प्रति घंटा दो सेमी बढ़ाव से सरयू के तटवर्ती इलाकों में तबाही शुरू

बांसडीह में हजारों एकड़ धान की फसलें डूबीं, बैरिया, रेवती, बेल्थरारोड, सिकंदरपुर में भी मचल रही सरयू

सपा नेता मनोज सिंह ने बैरिया विधायक पर आरोपों की झड़ी लगा दी

छोटे-छोटे मुद्दे पर अपना बयान देकर जनता को गुमराह करने वाले विधायक इन मुद्दों पर चुप क्यों हैं?

सरयू का तेवर यूं ही बना रहा तो संसार टोला बांध को भी खतरा

बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र सरयू नदी के तटवर्ती इलाके में माझी जयप्रभा सेतु से सठिया ढाला तक तथा उसके आगे नई बस्ती तक हो रही कटान से तटवर्ती लोगों की चिंता बढ़ …

जलस्तर में लगातार वृद्धि, हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन घाघरा की जद में

नदी का रौद्र रूप देखकर किसानों के माथे की चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं

Live Video ऐसे में कटान से कैसे बचेगा नौरंगा? यही यक्ष प्रश्न है

नौरंगा में हो रहे कटान रोधी कार्य में अनियमितता का आरोप, अब तक हुए कार्यों की उच्च स्तरीय जांच की मांग

गंगा तो थिराई, मगर किसान कर रहे त्राहिमाम, सरयू मइया से लगा रहे गुहार

सरयू नदी की मुख्यधारा बिहार को छोड़ यूपी का रुख की, 50 से अधिक किसानों के 200 बीघा परवल की फसल सहित उपजाऊ भूमि नदी की मुख्यधारा में विलीन

टीएस बंधे की स्थिति नाजुक, सुल्तानपुर और जयनगर के बीच हल्का रिसाव

सरयू के जलस्तर वृद्धि से घरों तक पहुंचा पानी, हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि समाहित

बांसडीह के किसानों के लगभग हजारों एकड़ खेत सरयू में समाहित

सुरसा की तरह आए दिन नदी कई बीघा उपजाऊ जमीन को अपने आगोश में ले रही है. पेड़ भी नदी में समाहित हो रहे हैं.

सरयू की लहरें हाई फ्लड लेवल की ओर, गंगा के जलस्तर में भी बढ़ाव

गंगा और सरयू में बढ़ाव जारी रहने के चलते अब नदी के पेटे से कई स्थानों पर ऊपर पानी आने लगा है

बैरिया विधायक ने बाढ़ विभाग के जेई और ठेकेदारों की क्लास लगाई

कहा – भगवान और गंगा मैया की कृपा रहेगी तो 2 लेयर ही सुरक्षा के लिए पर्याप्त

पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आघात : कान्ह जी

सपा प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना का संकट घटने के बजाय और बढ़ता ही जा रहा है. संक्रमण और मौतों की बढ़ती संख्या चिन्ताजनक है.

दो दिन घटाव के बाद सरयू में फिर उफान, इलाकाई किसानों में खौफ

दियारा क्षेत्र के रिगवन छावनी, नवकागाँव, बिजलीपुर, कोटवा, मल्लाहि चक, चक्की दियर, टिकुलिया, पर्वतपुर, रघुबर नगर आदि गाँवों के किसानों के लगभग हजारों एकड़ खेत घाघरा में समाहित

रामगढ़ ढाले पर दूसरे दिन भी जारी रहा क्रमिक अनशन, सौंपा मांग पत्र

विनोद सिंह ने दो टूक कहा, सुबह तक हमारी इन मांगों का जवाब नहीं मिला तो कल से मैं अन्न जल त्याग कर यहीं रामगढ में बेमियादी अनशन पर बैठ जाऊंगा

गंगा और घाघरा तो घटाव पर, मगर कटान का सिलसिला जारी

बीते दो दशक में गंगा का जलस्तर जुलाई में इतना कभी नहीं बढ़ा, जितना इन दिनों है

सरयू की ठसक बरकरार, गांवों में पानी घुसने से ग्रामीणों में दहशत

मनियर से लेकर रेवती होते हुए बैरिया तक घाघरा नदी का पानी बढ़ता ही जा रहा है

सरयू ने उड़ाई नींद, 1998 को याद कर सिहर उठ रहे किसान

मंगलवार की सुबह 8 बजे डीएसपी हेड पर 64.190 मापा गया, जबकि खतरा बिंदु 64.01 है, उच्चतम खतरा बिंदु 66.00 है.

