बैरिया(बलिया)। यात्री सुविधाओं के नाम पर यात्रियों को सिर्फ दिवा स्वप्न ही दिखाए जा रहे हैं. आश्वासन शानदार मिल रहे हैं, लेकिन उसके यथार्थ पर उतरते उतरते लोग इंतजार करते ऊब कर उसकी आस ही छोड़ दे रहे है. जी हां हम बात कर रहे हैं रेल सुविधाओं की. बीते महीने रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा के आगमन पर बैरिया की विशाल सभा में इलाकाई विधायक सुरेन्द्र सिंह ने बैरिया विधान सभा की बहुप्रतिक्षित समस्या लखनऊ-छपरा व गोदिया एक्सप्रेस ट्रेनों के सुरेमनपुर में ठहराव की मांग की थी. इसके साथ और भी मांग थी.
जिसमे लखनऊ-छपरा व गोदिया एक्सप्रेस ट्रेन ठहराव मामला सबसे महत्वपूर्ण बताया गया. तब रेल राज्यमंत्री ने मंच से ही ठहराव की घोषणा कर दी. तब लोगों ने यह मान लिया कि मंत्री जी की घोषणा का तुरन्त पालन होगा. कुछ इन्तजार के बाद लोगों ने उम्मीद जताई कि शायद मार्च माह के वजह से विलम्ब हो रहा हो, लेकिन एक अप्रैल से जरूर चलेगी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. आज 31 मार्च तक लखनऊ-छपरा व गोदिया ट्रेन को लेकर सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर कोई गाइड लाइन नही आया है. स्टेशन मास्टर एपी मिश्र ने बताया कि इस सम्बन्ध मे मेरे पास कोई नई जानकारी नहीं है. आदेश आने पर बताएँगे. वहीं सपा अरविन्द सिंह सेंगर का कहना है कि यह दोनो ट्रेन क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन भाजपा सरकार है. यह लोग फेंकते अधिक हैं. करते कम हैं. फिर रेल राज्यमंत्री तो बैरिया विधानसभा क्षेत्र से सौतेलापंथी के मामले में कुख्यात है. यह तो यहां का बच्चा बच्चा जानता है.
ट्रेनों की मेगा लेट लतीफी से यात्री आजिज, ट्रेनें खुद तोड़ रही अपना रिकार्ड
ट्रेनों की मेगा लेट लतीफी यात्रियों के जी का जंजाल बन गई है. लोग याद कर रहे हैं रेल मंत्री लालू यादव का कार्यकाल जब स्टेशनो पर ट्रेन आते ही घड़ी मिला लिए जाते थे. उसके बाद से व्यवस्था बिगड़ती ही जा रही है. या यूं भी कह लें कि विलम्ब के मामले मे कम से कम भाजपा शासन काल में विलम्ब के मामले में ट्रेने रोज रिकार्ड बना कर खुद अपने ही रिकार्ड तोड़ रही है. शनिवार को सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर डाउन पवन ढाई घंटे, सेनानी साढ़े छ: घण्टे, अप सारनाथ पांच घंटे, ताप्ती गंगा साढ़े तीन घंटे, ताप्ती गंगा 3.20 घंटा व सद्भावना एक्सप्रेस 10 घंटा विलम्बित होने की सूचना रही. जिसमे सेनानी व सारनाथ एक्सप्रेस ट्रेनों तो सारी हदें ही पार कर जा रही हैं. ऐसे मे यात्रियों को क्या सुविधा मिल रही है. सोचा जा सकता है.