सर्वप्रथम माल्देपुर गंगा घाट पर विद्यार्थी कार्य विभाग के स्वयंसेवकों द्वारा शाखा लगाई गई व शाखा में प्रतिदिन होने वाले शारीरिक कार्यक्रम जैसे योग, आसन, समता व खेल तथा बौद्धिक कार्यक्रम जैसे गीत, कहानी, अमृतवचन व प्रार्थना कराई गई.
लंका विजय के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन की खुशी में मनाए जाने वाले इस पर्व के प्रति लोगों का उत्साह चरम पर था. दिन भर की साफ-सफाई के बाद शाम ढलते ही घरों और प्रतिष्ठानों में समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी व शुभ के देवता भगवान गणेश का पूरे विधि-विधान के साथ आह्वान किया गया.