बांसडीह के समाज सेवी रहे सेठ राधा कृष्ण की पंद्रहवी पुण्यतिथि उनके आवास पर मनाई गई . श्रद्धांजलि सभा के मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के पंचायती राज मंत्री राम गोविन्द चौधरी व विशिष्ट अतिथि दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री सनातन पांडेय रहे. सर्व प्रथम दोनों अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत स्व. सेठ राधा कृष्ण के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर व दीप प्रज्वलित कर किया.
नगर पंचायत में पात्र गृहस्थी का राशन कार्ड बनाने में घोर धांधली का आरोप लगाते हुए समाजसेवी राम जी वर्मा ने जिलाधिकारी व उच्च अधिकारियों को शिकायत पत्र भेजकर जांच एवं कार्रवाई की मांग की है. पत्र में उन्होंने आरोप लगाया कि नगर पंचायत के अधिकतर बीपीएल कार्ड धारकों के नियम के विरूद्ध राशन कार्ड से वंचित कर दिया गया है.
बलिया के टाउन हाल के मैदान में भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित युवा सम्मेलन में भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत पाठक ने कहा कि उत्तर प्रदेश के नौजवान बुद्धिमान एवं मेहनती हैं, अमेरिका में जाकर उस देश को समृद्ध कर रहे हैं. नोट बंदी के मुद्दे पर श्री पाठक ने कहा कि इससे आम जनता को कोई परेशानी नहीं है.
बचपन से ही श्रीकृष्ण यादव परमहंस दास की मठिया और भरत छपरा में रहे और यही पढ़ाई लिखाई पूरी किए. वर्ष 1995 से वह लगातार कोटवा ग्राम पंचायत से प्रधान पद के प्रत्याशी रहे, लेकिन कभी चुनाव नहीं जीत सके. उनके दो विवाह हुए थे, जिसमें पहली पत्नी को छोड़ दिए थे. दूसरी पत्नी सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन से कटकर मर गई. इस मामले में श्री कृष्ण यादव पर मुकदमा भी हुआ था.
ब्राहमण उत्थान समिति, जनपद बलिया की एक आवश्यक बैठक 18 दिसम्बर रविवार को पूर्वान्ह 11 बजे चलता पुस्तकालय टाउन हाल में आयोजित की गई है, जिसमें कार्यकारिणी का चुनाव होना प्रस्तावित है. सभी सम्मानित सदस्यों से अनुरोध है कि उक्त तिथि पर समय से उपस्थित होकर चुनाव में भागीदारी करना सुनिश्चित करें. उक्त आशय की जानकारी डॉ. शत्रुघ्न पांडेय, ब्राहमण उत्थान समिति ने दी है.
नोट बंदी के इस आपाधापी में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया शाखा रानीगंज बाजार अपने ग्राहकों को बेहतर सुविधा देने में पूरे इलाके में अव्वल रहा. अगर बीएसएनएल द्वारा लिंक में आई गड़बड़ियों को छोड़ दिया जाए तो इस शाखा ने इलाके के कुल 16 बैंक शाखाओं में सबसे बेहतर सुविधा दिया है. जबकि इस शाखा में शाखा प्रबंधक सहित कर्मचारी कुल जमा तीन ही हैं.
नोट बंदी से संबंधित दूरदर्शन पर प्रसारित समाचारों तथा बैंकिंग कार्य प्रणाली में कहीं से कोई सामंजस्य की स्थिति नहीं होने से जनता जनार्दन क्षुब्ध तथा सशंकित होते नजर आ रही हैं. जन सैलाब का सब्र का बांध दिन प्रतिदिन टुटता दिखाई दे रहा है. आज प्रत्येक व्यक्ति प्रश्न पूछता नजर आ रहा है कि अव्यवस्था का कारण कौन? बैंक या प्रधानमंत्री मोदी की नोट बंदी की अव्यवस्था.