हरिनाम संकीर्तन व सत्संग से ही कलयुग में होगा मानव का उद्धार – जीयर स्वामी

क्षेत्र में हो रहे चातुर्मास यज्ञ के दौरान शुक्रवार की देर शाम श्रीमद् भागवत महापुराण की कथा सुनाते हुए संत लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी जी महाराज ने कहा कि नैमिषारण्य की धरती पर सूत जी महाराज से शौनक ऋषि ने पूछा कि कलयुग में मानव का उद्धार कैसे होगा ,जिस पर कथा सुनाते हुए सूत जी महाराज ने कहा कि हरिनाम संकीर्तन और सत्संग से ही मानव का उद्धार कलयुग में होगा. सूत जी महाराज ने ऋषियों को भागवत जी के महिमा को सुनाते हुए कहा कि भागवत सभी वेद उपनिषद एवं धार्मिक ग्रंथों का सार है.

नौ दिवसीय श्री रुद्रमहायज्ञ 14 फरवरी से, सभी तैयारियां पूरी

यह महायज्ञ अयोध्या से आये श्री श्री 108 श्री परमात्मा दास जी महाराज एवं यज्ञधीश श्री श्री 108 श्री शिवेश्वर दास जी महाराज के सानिध्य में सम्पन्न होगा.

सभी समाज के व्यक्तियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं संत रविदास

प्रवचन में क्षेत्र के सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने हिस्सा लिया. इस दौरान संत रविदास के जीवन वृतांत की विस्तृत रूप से चर्चा की गई.

सभी को अपने कर्म का फल भोगना पड़ता है संसार में : साधना

प्रवचनकर्ता ने कहा कि राजा दशरथ की भी मृत्यु अपने पुत्र भगवान राम के वियोग में तड़प- तड़प कर ही हुई. भगवान अपने पिता को कर्म फल से छुड़ाने में असमर्थ रहे.

बहुआरा में शतचंडी महायज्ञ के उपलक्ष्य में विशाल शोभायात्रा

शोभायात्रा में यज्ञाचार्य मातलेश्वर पांडेय के साथ पवन तिवारी और वाराणसी से आये कई आचार्य शामिल थे. श्री मद्भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ 18 जनवरी को संपन्न होगा.

लोक कल्याण की कामना करने वाला ही होता है संत : शशिकांत

सात्विक बुद्धि का मतलब यह है कि समझदारी, ईमानदारी, जिम्मेदारी और बहादुरी. ये चार मंत्र हैं जो देवी-देवताओं के प्रतिनिधित्त्व करते हैं.

कलियुग में राम नाम ही जीवन का आधार:स्वामी हरिहरानंद

भगवान का नाम स्मरण कर कर्म करते रहना चाहिए. शास्त्र को छोड़ मनमानी करने वाले को कभी शांति नहीं मिल सकती है.ये बातें स्वामी हरिहरानंद जी महाराज ने कही.

भ्रूण हत्या समाज के लिए महापाप : रामजी दास महाराज

बढ़ती भ्रूण हत्या समाज के लिए अभिशाप है.इसे रोकना समाज के सभी लोगों का कर्तव्य है. यह बात बक्सर से आये रामजी दास महाराज ने प्रवचन के दौरान कही.

मधुर व्यवहार से समाज में परिवर्तन करने वाला मानव है पूजनीय-स्वामी मारुति

व्यक्ति में संयम, परिवार में सुमति, समाज में सद्भाव और राष्ट्र समृद्धि हो तो विश्व में शांति की स्थापना होती है

हिन्दू सनातन धर्म आधिरित विवाह एक संस्कार है, यह समाज के कल्याणार्थ बंधन है : शक्तिपुत्र महाराज

इसका बहुत ही सुन्दर प्रमाण शिव विवाह के प्रसंग मे मिलता है

भगवन्नाम संकीर्तन व सर्वकल्याण के विचारों से ही मिलती है सद्गति

बुद्धिरामपुर में आयोजित नौ दिवसीय श्री श्री रुद्र महायज्ञ के सातवें दिन गोपालगंज बिहार से पधारे मानस मर्मज्ञ  अरविंद दुबे ने भगवान श्री कृष्ण एवं रुक्मिणी के चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान को अपने भक्तों की रक्षा के लिए आना पड़ता है.

काहें भरल बाड़ एतना गुमान में, आव न बिहारी मैदान में

भगवान किसी को न दुख देते हैं न सुख. जीवन में आप जो कर्म करते हैं. उसी के अनुरुप आपके हिस्से में सूख-दुख आते हैं. किए गए कर्मों का फल मानव को भोगना होता है. इसलिए मनुष्य को वेद के अनुसार ही आचरण करना चाहिए. ज्ञान मार्ग और भक्ति मार्ग से कभी अलग नहीं होना चाहिए.

अगर अब भी नहीं चेता मनुष्य तो आयु दस साल ही रह जाएगी

अंतर्राष्ट्रीय भागवत कथा वाचक श्रीकृष्ण चन्द्र शास्त्री उपाख्य ठाकुर जी की कथा इन दिनों बक्सर में चल रही है. सीताराम विवाह महोत्सव के मौके पर यहां पधारे ठाकुर जी ने कथा में उपदेशों की अमृत वर्षा की. गीता पाठ का उल्लेख करते हुए उन्होंने अहम जानकारी दी.

बक्सर का सिद्धाश्रम प्रभु श्रीराम का गुरुधाम है

सिद्धाश्रम बक्सर कोई आम नगर नहीं है. यह हमेशा से अध्यात्म जगत के लिए किसी धाम की तरह पवित्र नगरी रही है, जिस तरह भगवान राम के जन्म से अयोध्या का महत्व है. जनकपुर में सीता जी के जन्म के कारण वहां का महत्व है. उसी तरह सिद्धाश्रम प्रभु श्रीराम का गुरुधाम है.