लोक शिक्षा केंद्रों पर आज होगी साक्षरता परीक्षा

साक्षर भारत मिशन के अंतर्गत 21 अगस्त को बलिया जनपद के 833 लोक शिक्षा केंद्र पर 10:00 बजे से 5:00 बजे के बीच 3 घंटे की साक्षरता परीक्षा होगी. इसमें जनपद से 30,000 प्रतिभागियों को शामिल करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

इतवार को बलिया की लेटेस्ट खबरें

बलिया की इन लेटेस्ट खबरों को पढ़ने/देखने के लिए कृपया लिंक पर  क्लिक या टैप करें भाजपा अध्यक्ष के स्वागत के दौरान मंच पर भिड़े भाजपाई बाढ़ में बह गई मासूम, किशोरी को सांप ने डंसा …

काशी से मांझी तक गंगा का रौद्र श्रृंगार, दहला बलिया

कई गांवों में गंगा का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है. बक्सर से लेकर मांझी घाट तक गंगा अपने पूरे फार्म में है. इलाहाबाद में गंगा का जल स्तर बढ़ने के कारण अगले 24 घंटे के दौरान बलिया में पानी बढ़ने की प्रबल संभावना है. अगर गंगा का पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो सन् 2003 और 2013 का रिकॉर्ड भी टूट सकता है.

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डीएम का तूफानी दौरा

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को तूफानी दौरा किया. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कटान के संवेदनशील स्थानों पर तत्काल सुरक्षा के मुकम्मल उपाय करने का निर्देश सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को दिया.

बलिया में बाढ़ : ‘मां’ ने छीनीं बहनों की खुशियां

गंगा नदी का तेवर गुरुवार को भी तल्ख रहा. नदी के जलस्तर में प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से वृद्धि रिकार्ड की गयी. शाम सात बजे नदी गायघाट गेज पर 59.324 मीटर पर बह रही थी.

सभी नदियां घटाव पर, मगर कटान ने उड़ाए होश

जिले में सभी नदियां घटाव पर हैं, मगर कटान का सिलसिला जारी है. बाढ़ नियंत्रण कक्ष की सूचना के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 58.85 मी. है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 62.685 मी., चांदपुर में 59.25 एवं माझी गेजस्थल पर 55.90 मी. है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 60.00 मी. है.

सब्जियों की खेती करने वाले किसान तो तबाह हो गए

गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों की मुसीबते भी बढ़ने लगी है. हजारों एकड़ परवल की फसल जलमग्न हो गई है. अन्य सब्जियों की खेती भी बर्बाद हो गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बोया गया मक्का, ज्वार और बाजरा की फसलें जल मग्न होकर चढ़ने लगी है.

चौबेछपरा के बाद गोपालपुर और दुबेछपरा में संकट गहराया

बलिया पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आ चुका है. विशेष तौर पर द्वाबा में संकट गहराता जा रहा है. चौबे छपरा के बाद अब गोपालपुर व दुबेछपरा के अस्तित्व का संकट पैदा हो गया है. गंगा नदी खतरा बिन्दु के मध्यम स्तर पर पहुंच चुकी हैं.

सिकंदरपुर के हरदिया गांव में दो गुटों में जमकर मारपीट

BREAKING NEWS : बलिया। सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के हरदिया गांव में मामूली विवाद में दो पक्षों में जमकर मारपीट. तीन की हालत गंभीर. मौके पर पहुंची पुलिस. BREAKING NEWS : बलिया। उभांव थाना क्षेत्र …

जीवन दायिनी घाघरा घटाव पर, मुक्ति दायिनी गंगा बढ़ाव पर

सिंचाई विभाग बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार जिले में घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड और मांझी पर घटाव पर है, जबकि चांदपुर में स्थिर है. गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 56.57 मी है, जो बढ़ाव पर है. खतरा बिंदु से नीचे है. घाघरा नदी का जलस्तर डीएसपी हेड पर 64.380 मी, चांदपुर में 59.10 मी तथा मांझी में 55.10 मी है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 57.20 है, जो बढ़ाव पर है.

