अयोध्या में श्रीराम लला के नूतन विग्रह में प्राण-प्रतिष्ठा के मौके पर शिवपुर दीयर नई बस्ती बेयासी ढाला पर सोमवार को ढाले के राम भक्तों द्वारा श्रीराम जयराम जय-जय राम.. का जाप किया गया.
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर में उनके प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ के तत्वावधान में आज श्री राम जानकी मंदिर छड़हर पर दिन में 12:00 बजे से भव्य भंडारे का आयोजन किया गया.
अयोध्या रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद जहां चारों तरफ देशवासियों में हर्ष की धूम मची है तो वही सुल्तानपुर जनपद के शहर से कस्बा हो या गांव हर स्थानों पर आतिशबाजी के साथ जयश्रीराम का जयकारा लगाया जाने लगा.
जिलाधिकारी ने शहरी क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों एवं प्राण प्रतिष्ठा वाले मंदिरों का निरीक्षण कर वहां की व्यवस्था का लिया जायजा [ पूरी खबर पढ़ें ]
बांसडीह में खेत में बकरी चराने को लेकर हुई मारपीट के मामले में तीन महिलाओं पर मुकदमा दर्ज [ पूरी खबर पढ़ें ]
श्री रामजन्म भूमि पर भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय में 22 जनवरी, 2024 को सुंदरकाण्ड भजन एवं दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा.
अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर में स्थापित हो रहे प्रभु के प्रतिमा के उपलक्ष में श्रीराम जानकी मंदिर छड़हर पर पिछले 12 तारीख से विभिन्न पूजन एवं अनुष्ठान चल रहे हैं .
क्षेत्र के नगवा, अख़ार ढाला स्थित हनुमान मंदिर स्थापना के वर्षगांठ पर हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कराए गए 24 घंटे का अखंड हरिकीर्तन हवन-पूजन एवं आरती के साथ शनिवार को संपन्न हुआ.
इस शोभायात्रा में प्रभु श्रीराम दरबार की झांकी, राम, लक्ष्मण, विश्वामित्र की झांकी व लव, कुश व माता सीताजी की झांकी कुल तीन झांकियां अत्यंत मनमोहक लग रही थी.
जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के नैक टीम ने राजभवन, लख़नऊ में राज्यपाल /कुलाधिपति श्रीमती आनंदी बेन पटेल के समक्ष नैक के सभी सात क्राईटेरिया की प्रस्तुति दी.
सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह का 357वां प्रकाश पर्व मनाया गया. सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर के पुत्र थे. इनका जन्म पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को हुआ था.
केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी जलमार्ग परियोजना के तहत कोलकाता से अयोध्या के मध्य सरयू नदी के इस मार्ग को राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या 40 घोषित किया गया है.
कर संक्रांति पर गंगापुर में गंगा स्नान के बाद लगी प्रदर्शनी का हजारों श्रद्धालुओं ने आनंद उठाया
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ने किया आयोजन
14 जनवरी से शुरू इस विशेष अभियान के तहत सभी नगरपालिका, नगर निकायों, नगर पंचायतों, कस्बे, गांव, सरकारी इमारतें और देव मंदिरों को स्वच्छ बनाकर उसे सजाया जाना है.
मकर संक्रांति सामाजिक समरसता का प्रतीक है. यह पर्व हमें अंधकार से प्रकाश की ओर, अज्ञान से ज्ञान की ओर, आलस्य से कर्मठता की ओर प्रवृत्त होने की प्रेरणा देता है.