शहर छोड़ी चल गंउवें, चलि के कर किसानी सजना

कवियत्री व अभिनेत्री राधिका तिवारी ने पूर्वांचल की युवतियों के दिलों में रंगमंच और साहित्य का सपना पैदा किया, जिससे इस रुढिवादी इलाके की अनेक महिलाएं अभिनय, गायन के क्षेत्र में आगे निकली. 

सभी धर्म समाज में सद्भाव व शांति का संदेश देते हैं : संत मनोज दास

सिकन्दरपुर(बलिया)। क्षेत्र के कुंडीडीह गांव स्थित मानवता बटशिला साईं विचार सेवा ट्रस्ट का 13 वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से मनाया गया. जिसमें सैकड़ो श्रद्धालु नर-नारियों ने भाग लिया. कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संत मनोज दास ने दीप प्रज्वलित कर किया.

अपनी 38वी पुण्य तिथि पर याद किये गये आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी

बलिया। भारतीय मनीषा के प्रतीक और साहित्य एवं संस्कृति के अप्रतिम व्याख्याकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की 38 वीं पुण्यतिथि शुक्रवार को उनके पैतृक गांव ओझवलिया में सादगी से मनाई गई.

MOTHERS-DAY

ईस्ट हो या वेस्ट ,मां इज द बेस्ट

मदर्स ड़े ,मां के प्रति कृतज्ञ होने का यह त्योहार विश्व के अनेक भागों मे अलग अलग दिन मनाया जाता है .अमेरिका की तरह भारत मे यह मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता हैं जो 2017 में 14 मई को है. मदर्स ड़े को मनाये जाने का इतिहास 400 वर्ष पुर्व का बताया जाता है पर हम यह

बच्चों की पर्सनालिटी ग्रुम करना चाहते हैं, संकल्प है न…….

संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था, बलिया ने खेल-खेल में अभिनय, गायन, नृत्य एवं पेंटिंग के माध्यम से बच्चों के पर्सनालिटी डेवलपमेंट का सुनहरा अवसर उपलब्ध करवाया है.

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इलाके में अकीदत के साथ मनाया गया शबे बरात 

सिकंदरपुर(बलिया)।नगर तथा इलाकाई गांवो में शबे बरात का त्योहार अकीदत के साथ मनाया गया. इस मौके पर मुस्लिम बिरादरी के लोगों ने शाम को फातिहा कराया व अपने मकानों, मस्जिदों व मजारों पर चेरांगां किया.

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वैदिक मन्त्रोच्चार व विविध अनुष्ठानों के साथ हुयी लगभग डेढ दर्जन मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा

रेवती(बलिया)। नगर के उत्तर टोला स्थित दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय शिवशक्ति प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के सातवें दिन बिहार मीरगंज से पधारे बाल व्यास अरविंद दुबे ने भगवान भोलेनाथ के चरित्र का वर्णन किया.”एक दिन वह भोले भंडारी बन करके ब्रज नारी,

हो पूत कपूत भले ही माता नहीं होती कुमाता

रेवती(बलिया)। पुत्र कपूत सकता है, परन्तु माता कभी कुमाता नहीं हो सकती है. उक्त बातें बिहार मीरगंज से पधारे बाल व्यास श्री अरविंद दुबे ने स्थानीय नगर के उत्तर टोला स्थित नवनिर्मित मां दुर्गा प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय शिव शक्ति प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के छठे दिन प्रवचन मे बोले.

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शोभायात्रा में उमडा आस्था का सैलाब, जयकारे से गूंजी दिशाये

रेवती(बलिया)। जै मां दुर्गे,उँ नमः शिवाय आदि गगनभेदी नारों के बीच निकली मां दुर्गा एवं भगवान शिव सहित विभिन्न मूर्तियों की निकली भव्य शोभायात्रा नगर भ्रमण जुलुस में श्रद्धालुओं का मानों जन सैलाब उमड़ पड़.

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कामेश्वर धाम कारो का वार्षिकोत्सव 4 मई से 14 मई तक

बलिया। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान शिव की सनातन साधना स्थली काम दहन भूंमि कामेश्वर धाम कारो का वार्षिकोत्सव वैशाख शुक्ल नवमी 4 मई से प्रारम्भ होकर ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया दिनांक 14 मई तक पूज्य संत स्वामी श्री राम बालक दास जी महाराज श्री सीताराम प्रमोद वाटिका सुरेमनपुर के सानिध्य में सम्पन्न होगा.

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जब कुत्ते का मुखौटा लगाये प्रदर्शन कारियों ने सीएमओ को भौंकते हुये घेरा

गाजीपुर। शुक्रवार को सामाजिक कार्यकर्ताओं ने गाजीपुर जिला चिकित्सालय में कुत्तों का मुखौटा लगाकर अनोखा प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं के हाथों में स्लोगन लिखी तख्तियां थी. जिन पर जिला अस्पताल सहित पूरे जनपद मैं कुत्ता काटने के इंजेक्शन न होने की बात कहते हुए चिकित्सा के मौलिक अधिकार हनन का उल्लेख किया गया था.

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अहंकार मानव का सबसे बडा शत्रु- शक्तिपुत्र महाराज

रेवती(बलिया)। मनुष्य परिस्थितियों का दास होता है. परिस्थितियों के अनुसार मनुष्य की दिनचर्या बदलती रहती है. उक्त बातें नगर के उत्तर टोला स्थित नवनिर्मित दुर्गा मंदिर प्रांगण में चल रहे नौ दिवसीय शिव -शक्ति प्राण प्रतिष्ठात्मक महायज्ञ के चौथे दिन मानस मर्मज्ञ बाल व्यास शक्तिपुत्र महाराज ने कही. कहा कि संकट काल में मनुष्य को भगवान का स्मरण होता है.

