बलिया। शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी कोरोना हेल्थ बुलेटिन के बाद जिले ने राहत की सांस ली. आज कोई नए कोरोना पॉजिटिव केस नहीं आया, बल्कि 182 की रिपोर्ट निगेटिव आयी.
कोरोना बुलेटिन के मुताबिक 18 जून तक जनपद में कुल 3516 संदिग्ध लोगों के सैंपल लिए गए है, जिसमें 3142 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव आई है. वहीं अब तक 70 लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं. इसमें 59 स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट गए हैं. यहां कोरोना के एक्टिव केस 11 हैं. जांच को भेजे गए सैंपलों में शुक्रवार तक 305 की जांच प्रक्रियागत है.
उधर, कोविड-19 वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अस्पतालों की स्थगित की गई सेवाएं एक बार फिर से बहाल की जा रही हैं. कोरोना के दृष्टिगत प्रदेश के समस्त चिकित्सालयों में ओपीडी सेवाएं बन्द कर दी गई थी. अब सभी को पुन: खोलने के दिशा निर्देश शासन से जारी हो गए हैं. यह जानकारी सीएमओ डॉ. पीके मिश्र ने दी. उन्होंने बताया कि चिकित्सालयों में ओपीडी शुरू करने के लिए सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से पालन करना होगा. सीएचसी या पीएचसी केंद्रों पर स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाले व्यक्तियों की इंफ्रारेड थर्मामीटर से स्क्रीनिंग की जाए. रोगी के साथ एक तीमारदार को ही प्रवेश की अनुमति दी जाए.
सील हॉटस्पॉट इलाके को असमाजिक तत्वों ने खोला
विकास खण्ड गड़वार क्षेत्र के छतवां गांव में पति, पत्नी एवं उनके दो नाबालिग बच्चों के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद गुरुवार को सील किए गए हाटस्पॉट क्षेत्र को असमाजिक तत्वों द्वारा उसी रात खोल दिया गया है. गुरुवार को चौकी प्रभारी रामअवध के देखरेख में प्रभावित क्षेत्र को सील किया गया था, लेकिन सड़क के बैरियर को गांव के कुछ लोगों ने जबरिया खोल दिया. शुक्रवार को जब स्क्रीनिंग एवं जांच के लिए प्रा स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. राकिफ अख्तर स्वास्थ्य टीम के साथ गांव पहुंचे तो गांव को पूरी तरह से खुला देख दंग रह गए. लोग आराम से संक्रमित क्षेत्र में आवागमन कर रहे थे, जैसे उन लोगों ने समझ लिया हो कि संक्रमित मरीज के भर्ती होने के बाद गांव पूरी तरह से कोरोना मुक्त हो गया है.
बलिया समेत वाराणसी मंडल के सात स्टेशनों पर कोविड केयर ट्रेन के आइसोलेशन कोच पहुंचे
वैश्विक महामारी कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में भारतीय रेल के साथ कदम से कदम मिलाकर अपनी भूमिका निभा रहा है वाराणसी मंडल. इस क्रम में वाराणसी मंडल द्वारा 32 साधारण कोचों को कोविड केयर सेन्टर के रूप में परिवर्तित करने के लिये कोचों में आवश्यक बदलाव का कार्य पहले ही पूरा कर लिया गया था. अब इन कोचों का उपयोग कोविड केयर सेंटर के रूप में किया जाना है.
केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा इन कोचों के प्रबन्धन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मंडल पर सेवित 07 स्टेशन (वाराणसी सिटी, मंडुवाडीह, बलिया, गाजीपुर सिटी, मऊ, भटनी तथा आजमगढ़ पर रेलवे कोच कोविड केयर सेन्टर आइसोलेशन कोच की रेकों को पहुंचा दिया गया है. उनका पूर्ण रूप से सेनिटाइजेशन भी कर दिया गया है.
कोविड केयर सेन्टर के रूप में प्रयोग किये जाने वाले इन कोचों में Mild & Very Mild Covid मरीजों को राज्य सरकार द्वारा आवश्यकता पड़ने पर रखा जायेगा. यद्यपि अभी ऐसी आवश्यकता की स्थिति उत्पन्न नही हुई है, किन्तु भविष्य में ऐसी किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार के साथ समन्वय स्थापित करते हुए साफ-सफाई एवं डिसइन्फेक्शन के उपरान्त इन कोचों वाली गाड़ियों को पूर्वोत्तर रेलवे के नामित 07 स्टेशनों पर मांग के अनुसार खड़ा किया जा चुका है.
इन रेकों को स्टेशन पर पृथक रूप से चिन्हित किये गये स्थानों पर खड़ा किया गया है. उपयोग के दौरान आवागमन हेतु अलग से प्रवेश तथा निकास की सुविधा प्रदान की गयी है. आम रेल यात्रियों के लिए इनके प्लेटफार्म पर प्रवेश निषिद्ध रहेगा तथा इन कोचों में प्रवेश और निकास की पृथक व्यवस्था सुनिश्चित की गयी है.
मंडल प्रशासन द्वारा उपरोक्त प्रत्येक स्टेशन पर नोडल अधिकारियों को नामित किया गया है, जो सम्बंधित जनपद के CMO से समन्वय स्थापित करेंगे. इसी परिप्रेक्ष्य में सम्बंधित जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं नोडल रेलवे अधिकारियों द्वारा स्टेशन पर खड़ी रेलवे कोच कोविड केयर की रेकों का संयुक्त निरीक्षण किया जा चुका है. प्रत्येक रेक में कुल 12 कोच लगाये गये है. कोच की स्टैण्डर्ड संरचना में 10 कोच-कोविड केयर सेन्टर, एक सेकेण्ड एसी कोच एवं एक एसएलआर लगाया गया है.
एक कोच में मरीजों के लिये 08 केबिन बनाये गये है. पारदर्शी प्लास्टिक परदों से युक्त, प्रत्येक कोच में बने आइसोलेशन वार्ड में पहला केबिन चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ तथा मरीजों के लिए अक्सीजन की सुविधा, दवाऐं, उपकरण आदि उपलब्ध रहेंगे. बाकी आठ केबिन रोगियों के लिए तैयार किये गये है. आइसोलेशन वार्ड में भारतीय शैली के शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित किया गया है. मच्छरों के प्रवेश से बचने के लिए मच्छरदानी उपलब्ध कराई गयी है. उचित वेंटिलेशन भी दिया गया है. प्रत्येक केबिन में सूखा कूड़ा, गीला कूड़ा एवं खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ के निस्तारण हेतु फुट पैडल आपरेटेड ढक्कनदार तीन अलग-अलग डस्टबिन (लाल, नीला, पीला) प्रदान किये गये है. आवश्यकता पड़ने पर मरीजों को उच्चतर इलाज हेतु सम्बद्ध कोविड हॉस्पिटल में स्थानांतरित किया जायेगा. रेलवे प्रशासन इस आपदा की घड़ी में राज्य सरकार के सहयोग के लिये प्रतिबद्ध है.