प्रत्येक सनातनी को धर्म की रक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए- पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ

पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ जी अपने संबोधन में सनातन धर्म की रक्षा के लिए उनकी मांगों पर प्रकाश डाला और सनातन धर्म के लिए आवश्यक कदम उठाने पर बल दिया. प्रत्येक सनातनी को अपने अनुसार धर्म की रक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए. तो वही अनिल शुक्ला ने बताया कि पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ जी एक बहुत ही बड़े सनातन धर्म के प्रचारक के रूप में कार्य करते हैं और साथ ही हिंदू धर्म को आगे ले जाने के लिए उनका हमेशा पूरा समर्पण आता है. वर्तमान स्थिति यह है कि कि सनातन धर्म अब आगे की तरफ बढ़ रहा है.

अमर शहीद मंगल पांडे के पैतृक गांव पहुंचकर बोले पुष्पेंद्र  कुलश्रेष्ठ- मंगल पांडे की वास्तविक जन्मतिथि 30 जनवरी 1831

पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने स्मारक की दयनीय स्थिति की चर्चा करते हुए कहा कि- लगता है कि अर्से से यहां कोई अधिकारी या नेता आया ही नहीं है? मंगल पांडे की जन्मतिथि को लेकर पैदा हुए विवाद पर श्री कुलश्रेष्ठ ने कहा कि मंगल पांडे ने शास्त्र पढ़ना छोड़कर, शस्त्र उठाकर ब्रिटिश हुकूमत को हिला कर रख दिया था। इस धरती के लोग और शहीद के परिजन उनकी जन्मतिथि 30 जनवरी 1831 को मानते हैं तो वही सही है.

सनातन संस्कृति को बचाने का बिगुल बागी धरती से बजना चाहिए- पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ

शहादत से पहले मंगल पांडे ने जरूर कहा होगा कि इस धरती से हजारों मंगल पांडे पैदा होंगे परंतु ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। कहा कि इस बागी धरती से निकली चिंगारी ही हमेशा देश को नई दिशा देती रही है.
सभागार में पहुंचते ही श्रोताओं ने खड़े होकर श्री कुलश्रेष्ठ का नारे के साथ स्वागत किया.