56 गाँवों की लगभग 85,000 आबादी का संकट गहराया

कहर बरपाने लगा है नेपाल के पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश का पानी, घाघरा नदी के जलस्तर में अनवरत वृद्धि जारी

कोरोना के 49 नए केस मिलने पर कमिश्नर की तनी भृकुटी

गलत रिपोर्टिंग पर जिला सर्विलांस अधिकारी को लगायी कड़ी फटकार, दायित्वों के निर्वहन में उदासीनता पर उच्चाधिकारी से की सीएमओ की शिकायत

मंत्री जी का प्रोग्राम कैंसिल, कटानरोधी काम ‘फिर बैतलवा डाल पर’

विभाग और ठेकेदारों की मंशा यही है कि बाढ़ का पानी बढ़ जाए तो सारा काम उसी में पूरा दिखा कर भुगतान उठा लिया जाए – विनोद सिंह

सपा नेता मनोज सिंह ने कहा, यूपी में ला ऐंड आर्डर फेल हो चुका है

सैकड़ों एकड़ जमीन गोपाल नगर, मानगढ़, चाई छपरा के किसानों का घाघरा के कटान में समाहित हो चुका है, इस पर किसी का ध्यान नहीं है.

घाघरा लाल निशान छूने को बेताब, मनियर और बिल्थरारोड में खौफ

बिल्थरारोड के चैनपुर गुलौरा, तुर्तीपार, हल्दीरामपुर आदि क्षेत्रों में तेजी से कटान हो रही है. कृषि भूमि कट-कट कर नदी की जलधारा में विलीन हो रही है. चैनपुर गुलौरा में टीएस बंधे तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है.

अब तो गंगा मइया के भरोसे ही हैं द्वाबा के तटवर्ती ग्रामीण

अब गंगा मैया पर ही भरोसा बचा है. बैरिया विधानसभा क्षेत्र के गंगा तटवर्ती गांव की डेढ़ लाख आबादी सहमी हुई है. बाढ़ कटान से सुरक्षा के लिए गंगा की धारा को मोड़ने के लिए चल रहे ड्रेसिंग कार्य और पारकोपाइन पद्धति से हो रहे कार्य पर प्रभावित ग्राम वासियों को उतना भरोसा नहीं, जितने दंभ भरा जा रहा है.

घाघरा के तल्ख तेवर देखर प्रशासन एलर्ट मोड में, किसानों की नींद हराम

एक तरफ कोरोना महामारी की त्रासदी तो दूसरी तरफ घाघरा नदी के उग्र रूप से लोगों में मायूसी छाने लगी है. बता दें कि मनियर इलाके में घाघरा नदी ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. तीन दिन पहले से नदी में जलस्तर बढ़ने के साथ – साथ कटान भी शुरू हो गया है.

पहली बारिश से घाघरा का तांडव शुरू, 40 बीघा खेत घाघरा नदी में समाहित

पहले ही बारिश से घाघरा नदी का तांडव शुरू हो गया है. रिगवन गाँव के पूरब छावनी के पास खेतों के कटान के साथ पेड़ भी धराशायी होकर घाघरा नदी में समाहित होते दिख रहे हैं.

गंगा से साल भर बाद सुरक्षित बाहर निकल आई प्रतिमा

बाढ़ की विभीषिका के बीच गंगा की लहरों ने अपनी गोद में जिन-जिन चीजों को समेट लिया, क्या बाद में किसी ने उन्हें देखा या दोबारा उन चीजों को हासिल किया? इसका जवाब तो हां में कत्तई नहीं होगा.