सिर पर कलश उठाने से ही सभी मनोकामना पूर्ण : आचार्य शशिकांत

आचार्य ने कहा कि कलशयात्रा अपने आप में यज्ञ है. उन्होंने कहा कि मनुष्य के किसी पुण्य का उदय होता है तो कलशयात्रा या यज्ञ में भाग लेने का अवसर मिलता है.