जब बुजुर्ग कुंवर सिंह ने संभाली जंग ए मैदान की कमान

बिहार में दानापुर के क्रांतकारियों ने भी 25 जुलाई सन 1857 को विद्रोह कर दिया और आरा पर अधिकार प्राप्त कर लिया. इन क्रांतकारियों का नेतृत्व कर रहे थे वीर कुंवर सिंह. वह बिहार राज्य में स्थित जगदीशपुर के जमींदार थे.

अनुभूति शाण्डिल्य ‘तिस्ता’ – वीर कुंवर सिंह की गाथा से ही बना ली अलग पहचान

सारण रिविलगंज की युवा कलाकार तिस्ता ने गायन के क्षेत्र में इतनी कम उम्र में ही निपुणता हासिल कर ली है. साथ ही वीर गाथाओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन से लगातार अपने करियर को एक नया आयाम दे रही हैं.

भारत में तो भ्रष्ट, पांच फीसदी से भी कम लोग हैं – चंद्रशेखर

चंद्रशेखर जी आजादी की 50वीं वर्षगांठ के मौके पर 14 अगस्त 1997 को रेडिफ डॉट कॉम पर लोगों के सांथ चैट के लिए उपलब्धं हुए थे और उनके ऐसे सवालों का खुलकर जबाब दिया, जो लोगों को आज भी मथते हैं. लवकुश सिंह प्रस्तुत कर हैं तब के समय के कुछ चनिंदा सवाल-जबाब के मुख्य अंश

जेपी का गांव – थोड़ी धूप थोड़ा छांव

तो, विफलताओं पर तुष्ट हूं अपनी/ और यह विफल जीवन/ शत–शत धन्य होगा/ यदि समानधर्मा प्रिय तरुणों का/ कण्टकाकीर्ण मार्ग/ यह कुछ सुगम बन जावे ! यह पंक्तियां विफलता – शोध की मंजिलें शीर्षक कविता से उद्धृत हैं. उक्त कविता की रचना 9 अगस्त 1975 को चण्डीगढ़-कारावास में लोकनायक जयप्रकाश नारायण ने की थी. इसमें कोई संशय नहीं कि इस युग पुरुष ने शोध और प्रयोग में ही अपना जीवन गुजार दिया. आज उनकी जयंती है. आइए जानते हैं उन्हीं के शब्दों में उनके गांव के तरुणों का कण्टकाकीर्ण मार्ग किस हद तक सुगम हुआ है. प्रस्तुत है जेपी के गांव से लवकुश सिंह की स्पेशल रिपोर्ट

लोकनायक जेपी की जन्मस्थली में धूमधाम से हुई गोवर्धन पूजा

लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जन्मभूमि जयप्रकाश नगर के संसार टोला के गोवर्धन पहाड़ मंदिर में गोवर्धन पूजा हुई. शाम को सम्मान समारोह और भोजपुरी गीत गायन हुए.

जेपी के गांव में सांसद व विधायक ने रखी विकास योजनाओं की आधारशिला

अब जेपी के गांव जयप्रकाश नगर में सांसद और विधायक संयुक्‍त रूप से विकास की गंगा बहाएंगे.

सिताबदियारा की Flexigun शगुन टॉप फाइव में

भवन टोला निवासी संतोष सिंह की मात्र नौ साल की बिटिया शगुन सिंह सेंगर ने सोनी लाइव के सुपर डांसर कांटेस्‍ट में धमाल मचाते हुए कला की दुनिया में भी गांव के नाम को काफी ऊंचाइयां दी है.

पत्रकार सुनील पाण्डेय के चाचा के निधन पर शोक

जयप्रकाश नगर क्षेत्र के डोमनटोला निवासी पत्रकार सुनील पांडेय के 70 वर्षिय चाचा त्रिभुवन नाथ पाण्डेय का बुधवार की शाम हृदयगति रुकने से निधन हो गया

आपात बैठक कर ग्रामीण पत्रकारों ने तय की अपनी लक्ष्मण रेखा

स्थानीय डाक बंगले में रविवार के दिन ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की आपात बैठक हुई. जिसमें पत्रकारों की हत्या व हो रहे उत्पीड़न की निंदा करते हुए पत्रकारों ने अपनी लक्ष्मण  रेखा तय की

A seminar was organized in JNCU on the occasion of the death anniversary of former Prime Minister Chandra Shekhar.

आर्थिक सुधारों के सात साल, आखिर हम कहां जा रहे हैं – चंद्रशेखर

भारत में आर्थिक सुधारों को लागू किये जाने के इतने वर्ष बाद भी इस पर मंथन का दौर जारी है. पिछले दो दशकों के अनुभव हमें बता रहे हैं कि आर्थिक उदारीकरण के पैरोकारों ने जिस स्वर्णिम भविष्य का हमसे वादा किया था, वह सच्चाई से दूर, छल से भरा हुआ और भ्रामक था.

