बलिया में पत्रकारों की रिहाई के लिए जगह जगह हुए विरोध प्रदर्शन

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बेल्थरारोड, बलिया.स्थानीय तहसील क्षेत्र में कार्यरत विभिन्न समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों एवं सोशल मीडिया से जुड़े लगभग डेढ़ दर्जन की संख्या में पत्रकारों ने संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के तत्वावधान में जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारे बाजी कर प्रदेश के महामहिम राज्यपाल महोदया के नाम एक ज्ञापन एसडीएम बेल्थरारोड के माध्यम से सौंपा. एसडीएम राजेश गुप्ता के अभाव में ज्ञापन नायब तहसीलदार दीपक कुमार सिंह ने प्राप्त किया.

पत्रकारों ने बलिया जिला के अन्दर फर्जी तरीके से माध्यमिक परिषद परीक्षा से जुड़े संस्कृत व अग्रेजी प्रश्न पत्रों के लीक किये जाने के मामले में जिला प्रशासन द्वारा अपनी नाकामी छुपाने के लिए तीन पत्रकार अजीत ओझा, दुर्गविजय सिंह व मनोज गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. जिनकी ससम्मान रिहाई कर मुकदमा वापस लेते हुए दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही मांग की गयी है.

पत्रकारों ने बेल्थरारोड रेलवे चैराहे से तहसील स्तरीय पत्रकारों के बैनर तले गगनभेदी नारे लगाते जुलूस निकाला. और तहसील मुख्यालय पहुंचकर नायब तहसीलदार दीपक कुमार सिंह को अपना ज्ञापन सौंपा.

इस मौके पर जयप्रकाश बर्नवाल, अनूप कुमार हेमकर व विजय कुमार मद्धेशिया ने अपने जोशिले विचारों को रखा.

इस मौके पर शिवकुमार हेमकर, नवीन मिश्रा, अशोक जायसवाल, अनमोल आनन्द, राजू राय, अंजनी राय, नीलेश कुमार मद्धेशिया दीपू, रविन्द्र राजभर, रणजीत सिंह, उमेश गुप्ता, अरविन्द यादव, सुफियान, हरीलाल सिंह पटेल, धीरज मद्धेशिया, शब्बीर अहमद, संजीव उर्फ उमेश बाबा, वेद प्रकाश शर्मा, आदि मौजूद रहे.

उप्र के राज्यपाल महामहिम राज्यपाल महोदया के नाम निम्न मांगे पत्रकारों ने पत्रक के माध्यम से की हैं.

1. निर्दोष पत्रकार अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्ता को तत्काल रिहा किया जाए. निर्दोष पत्रकारों पर दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लिए जाए.

2. लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को दमन किए जाने की नियत से की गई कार्रवाई के लिए दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई हो.

3-प्रश्न पत्र आउट मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई हो. ताकि आगे से कोई भी युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने की हिम्मत न जुटा सके.

4-माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा पत्रकारों की सुरक्षा की गारण्टी के वादे को अमल कराया जाय.

5-मीडिया कर्मियों को समाचार संकलन में प्रशासन भरपूर सहयोग करे, ऐसी व्यवस्था सरकार द्वारा की जाय.

(बेल्थरा रोड संवाददाता उमेश गुप्ता की रिपोर्ट)

 

न्याय के लिए सड़क पर उतरे पत्रकारों ने किया पैदल मार्च, राज्यपाल को भेजा चार सूत्रीय मांग पत्र

सिकन्दरपुर, बलिया. जिला प्रशासन द्वारा जिले के तीन निरपराध कलमकारों पर हुई पुलिसिया कार्रवाई का विरोध लगातार जारी है. शहर से लेकर गांव व कस्बों तक समाज के सजग पहरेदारों पर की गई इस प्रशासनिक कार्रवाई की निंदा हो रही है. इसी क्रम में तहसील सिकन्दरपुर के पत्रकारों ने बुधवार को काली पट्टी बांध कर पैदल मार्च निकाला. कस्बा के विभिन्न मार्गों से होता हुआ यह काफिला तहसील कार्यालय पहुंचा. वहां राज्यपाल को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम प्रशांत कुमार नायक को सौंपा गया.

फर्जी मुकदमा के जरिए लोकतन्त्र की हत्या
पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि भजपा सरकार में सच लिखना गुनाह‌ बन गया है. पेपर आउट होने की खबर प्रकाशित करने वालों पत्रकारों को जेल भेजा जा रहा है. यह लोकतन्त्र की हत्या है. ऐसी स्थिति रही तो आखिर कौन भ्रष्टाचार का खुलासा करेगा? कहा कि लोकतन्त्र के सजग प्रहरियों पर झूठा मुकदमा दर्ज कर अपनी पीठ थपथपाने वाले डीएम व एसपी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. कहा कि योगी सरकार में पत्रकारों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है. पत्रकारों ने राज्यपाल से मामले में हस्तक्षेप करने व घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की. कहा कि जिले के अफसर सरकार को भ्रमित कर रहे हैं.

