Featured Story, VIRAL न्यूज़, देश दुनिया, प्रदेश, बलिया शहर, लाइफ मंत्रा, स्पेशल बहुभाषी देशों में अनुवाद के बिना राष्ट्रीयता की परिकल्पना नहीं की जा सकती – डाॅ अजय कुमार चौबे अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कुलपति प्रो कल्पलता पांडेय ने कहा कि अनुवाद कला, शिल्प एवं विज्ञान है. अनुवाद एक प्रकार से पुनर्रचना है. अनुवाद के द्वारा ही भारतीय आर्ष ग्रंथों का विश्व में प्रसार हुआ है. Share PLEASE:WhatsAppTweetTelegram