कहीं फिर तबाही की वही दास्‍तां इस बार भी न लिख दे घाघरा

बैरिया तहसील क्षेत्र में ही बिहार की सीमा से सटे यूपी का एक पंचायत है इब्राहिमाबाद नौबरार. इसे लोग अठगांवा के नाम से भी जानते हैं. घाघरा कटान से तबाही की एक भयानक दास्‍तां को समेटे इस गांव की आबादी घाघरा के उफान पर आते ही सहम जाती है.

4 किमी लंबे, 887 करोड़ की लागत से बना आरा-छपरा पुल लोकार्पित

पिछले सात साल की लम्बी प्रतीक्षा के बाद लोगों का छपरा-आरा पुल से फर्राटा भरकर कोइलवर, आरा, बक्सर समेत राजधानी पटना आदि जिलों की सैर करने का सपना रविवार को पूरा हुआ. 

शादी-विवाह में अब कहां मिल पाता तब जैसा सेवा-सत्‍कार 

अन्‍य समाजिक बदलाव के सांथ-सांथ शादी-विवाह में भी अब सत्‍कार के तौर-तरीकों में काफी हद तक बदलाव आ चुका है. भागम-भाग के इस दौर में रूप-स्‍वरूप, संस्‍कार, सबकुछ बदल गया है.

इंतजार खत्‍म, आरा-छपरा का होगा मिलन, बलिया रहा अछूता

यह सहीं है कि तीन पड़ोसी जिले आरा, छपरा और बलिया के बीच पुराने गहरे संबंध हैं. शादी-विवाह से लेकर, रैयत तक के मामलों में उक्‍त तीनों जिलों में लोगों का हमेशा आना जाना होता है.

एक्स रे मशीन नहीं है, मगर टेक्नीशियन है, टंकी है, मगर लीकेज है

बदहाल लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव का अस्‍पताल वर्ष 2016 में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने किया था लोकापर्ण सीएचसी होने पर भी, उदासीन बना है स्‍वास्‍थ्‍य विभाग जयप्रकाशनगर (बलिया) से लवकुश सिंह जेपी …

वाराणसी-छपरा रेलखंड पर दोहरीकरण का कार्य शुरू

दोहरीकरण एवं विद्युतीकरण से बढ़ेगी ट्रेनों की रफ्तार सिंगल लाइन से होती है अभी भी काफी देरी छपरा से लवकुश सिंह काफी लंबे समय के बाद पूर्वोतर रेलवे के वाराणसी-छपरा रेल खंड का दोहरीकरण …

द्वाबा के इस ‘योगी’ से, तब भी हिल गया था बलिया

बैरिया तहसील क्षेत्र में ही बिहार की सीमा से सटे एक पंचायत है, इब्राहिमाबाद नौबरार. इसे लोग अठगांवा के नाम से भी जानते हैं. घाघरा कटान से तबाही की एक भयानक किस्‍से को समटे इस गांव की बची आबादी आज भी तब के हालात की कल्‍पना कर कांप जाती है.

पहले किया पौधारोपण, फिर हुआ जयमाल

शादी के दिन जब बरात दरवाजे पर पहुंचती है तो द्वारपूजा के बाद आजकल दूसरा रस्‍म जयमाल का ही होता है, किंतु जयप्रकाशनगर के भवन टोला में कुछ अलग ही रस्‍म अदायगी कर दुल्‍हा-दुल्‍हन की जोड़ी ने सभी को पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया.

नहीं भूलती जेपी के घर चंद्रशेखर की वह आखिरी शाम

राजनीति के इस बिगड़े स्‍वरूप के बीच चंद्रशेखर ही एक ऐसे राजनेता थे, जिनके लिए कभी जन-जन रो पड़ा. जी हां बात 10 अक्‍टूबर 2006 की है, जब चंद्रशेखर आखिरी बार जयप्रकाशनगर आए थे.

तब कवि घाघ की कहावतों पर ही चलती थी दुनिया

ग्रामीणों की धारणा है कि घाघ की कहावतें प्राय: सत्‍य साबित होती हैं. प्रस्‍तुत है कवि घाघ की कहावतों की एक गहन पड़ताल………..

अब बीते जमाने की बात हो गई डोली

भारतीय संस्कृति विलक्षण है. ऐसी संस्कृति दुनिया के किसी अन्य देशों में देखने को नहीं मिलेगी. यह दलील इसलिए भी सही है कि यहां की मिट्टी में कई मजहब, भाषा, रीति-रिवाज, रहन-सहन हमें कदम-कदम पर बदलते हुए मिलते रहते हैं.