राम गोविंद

बाढ़ और बारिश से लोगों की परेशानी को देख नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौथरी ने राज्य सरकार से बलिया को आपदाग्रस्त जिला घोषित करने की मांग की है.

गांव की आबादी न बताने पर लेखपाल को मंत्री की फटकार

दौरे पर निकले राज्यमंत्री उपेंद्र तिवारी जब रामपुर चिट गांव पहुंचे उन्होंने लेखपाल को बुलवाया. गांव की जनसंख्या न बताने पर लेखपाल को मंत्री ने फटकार लगायी

दुबेछपरा रिंगबन्धा गंगा में विलीन, 41 करोड़ का नुकसान

दुबेछपरा रिंगबान्ध गंगा की तेज धाराओं से कट कर बह गया. करीब तीन सौ मीटर की परिधि में बहने से आधा दर्जन से अधिक गांवो की 50 हजार की आबादी प्रभावित हुई.

गंगा उफान की रफ्तार से केहरपुर और आसपास के गांव संकट में

गंगा में उफान से तटवर्ती इलाके संकट में हैं. केहरपुर गांव के सामने कटान में तेजी से 40 मीटर अंदर तक आ गया है. लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगे हैं.

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बलिया के लल्लन की बिजली गिरने से फरीदाबाद में मौत

बलिया जिले में हुई विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में चार लोग घायल हो गये. पहली घटना बेल्थरा रोड पर ट्रैक्टर ट्राली और बाइक की टक्कर में युवक घायल हो गया

अब तो मेरा गांव शहर में रहता है और मेरा शहर….???

आपका पुश्तैनी घर अब बूढ़ा गया है और धीरे-धीरे उसके मुंडेर गिर रहे हैं. साज-सज्जा और प्लास्टर अब दीवार से अलग हो रहे हैं. उस जगह पर अब दिन भर कुत्ते बैठते हैं, जहां से घर के बड़े बुजुर्ग (बाबा) सबको डांटते, बोलते और गरियाते थे. ट्रैक्टर जहां खड़ा होता था, वहां अब दीमक और चींटियों का डेरा है.

व्हाट्स ऐप पर घूंघट जो दिखा सरकते हुए, गांव से होकर हवाएं भी पहुंची महकते हुए

यह युगल अब तक साठ से ज्यादा बसंत देख चुका है. ये डाक्टर साहब हैं और बगल में वाम अंगी उनकी धर्म पत्नी हैं ” सीता संवारों पीत वाम भागम ” की तर्ज पर बेहद जंच रही हैं. ये उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग से कुछेक साल पहले हीं सेवानिवृत हो चुकी हैं.