सुरहा महोत्सव 2017 की तैयारी शुरू

सुरहा महोत्सव 2017 की तैयारी बैठक राजा सुरथ सुरहा विकास सेवा समिति के तत्वावधान में रविवार को बांसडीहरोड बाजार में आयोजित की गई.

अनुभूति शाण्डिल्य ‘तिस्ता’ – वीर कुंवर सिंह की गाथा से ही बना ली अलग पहचान

सारण रिविलगंज की युवा कलाकार तिस्ता ने गायन के क्षेत्र में इतनी कम उम्र में ही निपुणता हासिल कर ली है. साथ ही वीर गाथाओं के उत्कृष्ट प्रदर्शन से लगातार अपने करियर को एक नया आयाम दे रही हैं.

ढोलक-झाल की संगत में बजरंग बाबा की तान पर झनझना उठा दयाछपरा

जालंधर बाबा शिव मंदिर दयाछपरा मे शनिवार की शाम दो गोला शानदार चैता का मुकाबला पचरुखिया निवासी ब्यास उपेन्द्र सिंह एवं बलिहार निवासी ब्यास सुनील मिश्र के बीच हुआ.

चल कबड्डी आस लाल, मर गए प्रकाश लाल, मेरा मूंछ लाल-लाल-लाल-लाल

आज सारा जमाना क्रिकेट पर फिदा है. बच्‍चे-बच्‍चे की जुबान पर क्रिकेट छाया हुआ है, किंतु जेपी के गांव सिताबदियारा के लाला टोला में आज भी कबड्डी खेल की वह पुरानी परंपरा आज भी कायम है.

पनिया के जहाज से पलटनिया बनके जइहऽ…. हमके ले के अइहऽ हो…..पिया सेनूरा बंगाल के

अंगुलि में डसले बिया नागिनिया रे, ननदी सैंया के जागा द. सासु मोरा मारे रामा, बास के छेवकिया, कि ननदिया मोरा रे सुसुकत, पनिया के जाए, जैसे कई लोक प्रिय धुन जब सुनाई पड़ती हैं तो बरबस ही इन गीतों के रचियता पंडित महेंद्र मिश्र (महेंदर मिसिर) की याद हर भोजपुरी भाषा-भाषी के लोगों को आ ही जाती है.

‘मधु ऋतु मधुर-मधुर रस घोले, मधुर पवन अलसावे हो रामा…’

बसंत पंचमी बीत गई फागुन चल रहा है, अब चौपाल से उठते चौताल और फाग के बीच ढोलक के सुर नहीं सुनाई देते हैं. अब तो लोग कैलेंडरों पर ही तारीख और दिन देख-देखकर निर्भर रहते हैं. गांव हो या नगर बस यही लगता है कि बिसर गईल फाग भूल गई चाईता.

‘आषाढ़ का एक दिन’ का मंचन आज

संकल्प साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था द्वारा 30 जनवरी को सायं 5.30 बजे से बापू भवन में आषाढ़ का एक दिन नाटक का मंचन होना है.

‘पांच अनाड़ी, बने खिलाड़ी’ का हुआ मुहूर्त

पीजीसी ग्रुप के प्रोडक्शन हाउस केसीआई द्वारा निर्मित हिन्दी फीचर फिल्म पांच अनाड़ी बने खिलाड़ी का मुहूर्त शुक्रवार को मोती केशव कलवार सभागृह बलिया में सम्पन्न हुआ.

भोजपुरी में भी बने क्वालिटी सिनेमा: विजय राज

सासाराम के करगहर थाने के डिभिया गांव से निकलकर मायानगरी मुंबई का सफर तय करने वाले बालीवुड कलाकार विजय राज आज कमोवेश हर सिनेप्रेमियों की जुबान पर छाये हुए हैं.

अलविदा ओमपुरी – हमने अपने समय का उम्दा कलाकार खो दिया

किसी भी पात्र को सहजता से परदे पर जीवंत करने वाले ओम पुरी का असमय निधन आहत करने वाला है… बहुमुखी प्रतिभा के धनी बॉलीवुड अभिनेता ओम पुरी का शुक्रवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वे 66 वर्ष के थे. ओम पुरी उन चंद कलाकारों में से एक थे, जिन्होंने समानान्तर सिनेमा से लेकर कॉमर्शियल सिनेमा तक में कामयाबी हासिल की.

रामचरित मानस की प्रत्‍येक चौपाई महामंत्र के समान

मन की सरलता वाले व्‍यक्ति ही भगवान को अधिक प्रिय होते हैं. भगवान का भजन उसी व्यक्ति को फलदायी होते हैं, जिसका मन छल और कपट से रहित होता है. ऐसे व्‍यक्ति भगवन्‍न नाम संकीर्तन से असंभव से असंभव कार्यों की सिद्धि प्राप्‍त कर सकते हैं.

गुणवत्तापरक विज्ञान फिल्म बनाने पर जोर

विज्ञान फिल्म पर पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती उर्दू, अरबी-फारसी विश्वविद्यालय और विज्ञान प्रसार, डीएसटी, भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित राष्ट्रीय स्तर की कार्यशाला का समापन सत्र आज सम्पन्न हुआ.

अलविदा धनुष यज्ञ मेला, अब अगले साल मिलेंगे

संत सुदिष्ट बाबा के आश्रम पर लगने वाला धनुष यज्ञ मेला मंगलवार को समाप्त हो गया. आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व वाला पूर्वांचल का यह सुप्रसिद्ध मेला पूरे 24 दिनों तक चला.