Category: देश दुनिया
आज ‘नहाय-खाय’ के साथ महापर्व छठ आरंभ हो गया है. इस बार पहला अर्घ्य 6 नवम्बर को संध्या काल में दिया जाएगा और अंतिम 7 नवम्बर को अरुणोदय में. पहले दिन की पूजा के बाद से नमक का त्याग कर दिया जाता है. छठ के दूसरे दिन को खरना के रूप में मनाया जाता है, इस दिन भूखे-प्यासे रहकर व्रती खीर का प्रसाद तैयार करती है.
मनुष्य एक विचारवान प्राणी है. यह एक ओर जहां अपनी सांसारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सचेष्ट और प्रयत्न शील रहता है, वहीं दूसरी ओर अपनी मुक्ति के लिए भी आतुर और चिंतित रहता है. ऋषि-महर्षियों चिंतकों मनीषियों और धर्म धुरंधरों ने मानव की इसी चित्त-वृत्ति को देखते हुए लोकमंगल की भावना से समय समय और स्थान स्थान पर मुक्ति के साधन और स्थल को भी रेखांकित किया है.