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- प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य गौरव कृष्ण शास्त्री की श्रीमद् भागवत कथा का चौथा दिन
दुबहर: ब्यासी गांव स्थित अखार के दत्तुमठ में श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन वामन भगवान के जन्म महोत्सव की कथा अयोध्या धाम से पधारे प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य गौरव कृष्ण शास्त्री ने सुनायी.
उन्होंने कहा कि भगवान वामन समस्त सुर-नर-मुनि के दुखों को हरने के लिए द्वादशी के दिन मां अदिति के गर्भ से बामन अंगुल के प्रगट हुए. इसके साथ ही सभी भक्तों के दुख दूर हुए और सभी देवता उनकी जय-जयकार करने लगे.
कथावाचक ने कहा कि शास्त्रों में वर्णन है कि राजा बलि अपने तप से त्रिलोक विजयी हो गये थे और वह अश्वमेध यज्ञ कर रहे थे. तभी भगवान वामन का रूप धर राजा बलि के द्वार पर आ गए. राजा बलि के द्वार पर जो आ जाता, कभी खाली हाथ नहीं जाता.
उन्होंने कहा कि दानियों में एक नाम बलि का भी आता है. राजा बलि के दरवाजे पर जाकर भगवान वामन जप-तप के लिए भूमि दान का आग्रह किया. यज्ञ करा रहे राजा बलि यज्ञशाला से बाहर आये और कहा कि कितना भूमि चाहिए.
वामन ने कहा कि बस तीन पग भूमि का दान चाहिए. बलि ने पूछा कि तीन पग भूमि क्या करेंगे. आप कहें तो कहीं का साम्राज्य आपको दे दूं, आपका विवाह करवा दूं. आपको महल दे दूं. भगवान वामन यह सब न लेकर तीन पग भूमि का संकल्प करने के लिए कहा.
अंततः राजा बलि तैयार हो जाते हैं. जैसे ही संकल्प करने के लिए जाते हैं, बलि के गुरु आचार्य शुक्राचार्य अंतर्मन से देख लेते हैं कि यह कोई वामन नहीं, बल्कि साक्षात परमात्मा है. वह अपने शिष्य राजा बलि से कहते हैं कि यह आपको छलने के लिए नारायण आए हुए हैं. इन्हें कुछ भी संकल्प न करें.
बलि को जब यह पता चला कि उनके द्वार पर स्वयं नारायण आए हुए हैं तो जिस गुरु की कृपा से त्रिलोक विजयी हुआ था उस गुरु का परित्याग कर दिया और कहा- हे गुरुदेव आपका प्रेम भगवान के चरणों में नहीं है मैं आप का परित्याग कर रहा हूं. तीन पग भूमि भगवान वामन को संकल्प कर लिया.
कथा व्यास जी ने बताया कि भगवान विराट रूप धारण कर दो पग में ही संपूर्ण भूमंडल को माप लिए, तीसरा पग रखने की जगह के बारे में बलि से पूछा. बलि ने आर्तभाव से कहा कि प्रभु, संपत्ति देने वाला बड़ा होता है या संपत्ति लेने वाला.
भगवान ने कहा कि संपत्ति देने वाला. अपने हृदय में भाव रखते हुए कहा कि प्रभु तीसरा पग मेरे सिर पर रख कर हमें भी माप लीजिए. इस तरह सभी भक्तों को भगवान वामन का दर्शन हुआ दर्शन कर सभी कृतार्थ हुए.
इस मौके पर भगवान वामन की आकर्षक झांकी निकाली गई. इस मौके पर पूर्व मंत्री नारद राय, समाजसेवी अजित मिश्रा, दुबहर थानाध्यक्ष रणजीत सिंह, प्रधान प्रतिनिधि सुनील सिंह, अरुण सिंह, केडी सिंह, मनोज गिरि, विनोद सिंह, राज कुमार गिरि, गोगा पाठक, चन्द्रशेखर सिंह, रोहित गिरी, भीम, गोलू, राजेश, अमित आदि उपस्थित थे.