घाघरा लाल निशान छूने को बेताब, मनियर और बिल्थरारोड में खौफ

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रविशंकर पांडेय

बलिया जिले में एक तरफ कोरोना वायरस (कोविड 19) से बचने के लिए तरह – तरह के उपाय बताए जा रहे हैं. तो वहीं पुलिस की ड्यूटी भी 24 घण्टे हैं. दूसरी तरफ घाघरा नदी का कटान भी जारी है. लगातार बारिश की वजह से जलस्तर में वृद्धि के साथ घाघरा नदी का कटान अनवरत जारी है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार मंगलवार को अपराह्न घाघरा (सरयू) का जलस्तर 63.250 मीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64.010 से 76 सेंटीमीटर कम है. आयोग का कहना है कि एक-एक सेंटीमीटर प्रति घंटे की दर से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है. आयोग ने अगले 24 घंटे में जलस्तर में वृद्धि होने का पूर्वानुमान किया है.

मनियर थानाध्यक्ष नागेश उपाध्याय ने बताया कि रिगवन छावनी, ककरघट्टा खास, नवका गांव आदि तटवर्ती गांवों की उपजाऊ जमीन को हमेशा की तरह इस बार भी धीरे-धीरे घाघरा नदी काटकर अपने आगोश मे ले रही है. इसके चलते इलाके के लोग परेशान हैं. नदी का रौद्र रूप देखकर किसानों के माथे की चिंता की लकीरें है. विवशता तो यह है कि उन्हें अपनी जमीन को बचाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा. सुरसा की तरह आए दिन नदी कई बीघा उपजाऊ जमीन को अपने आगोश में ले रही है. आस पास के बगीचों के पेड़ भी नदी में समाहित हो रहे हैं. दियारे के लोग खौफ में है. पुलिस व अन्य अधिकारी नदी के किनारे गाँवों का लगातार भ्रमण कर रहे हैं. ताकि किसी को कोई दिक्कत न हो. इसके अलावा लोगों को कोरोना के प्रति सचेत रहने की अपील भी की जा रही है.

इसी क्रम में बिल्थरारोड के चैनपुर गुलौरा, तुर्तीपार, हल्दीरामपुर आदि क्षेत्रों में तेजी से कटान हो रही है. कृषि भूमि कट-कट कर नदी की जलधारा में विलीन हो रही है. चैनपुर गुलौरा में टीएस बंधे तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है. लालनिशान की ओर तेजी से बढ़ रहे जलस्तर से बाढ़ की संभावना जताई जा रही है.