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बांसडीह (बलिया) से रवि शंकर पांडेय
कोरोना महामारी में लोग परेशानी में हैं. उधर, सरयू (घाघरा) नदी के तेवर भी तल्ख हैं. बाँसडीह तहसील अंतर्गत रामपुर नम्बरी गांव में घाघरा नदी का पानी घुस चुका है. अब ग्रामीणों में दहशत है. हालांकि घाघरा नदी के जलस्तर में घटाव के संकेत हैं, लेकिन उफान जारी रहने के चलते खतरा बरकरार है. गुरुवार को सुबह 8 बजे डीएसपी मीटर गेज पर घाघरा नदी का जलस्तर 64.400 मापा गया, जबकि खतरा बिंदु 64.01 है. इस प्रकार घाघरा नदी खतरा बिंदु से ऊपर ही उफान पर है.
घाघरा नदी के तटीय इलाकों में संकट गहराया
घाघरा नदी के तटीय इलाकों में प्रभावित गांवों में तहसील प्रशासन का लगातार भ्रमण कर रहा है. उप जिलाधिकारी दुष्यंत कुमार मौर्य ने बताया कि शासनादेश के निर्देशानुसार, तहसीलदार गुलाब चन्द्रा सहित क्षेत्रीय लेखपालगण लगातार जायजा ले रहे हैं. ताकि किसी को कोई परेशानी न हो सके. मनियर से लेकर रेवती होते हुए बैरिया इलाका तक घाघरा नदी का पानी बढ़ते जा रहा है. नजर हर तरफ बनी हुई है. बता दें कि किसानों के हजारों एकड़ उपजाऊ खेत घाघरा नदी में समाहित हो चुके है. वहीं ककरघट्टा, नवका गांव, रिगवन छावनी, मलाही छावनी, टिकुलिया सहित दर्जनों गांवों को अपने जद में लेने को घाघरा नदी उतारू है. यही वजह है कि ग्रामीणों का हौसला पस्त है.
खादीपुर-सुल्तानपुर के ग्रामीणों संग प्रशासनिक अधिकारियों ने बैठक की
बांसडीह तहसील क्षेत्र के खादीपुर-सुल्तानपुर में उपजिलाधिकारी बांसडीह दुष्यंत कुमार मौर्य की अध्यक्षता में ग्राम प्रधान एवं ग्रामीणों के साथ बाढ़ के मद्देनजर बैठक हुई. इस मौके पर सीओ बांसडीह दीपचंद्र, तहसीलदार बांसडीह गुलाबचन्द्रा, प्रधान खादीपुर, सुल्तानपुर, लेखपाल आशुतोष कुमार पांडेय, दयानंद गोस्वामी एवं चौकी इंचार्ज सुल्तानपुर चक्रपाणि जी भी उपस्थित रहे. ग्रामीणों को उपजिलाधिकारी ने बाढ़ के संबंध में जागरूक किया. रिंग बंधा की सुरक्षा के लिए बाढ़ विभाग को निर्देशित किया गया. मलाही चक, सैनीपुर आदि ग्रामों के सिवान को कटाव से बचाने के लिए भी तत्काल बाढ़ विभाग को निर्देशित किया गया है.