अमर शहीद मंगल पांडे के पैतृक गांव पहुंचकर बोले पुष्पेंद्र  कुलश्रेष्ठ- मंगल पांडे की वास्तविक जन्मतिथि 30 जनवरी 1831

दुबहर, बलिया। अमर शहीद मंगल पांडे के पैतृक गांव नगवा में बने स्मारक स्थल पर बुधवार को पहुंचे राष्ट्रीय चिंतक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने मंगल पांडे की आदम कद मूर्ति पर माल्यार्पण कर शहीद को नमन किया। वहीं इंटर कॉलेज नगवा परिसर में पहुंचकर बने स्मारक पर भी श्रद्धा के फूल चढ़ाएं।

इस अवसर पर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने स्मारक की दयनीय स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि- लगता है कि अर्से से यहां कोई अधिकारी या नेता आया ही नहीं है? मंगल पांडे की जन्मतिथि को लेकर पैदा हुए विवाद पर श्री कुलश्रेष्ठ ने कहा कि मंगल पांडे ने शास्त्र पढ़ना छोड़कर, शस्त्र उठाकर ब्रिटिश हुकूमत को हिला कर रख दिया था। इस धरती के लोग और शहीद के परिजन उनकी जन्मतिथि 30 जनवरी 1831 को मानते हैं तो वही सही है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि गूगल क्या होता है? उसको गूगल के कर्मचारी ही चलाते हैं। इसको हर स्तर पर ठीक कराने का उन्होंने आश्वासन दिया।

 

इस दौरान स्मारक परिसर में सचिव ओमप्रकाश तिवारी एवं इंटर कॉलेज परिसर में कालेज के प्रबंधक बृकेश कुमार पाठक एवं प्रधानाचार्य रवि राय ने स्मृति चिन्ह प्रदान कर अंगवस्त्रम से सम्मानित किया।

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स्वागत करने वालों में पूर्व जिला पंचायत सदस्य चंद्रप्रकाश पाठक, अरुण सिंह, विमल पाठक, घनश्याम पांडे, केके पाठक, कमलेश पांडे, अरुणेश पाठक, परमात्मानंद यादव, दयानंद उपाध्याय, हरिश्चंद्र पटेल, पूर्णेन्दु शुक्ला, हरेंद्र चौबे, छोटेलाल पाठक, द्वारिका पाठक, हरिशंकर पाठक, लालू पाठक आदि मौजूद रहे।

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)