लगातार झूठी सूचनाएं भेजी जा रही हैं. चेताया कि लोकतन्त्र के स्वतन्त्र आवरण में पलने वाले बेखौफ व बुलन्द इरादों वाले पत्रकारों के साथ जब भी अफसरशाही व सत्तासीन टकराने की हिमाकत किए तब-तब उनका इतिहास-भूगोल दोनों बदला.

पत्रकारों ने एक स्वर से पत्रकार अजित ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज गुप्त को मुकदमा से बरी करने और डीएम और एसपी सहित अन्य जिम्मेदारों पर मुकदमा दर्ज करने की मांग दोहराई.

इस मौके पर बृजेन्द्र सिंह, शम्भूनाथ मिश्र, अजय तिवारी, अजित पाठक, धीरज मिश्र, संतोष शर्मा, इमरान, रमेश जायसवाल, अतुल राय, रजनीश श्रीवास्तव, विनोद गुप्ता, मनीष गुप्ता, नारायण पांडेय, अनिल तिवारी, अंगद, निकेश राय, लड्डन, बख्तियार खां, अरविंद पांडेय सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे.

(सिकंदरपुर संवाददाता संतोष शर्मा की रिपोर्ट)

पत्रकारों पर की गई कार्यवाही की निंदा

बलिया. यूपी बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में जनपद के पत्रकारों पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी के मुद्दे पर बुधवार को जिले की समाजवादी पार्टी भी सड़क पर उतर कर विरोध प्रगट किया. और जिलाधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल महोदय को सम्बोधित पत्रक भी उपजिलाधिकारी को दिया. पत्रक में इस बात का जिक्र किया गया कि जनपद के पत्रकारों ने आपने कर्तव्य का पालन करते हुए परीक्षा के पेपर आउट की सूचना प्रकाशित की थी. जिस पर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया जो सरासर गलत है इस पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच होनी चाहिए तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए.

इसके पूर्व समाजवादी पार्टी कार्यालय पर पार्टी के समस्त नेता एवं कार्यकर्ता एकत्र हुए जहां बैठक कर पेपर लीक मामले में प्रशासन द्वारा पत्रकारों पर की गई कार्यवाही की निंदा की गयी.

बैठक को संबोधित करते हुए उत्तर पर सरकार के पूर्व मंत्री रामगोविंद चौधरी ने कहा की भारतीय जनता पार्टी की सरकार को लोकतंत्र में तथा लोकतांत्रिक संस्थाओं में कोई विश्वास नहीं है पूजी पतियों के इशारे पर खेलने वाली सरकार लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की जुबान को पुलिस और प्रशासन के बल पर बंद करा कर लोकतंत्र को पंगु बनाना चाहते हैं जिसे कभी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इस अवसर पा सर्वश्री यशपाल सिंह,सुशील पाण्डेय”कान्हजी”राजन कनौजिया,साथी रामजी गुप्ता, राजेश गोंड़, रामेश्वर पासवान,रविन्द्र यादव,राकेश यादव,रामप्रवेश प्रजापति, सुभाष यादव आदि ने अपना विचार व्यक्त किया.

विफलताओं को छिपाने के लिए पत्रकार की हुई गिरफ्तारी : रामगोविन्द

बलिया. यूपी बोर्ड की परीक्षा के पेपर लीक मामले में सरकार अपनी बिफलताओं पर पर्दा डालने के लिए लोकतंत्र के चौथे स्तंभ राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्र के प्रतिनिधियो पर ठीकरा फोड़ रही है. जबकि सच को उजागर करने वाले पत्रकार ने अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाया है उसका सम्मान होना चाहिए.

अजीब विडंबना है कि पत्रकार ने पेपर लीक होने की सूचना विभागीय एवं जनपदीय अधिकारियों को दी, जो बोर्ड के नियमानुसार उचित एवं नियमसंगत है. फिर भी पत्रकारो को ही अभियुक्त बना देना निंदनीय एवं लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की जुबान बन्द करना है. उक्त बातें समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रामगोविन्द चौधरी ने बुधवार को प्रेस को जारी अपने बयान के माध्यम से कही.

चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार हमेशा से लोकतांत्रिक संस्थाओं को कुंद करने की फिराक में रही है. जब भी मौका मिला है ये लोग चौथे स्तंभ को दबाए हैं. ताकि इनकी नाकामियों की फेहरिस्त आमजन तक न पहुंच पाए. लेकिन इन्हें यह समझना चाहिए कि सरकारी डंडे से जब-जब लोकतंत्र को दबाने और इसकी जुबान और लेखनी को बंद कराने का प्रयास हुआ है लोकतांत्रिक ढांचा और इसकी जुबान और अधिक मजबूत हुई है. सपा नेता ने कहा कि समाजवादी पार्टी निर्दोष फसाये गए पत्रकारों को न्याय की मांग करती है.

(बांसडीह संवाददाता रवि शंकर पांडे की रिपोर्ट)