गंगा की लहरों ने चौबेछपरा में जमकर तबाही मचाई

चौबेछपरा में गुरुवार को अचानक तेज कटान शुरू हो गया और पलक झपकते राजनारायण मिश्र, राजकिशोर मिश्र और रामकेशरी देवी के रिहायशी मकान नदी मे विलीन हो गए. कटान को देखते हुए चौबेछपरा के अधिसंख्य मकानो पर दिल-दहलाने वाले हथौडे चलने लगे. एक साथ दर्जन भर मकानों पर चल रहे हथौड़ों की आवाज से आस-पास के लोगों का कलेजा कांप रहा है.

‘डूहां मठ नहीं होता तो यह इलाका घाघरा की कोख में होता’

सिकन्दरपुर में तहसील दिवस में भाग लेने आए जिलाधिकारी राकेश कुमार अचानक डूंहा स्थित श्री बनखंडी नाथ मठ पहुंचे. उन्होंने वहां बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के साथ मठ की सुरक्षा के लिए उसके उत्तरी दीवाल की तरफ से कराए गए पिचिंग के कार्य का निरीक्षण किया. साथ ही ऐतिहासिक मठ की कटान से सुरक्षा के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने की बाढ़ विभाग के प्रभारी अधिशासी अभियंता कुमार गौरव को निर्देश दिया. पिचिंग के कार्य पर असंतुष्टि व्यक्त करते हुए उसे उन्होंने अपर्याप्त बताया.

बसपाइयों पर भी हो कार्रवाई – विजय बहादुर पाठक

दयाशंकर मामले में आजमगढ़ में बोले विजय बहादुर पाठक, बसपा नेताओं पर भी हो कार्रवाई, माया और अखिलेश के रिश्ते बुआ-भतीजे के. मायावती देती थी सपा नेताओं को संरक्षण, अखिलेश भी मायावती के भ्रष्टाचार को दे रहे संरक्षण

घाघरा के छाड़न में पलटी नाव, सवा दर्जन की जान सांसत में

शेखपुर गांव के सामने घाघरा नदी के पुराने छाड़न में सोमवार को दोपहर में यात्रियों से भरी एक नाव पलट गई, जिससे उस पर सवार करीब 4 महिलाओं समेत सवा दर्जन लोग बाढ़ के पानी में डूबने लगे. मौके पर मौजूद आधा दर्जन हौसला बुलंद युवकों ने अथक प्रयास कर उन्हें बाहर निकाल सभी की जान बचाई.

दीयारों के बाद कई गांवों को डराने लगी है घाघरा

गंगा नदी का जलस्तर गायघाट पर 55.90 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. गंगा नदी खतरा बिन्दु से नीचे है. घाघरा नदी का डीएसपी हेड पर जलस्तर 64.300 मीटर है, जो स्थिर है. चांदपुर में जलस्तर 58.95 मीटर और मांझी में जलस्तर 54.80 मीटर है, जो बढ़ाव पर है. टोंस नदी का जलस्तर पिपरा घाट पर 56.40 मीटर है, जो स्थिर है.

गंगा थिराई, मगर घाघरा अब भी ले रही अंगड़ाई

घाघरा नदी का पानी धीमी गति से लगातार बढ़ाव पर है. सीसोटार के मगही, लीलकर व खरीद दियारे में धीमी गति से कटान जारी है. उधर डूहां स्थित श्रीवनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा के लिए कराई गई पीचिंग के बावजूद बाढ़ का पानी उसकी दीवालों से सटकर बहा रहा है. वैसे कटान के मामले में गंगा भी पीछे नहीं है, मगर उसका मिजाज जरा शांत है.

बसपा-सपा एक ही सिक्के के दो पहलू – रामइकबाल

बसपा और सपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. दोनों यादव सिंह जैसे भ्रष्टतम अधिकारी की दो भुजाएं हैं. उनमें नूरा कुश्ती होती रहती है. यह विचार है वरिष्ठ भाजपा नेता पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह का

घाघरा ने कर रखा है नाक में दम

उफनाई घाघरा नदी ने क्षेत्र के प्रायः सभी दियारों में तबाही मचाना शुरू कर दिया है. दियारा लीललकर में ढा़ही लगने के साथ ही ऊपरी भागों में बाढ़ का पानी फैलने लगा है. जिससे वहां रोपी गई फसलों के नष्ट होने का खतरा पैदा हो गया है.

