वैसे भी यह देश आज भी जुगाड़ से ही चलता है… बाकी तो जो है हईए है…

क्या आपने कभी सुना है कि फलां मेट्रो पैसेंजर को फांसी हुई इसके बाद लोग कांशस हो गए…. नहीं न…

प्रतिबंध के लिए पाकिस्तान को ढाल बनाना बेमानी

एक तरफ तो वहां स्थिति सामान्य होने का दावा किया जा रहा है और दूसरी तरफ प्रतिबंध भी कायम है. अब प्रतिबंध न हटाने के लिए पाकिस्तान को ढाल बनाया जा रहा है.

लकड़सुंघवा टू बच्चा चोर वाया मुंहनोचवा-चोटीकटवा

मेरी टेंशन की वजह दूसरी भी थी. जिस मकान में हम रह रहे थे, वह यूपी कॉलेज के एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर का मकान था. इलाके में भी सम्मानित लोग थे

इसरो टीम के जज्बे को सलाम किया मोदी ने

चंद्रयान 2 का इसरो सेंटर से संपर्क टूटने पर हताश वैज्ञानिकोंं के काम की सराहना और जज्बे को सलाम किया. उनके परिवार के मौन समर्थन का आभार जताया.

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न कविता न कहानी, ‘नारी जीवन’ को मिला पुरस्कार

कहानी में ट्विस्ट अभी बाकी था. जो शिक्षक विजेता का नाम पुकार रहे थे वे लगातार दर्शकों की राय भी पूछते जा रहे थे. कुछ हो-हो की आवाज़ों और तालियों के बीच सभी लोग पुरस्कार ले कर जा रहे थे. सभी लोग विजेता का नाम चिल्ला रहे थे

हैप्पी टीचर्स डे दुलारी मैडम.

मैडम ने कहा जब तक जरूरी न हो विद्यादान के पैसे नहीं लेने चाहिए. मैडम की यह बात हम बच्चों के दिल को छू गयी. दुलारी मैम आज भी हमारे दिल में बसी हैं. आप जहां कहीं भी हों-हैप्पी टीचर्स डे दुलारी मैडम.

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सारे बवाल की जड़ तो ‘मन का काम’ न मिलना ही है

शिक्षा की बेहतरी के लिए कितनी पुस्तकें हैं, कितने ही दार्शनिक सिद्धांतों और पद्तियों का आविष्कार किया गया. कितने धर्मों की स्थापना हुई और कितनी शिक्षा पद्तियां अपनाई गईं. लेकिन वो सभी शिक्षा पद्तिया सही मायनों में असफल हो गईं.

जय ‘प्रोफेशनल’ अतुलित बल धामा…

तमाम ट्रे्ंड्स की तरह खुद को बतौर प्रोफेशनल और प्रैक्टकल पेश करना भी उसमें शुमार है. सेल्फ-अटेस्टेड होता है किसी का अपना परिचय. बस सतर्क होने की जरूरत है.

WhatsApp जोक का भी असर होता है!

वो कुत्ता अपनी बीवी को इसलिए बेचने जा रहा था क्योंकि वो बहुत सुंदर थी. भई वाह! बीवी खूबसूरत हो तो कोठे बेच देंगे, बदसूरत हो तो घर से बाहर खदेड़ देंगे… वाह. बीवी खूबसूरत हो तो कोठे पर बेचे देंगे, खूबसूरत न हो तो खुद कोठे कोठे घूमते फिरेंगे.

भटके युवा सिर्फ कश्मीर में नहीं… हमारे आपके इर्द गिर्द भी हैं

तुम्हारी दो कौड़ी की राजनीति और झंडा ढोने ने तुम्हारे पिता की हड्डियों को गला दिया, कल परिवार इस उम्मीद में था कि तुम पढ़ लिखकर दो पैसा लाते और बहन की शादी में पिता का सहयोग करते पर तुम सहयोग कहा से करते तुमने तो अपने खर्चे से उन्हें कर्ज में डाल दिया.

आरोग्य और मोक्ष प्रदान करता है, ददरी का कार्तिक पूर्णिमा स्नान: कौशिकेय

भृगु-दर्दर क्षेत्र में कार्तिक पूर्णिमा को सभी देवी-देवता, पवित्र तीर्थ,नदियां आती हैं

फरेब व पाखंड में पारंगत हैं केन्द्र व प्रदेश सरकार, सजग रहें-नेता प्रतिपक्ष

फरेब व पाखंड में पारंगत हैं केन्द्र व प्रदेश सरकार, सजग रहें-नेता प्रतिपक्ष

क्या देश की सबसे बड़ी त्रासदी है आरक्षण?

क्या देश की सबसे बड़ी त्रासदी है आरक्षण? आरक्षण विरोधियों की माने तो अयोग्य व्यक्ति जब ऊँचे पदो पर पहुँच जाते है तो ना समाज का भला होता है और ना ही देश का और सही बात तो यह है कि आरक्षण जैसी चीजें मूल जरूरतमंदों के पास तक तो पहुँच ही नही पाती. बस कुछ मलाई खाने वाले लोग इसका फायदा उठाते है.

बढ़िया फिजीक और खूबसूरती वाले बयान पर निर्भया की मां ने दिया पूर्व डीजीपी को ये जवाब

 ‘निर्भया की मां के फिजिक को देखकर पता चलता है कि निर्भया कितनी सुंदर रही होगी.’ ऐसा कहना है कर्नाटक के पूर्व डीजीपी एचटी  सागंलियान का. सागंलियान ने एक कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली महिलाओं को ‘निर्भया अवॉर्ड’ से सम्मानित करने के दौरान निर्भया की मां को लेकर यह आपत्तिजनक बयान दिया.

