Category: बतकही
बतकही – कुछ और नहीं, बलिया लाइव का ब्लॉग है. यहां आप विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की बातें सुन सकते हैं.
‘निर्भया की मां के फिजिक को देखकर पता चलता है कि निर्भया कितनी सुंदर रही होगी.’ ऐसा कहना है कर्नाटक के पूर्व डीजीपी एचटी सागंलियान का. सागंलियान ने एक कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाली महिलाओं को ‘निर्भया अवॉर्ड’ से सम्मानित करने के दौरान निर्भया की मां को लेकर यह आपत्तिजनक बयान दिया.
उरी के आतंकवादी हमले के बाद पूरे देश व समाज की आम प्रतिक्रिया तो यही है कि भारत पाकिस्तान पर हमला करे और उसे उसकी औकात बताये. कुछ ऐसी ही सोच बैरिया क्षेत्र के अवकाश प्राप्त सैनिक रखते हैं. उनका दो टूक मानना है कि अब किसी भी हाल में अगले आतंकवादी कारनामे की प्रतीक्षा किए बिना पाक की नापाक हरकतों को जड़ से समाप्त करने के लिए भारत सरकार को आक्रामक होना चाहिये.
सार्वजनिक वितरण अन्तर्गत बैरिया तहसील में वितरण के लिए अन्त्योदय का लगभग 2436 कुन्तल गेहूं, 1135 कुन्तल चावल व 865 कुतल चीनी तथा पात्र गृहस्थ परिवारों के लिये 8 हजार कुन्तल गेंहू व लगभग 5 हजार कुन्तल चावल प्रतिमाह आता है. फिर भी लाभार्थियों में नहीं मिलने का राग ही सुनने को मिलता है. होने वाली शिकायतें दबा दी जाती हैं.
थोड़े समय पूर्व तक यह उपवास सिर्फ पुत्रों के लिए किया जाता था. लेकिन “जितिया पावैन” एक अपभ्रंश है. इसका सही नाम होता है जीविकपुत्रिका व्रत (जीवित्पुत्रिका व्रत). ध्यान दीजिये, यहां “पुत्री” शब्द है, पुत्र नहीं. धीरे धीरे कभी पिछले हज़ार-बारह सौ सालों की गुलामी में इसका स्वरूप बिगड़ा और यह सिर्फ पुत्रों के लिए हो गया.