जलस्तर में वृद्धि के साथ घाघरा पूरे फॉर्म में, गंगा-टोंस से भी संकट गहराया

जलस्तर में वृद्धि के साथ ही घाघरा नदी क्षेत्र में लगातार रौद्र रूप धारण करती जा रही है. इसी के साथ कटान के कारण सभी दियारों में फसलों सहित जमीन की बर्बादी का सिलसिला भी जारी है.

घाघरा ने लाल निशान पार किया

घागरा नदी के जल स्तर में वृद्धि के साथ ही कठौड़ा रेगूलेटर से पानी का रिसाव तेज हो गया. पानी रेगुलेटर से निकलकर उस से जुड़े नाले के माध्यम से विशाल कठौड़ा ताल में भरता जा रहा है.

अब बलिया शहर में दाखिल हो चुकी हैं गंगा

बीते तीन दिनों के झमाझम बारिश के बाद किसानों की तो बल्ले बल्ले हो गई हैं, मगर कई जगह बाढ़ जैसी हालत हो गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है. हालांकि सोमवार की शाम सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट में 57.400 मीटर, घाघरा का जलस्तर डीएसपी हेड में 63.375 मीटर, घाघरा का जलस्तर चांदपुर में 57.86 मीटर, मांझी में 54.40 मीटर एवं टोंस नदी का जलस्तर पीपरा घाट पर 58.60 मीटर है. अर्थात बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट बता रही है कि जनपद में नदिया बढाव पर है, किन्तु खतरा बिन्दु से नीचे है.

गंगा खतरे के निशान से मात्र 80 सेंटीमीटर नीचे

बलिया में गंगा तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार बुधवार की शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 56.80 मीटर दर्ज की गई. खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. वैसे गंगा के जलस्तर में वाराणसी में जारी बढ़ोतरी पर मंगलवार को जहां लगाम लगी है, वहीं दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट समेत अधिसंख्य घाटों की सीढ़ियां और मंदिर अब भी पानी में हैं. संगम नगरी इलाहाबाद में भी गंगा के जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.

कठौड़ा रेगुलेटर से पानी का रिसाव कब रुकेगा एडीएम साहब

गंगा, घाघरा एवं अन्य नदियों का जल स्तर बढ़ने के कारण कई गांव बाढ़ के पानी से प्रभावित हो रहे हैं. इसे देखते हुए कलेक्ट्रेट स्थित संयुक्त कार्यालय में प्रतिदिन 24 घण्टे के लिए बाढ़ कन्ट्रोल रूम स्थापित किया गया है, जिसका दूरभाष नम्बर – 05498-220857. इस कन्ट्रोल रूम में बाढ़ से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की सूचना दर्ज करवाई जा सकती है.

घाघरा की खौफनाक लहरें लाल निशान छूने को बेताब

मंगलवार को अपराह्न जलस्तर 61.590 मीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64.010 मीटर से 2.420 मीटर कम है. सोमवार को घाघरा का जलस्तर 61.155 मीटर दर्ज किया गया था. यह केंद्रीय जल आयोग का आंकड़ा है. पांच दिन तक लगातार घटाव पर रही घाघरा नदी के जलस्तर में बहुत तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है. इसी के साथ कई स्थानों पर कटान से उपजाऊ भूमि नदी में समाती जा रही है. घाघरा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम देखकर तटवर्ती बाशिंदों के होश उड़ गए हैं. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 0.435 मीटर की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. करीब 60 डिसमिल ऊपजाऊ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है. उधर डुंहा स्थित बनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा के लिए कुछ महीने पहले सुरक्षा कवच के ध्वस्त हो जाने से स्थानीय साधु-संतों की भी नींद हराम हो गई है.

चंद्रशेखर के कारण बना जेपी स्मारक

अद्भुत संकल्प, अटूट निष्ठा और अनवरत प्रयास का नतीजा है, जयप्रकाश नगर (जेपी की जन्मभूमि) में जेपी स्मारक. अकेले चंद्रशेखर के साहस और निष्ठा से ही जेपी की जन्मभूमि में अनूठा स्मारक बनाने का स्वप्न साकार हुआ है. वस्तुत: यह स्मारक असंभव कल्पना का साकार रूप है, जो घोर देहात के वाकिफ नहीं हैं, उन्हें बिना यहां का भूगोल जाने शायद इस कथन पर यकीन न हो. हिंदुस्तान की दो मशहूर नदियों गंगा और घाघरा के बीच बसा है सिताबदियारा. यहीं दोनों नदियों का संगम भी है.