भईया, मुख्यमंत्री तौ अमित शाहै होइहैं

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव का परिणाम 11 मार्च को ही आ गया था. भाजपा गठबंधन ने अप्रत्याशित जीत दर्ज करते हुए 403 सीटों में से 325 सीटों पर कब्जा कर लिया है. भाजपा ने 312, अपना दल ने 9 और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने 4 सीटों पर कब्जा जमाया है. अब सवाल सूबे के मुख्यमंत्री का है .

चुनावी चकल्लस – हाल कैसा है जनाब का, क्या खयाल है आपका

विधान सभा चुनाव की घंटी बज चुकी है. गांव की राजनीतिक गलियारों में चहल पहल शुरू हो चुकी है. विधान सभा क्षेत्र के अंतर्गत बैरिया गांव के प्रमुख बाजारों की रौनक एक बार फिर लौटने लगी है

पीयूसीएल ने एनडीटीवी पर कार्रवाई को अलोकतांत्रिक बताया

लोक स्वातन्त्र्य संगठन पीयूसीएल की जिला इकाई ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा एनडीटीवी इण्डिया के प्रसारण पर रोक लगाये जाने के आदेश की कठोर निंदा की है.

कृष्ण बिहारी मिश्र – खोंइछा गमकत जाइ

कलकता में रहनिवासी राखेवाला हिंदी के अप्रतीम विद्वान, भोजपुरी लोकराग अउरी भोजपुरी धरती के जानकारी रखेवाला, खैरख्वाही करेवाला अद्वितीय पुरुष अउर हमरा के बहुत—बहुत प्यार—दुलार देबेवाला परम आदरणीय कृष्णबिहारी मिश्र बाबूजी आज 85 साल के हो गईनी. कुछ माह पहिले उहां से लंबा बात भइल रहे.

तू त आन्हर हवे रे बटोहिया, बहंगी छठ मैया के जाय

भगवान सूर्य जिन्हें आदित्य भी कहा जाता है. यह एक मात्र प्रत्यक्ष देवता हैं. इनकी रोशनी से ही प्रकृति में जीवन चक्र चलता है. इनकी किरणों से ही धरती में प्राण का संचार होता है और फल-फूल, अनाज इत्यादि का निर्माण होता है. यही वर्षा को आकर्षित करते हैं और ऋतु चक्र को चलाते हैं.

हैं धन्य जवान वो अपने, धन्य है उनकी जवानी

उरी हमले के बाद देशवासियों में दुःख व आक्रोश का सम्मिलित भाव पैदा हुआ है. उस आक्रोश को परवान चढ़ाने का कार्य कर माकूल जवाब दिया भारतीय सेना के पैराकमांडोज ने. जिस पर पूरा देश गर्वान्वित है.

भारतीय मुसलमानों को बदनाम कर रहा है पाकिस्तान

शिक्षक ऐनुल हक अंसारी ने कहा कि पाकिस्तान का व्यवहार पड़ोसी जैसा नहीं है. वह भारत के मुसलमानों के खिलाफ काम कर रहा है. शाहिद अंसारी ने कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तानी करवाई यहां के मुसलमानों को बदनाम करने वाली है. उसे अपनी भारत विरोधी करवाई तत्काल बंद कर देनी चाहिए.

पाक को दिया जाए मुंहतोड़ जवाब-पूर्व सैनिक

उरी के आतंकवादी हमले के बाद पूरे देश व समाज की आम प्रतिक्रिया तो यही है कि भारत पाकिस्तान पर हमला करे और उसे उसकी औकात बताये. कुछ ऐसी ही सोच बैरिया क्षेत्र के अवकाश प्राप्त सैनिक रखते हैं. उनका दो टूक मानना है कि अब किसी भी हाल में अगले आतंकवादी कारनामे की प्रतीक्षा किए बिना पाक की नापाक हरकतों को जड़ से समाप्त करने के लिए भारत सरकार को आक्रामक होना चाहिये.

बैरिया में नेता मस्त, बाढ़ पीड़ित त्रस्त

सार्वजनिक वितरण अन्तर्गत बैरिया तहसील में वितरण के लिए अन्त्योदय का लगभग 2436 कुन्तल गेहूं, 1135 कुन्तल चावल व 865 कुतल चीनी तथा पात्र गृहस्थ परिवारों के लिये 8 हजार कुन्तल गेंहू व लगभग 5 हजार कुन्तल चावल प्रतिमाह आता है. फिर भी लाभार्थियों में नहीं मिलने का राग ही सुनने को मिलता है. होने वाली शिकायतें दबा दी जाती हैं.

बिना ढिंढोरा पीटे जिउतिया अब बेटियों के लिए भी

थोड़े समय पूर्व तक यह उपवास सिर्फ पुत्रों के लिए किया जाता था. लेकिन “जितिया पावैन” एक अपभ्रंश है. इसका सही नाम होता है जीविकपुत्रिका व्रत (जीवित्पुत्रिका व्रत). ध्यान दीजिये, यहां “पुत्री” शब्द है, पुत्र नहीं. धीरे धीरे कभी पिछले हज़ार-बारह सौ सालों की गुलामी में इसका स्वरूप बिगड़ा और यह सिर्फ पुत्रों के लिए हो गया.

झिझक मिटे तो हिंदी बढ़े …!!

एक बार मुझे एक ऐसे समारोह में जाना पड़ा, जहां जाने से मैं यह सोच कर कतरा रहा था कि वहां अंग्रेजी का बोलबाला होगा. सामान्यतः ऐसे माहौल में मैं सामंजस्य स्थापित नहीं कर पाता. लेकिन मन मार कर वहां पहुंचने पर मुझे अप्रत्याशित खुशी और सुखद आश्चर्य हुआ.