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बलिया में किसानों पर सूखा के बाद अब बाढ़ का कहर
बलिया में किसानों पर सूखा के बाद अब बाढ़ का कहर
दुबहर, बलिया. पूर्वांचल के कई हिस्सों में कम वर्षा होने के कारण खेतों की फसल सूखने की कगार पर थी, जिसके कारण बलिया भी अच्छा खासा प्रभावित था. वहीं अब गंगा नदी के बढ़ रहे जलस्तर के कारण किसानों के माथे पर सिकन के बादल मडराने लगे हैं.
बृहस्पतिवार के दिन क्षेत्र के निकटवर्ती दर्जनों गांवों बलिया के महाबीर घाट से शिवरामपुर, संवरूबांध, बंधुचक, नगवा, जनाड़ी, अड़रा, पाण्डेयपुर, धरनीपुर, दुबहड़, भरसर, बसरिकापुर, ओझवलिया से हल्दी क्षेत्र तक फैले तालाब में अचानक पानी के तेज बहाव के कारण हजारों एकड़ फसलें जलमग्न होने के कगार पर है.
अगर इसी रफ्तार से जल स्तर बढ़ता रहा तो जल्द ही पूरा दियारा क्षेत्र जलमग्न हो जाता. विदित हो कि क्षेत्र में बाढ़ आने के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोगों के जानमाल की क्षति होने के साथ-साथ प्रकाश, शुद्ध पेयजल, आवासीय व्यवस्था, पशुओं के चारे एवं रखरखाव आदि परेशानियों से गुजरना पड़ता है जिसके कारण क्षेत्र के तटवर्ती दर्जनों गांवों के ग्रामीण बाढ़ की आशंका से भयभीत है.
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बाढ़ विभाग की रिपोर्ट के अनुसार गंगा गायघाट में 57. 93 मीटर पर बह रही है जो खतरा बिंदु 57.615 मीटर से ऊपर है. गंगा में घटाव की प्रवृत्ति होने की वजह से तटवर्ती लोगों ने राहत महसूस किया है. घाघरा सरयू नदी हर जगह बढ़ाव पर है. डीएसपी हेड पर खतरा बिंदु 64.01 मीटर से ऊपर 64.23 मीटर पर बह रही है.
चांदपुर में यह नदी खतरा बिंदु के नजदीक 56.73 मीटर पर तथा माझी में खतरा बिंदु 55.15 मी के सबसे नजदीक 54.85 मीटर पर बह रही है. दोनों नदियों के जलस्तर में खतरा बिंदु से ऊपर पानी बहने से कटान को लेकर तटवर्ती क्षेत्र के लोग दहशत में है.
उनका मानना है कि नदी का जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो नदियों के किनारे बसे लोगों के लिए खतरा उत्पन्न हो सकता है. बाढ़ की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी एवं उनके अधीनस्थ अधिकारी गण कटान क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं. कटान वाले क्षेत्र पर उनकी हर वक्त नजरे हैं. कटान के समीप बसे लोगों से जिला प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर जाने का निर्देश दिया है.