गेहूं क्रय केंद्रों पर दर-दर मारे घूम रहे किसान, अभी तक तय नहीं हुए ठेकेदार

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किसी क्रय केंद्र पर नहीं शुरू हुई गेहूं की  खरीददारी

पहली अप्रैल से शुरू होनी थी गेहूं की खरीद

बलिया. जनपद में किसानों से गेहूं की खरीद 1 अप्रैल से शुरू होनी थी, इसके लिए जगह-जगह गेहूं क्रय केंद्र खोले गए हैं परंतु जनपद में किसी भी क्रय केंद्र पर गेहूं की खरीददारी शुरू नहीं हुई है. इस संबंध में जब बलिया कृषि मंडी में हनुमानगंज मार्केटिंग इंस्पेक्टर अशोक कुमार यादव से संपर्क किया तो बताया गया कि अभी तक गेहूं के लिए ठेकेदार ही तय नहीं हुए हैं. जब सवाल किया गया कि इसमें ठेकेदार का क्या रोल है? श्री यादव ने बताया कि ठेकेदार ही गेहूं क्रय केंद्रों से गेहूं की उठान अपने संसाधनों से करते हैं और उन्हें निर्धारित समय के अंतर्गत गोदामों पर पहुंचाना होता है. अगर ठेकेदार तय नहीं है तो गेहूं की खरीद करने पर पूरा बाजार अर्थात गेहूं क्रय केंद्र गेहूं की बोरियों से पट जाएगा और अव्यवस्था पैदा हो जाएगी. उन्होंने बताया कि ठेकेदार तय होते ही गेहूं की खरीद शुरू हो जाएगी.

उधर इस बाबत जब विकासखंड दुबहर के प्रगतिशील किसान शशि भूषण पांडे से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हार्वेस्टर मशीन के द्वारा खेतों में गेहूं की कटाई मड़ाई दोनों हो रही है. किसानों के साथ समस्या है कि जब कोई क्रय केंद्र चालू नहीं है तो गेहूं को कहां पहुंचाया जाए. उन्होंने बताया कि मंडी समिति टकरसन क्रय केंद्र पर मैं जब गया तो बताया गया कि अभी तक खरीदारी शुरू नहीं हुई है. उन केंद्रों पर गेहूं क्रय केंद्र का बैनर तथा गेहूं क्रय केंद्र का रेट 2015 रुपये जरूर अंकित है परंतु किसानों से गेहूं की खरीद नहीं की जा रही है.

लगातार पछुआ हवा बहने के कारण किसानों के पास गेहूं तैयार है और गेहूं क्रय केंद्रों पर गेहूं को भेजना है. इसलिए गेहूं को किसान घर के अंदर नहीं रख पा रहे हैं. यदि अचानक कहीं से बारिश आ जाती है तो बाहर रखे गेहूं भींग सकते हैं. किसानों के गेहूं क्रय केंद्र चालू न होने से उनके सामने विकट समस्या पैदा हो गई है. उत्तर प्रदेश शासन पर तरह-तरह के सवाल भी उठाए जा रहे हैं. खरीददारी शासन द्वारा 15 जून तक ही की जानी है.

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)