अनधिकृत प्राइवेट चिकित्सालयों को किया गया सील

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मानक के अनुरूप नहीं पाए गए चिकित्सालय

बलिया. जनपद में अवैध व मानक के अनुरूप नहीं चलने वाले प्राइवेट चिकित्सालय व नर्सिंग होम पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल के निर्देश पर प्राइवेट हॉस्पिटल एवं नर्सिंग होम की सघन जांच किए जाने हेतु अभियान चलाया जा रहा है. इसके लिए संबंधित क्षेत्र के उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी तथा चिकित्सा अधिकारी की टीम बनाई गई है.

 

अभियान के तहत ऋषि हॉस्पिटल, रसड़ा के आकस्मिक निरीक्षण में पाया गया कि दो मरीजों का ऑपरेशन डॉक्टर सुशील कुमार सिंह, आयुष चिकित्सक द्वारा किया गया जो सर्जरी के लिए अधिकृत नहीं है. ऑपरेशन थिएटर में ओ.टी. टेबल तथा सक्शन मशीन तथा ओ.टी.लाइट की व्यवस्था नहीं पाई गई. डॉक्टर देवेंद्र प्रसाद सरोज, एम.बी.बी.एस., एम.एस. तथा डॉक्टर देवेंद्र रजक एम.बी.बी.एस. के नाम पर हॉस्पिटल का पंजीकरण कराया गया है. दोनों डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए.

 

परिणाम स्वरूप उप जिलाधिकारी रसड़ा, श्री सर्वेश यादव, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ0 विजय यादव तथा अधीक्षक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रसड़ा, बब्बन यादव द्वारा ऋषि हॉस्पिटल को सील कर दिया गया.

 

इसी क्रम में जीवन रेखा चिकित्सालय महिला चिकित्सालय रोड, बलिया का निरीक्षण उप जिलाधिकारी श्री जुनैद अहमद, जिला सर्विलांस अधिकारी, डॉ अभिषेक मिश्रा तथा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,वैना द्वारा किया गया. जिसमें पाया गया कि चिकित्सालय के पंजीकरण से संबंधित कोई अभिलेख उपलब्ध नहीं है.

बीएएमएस चिकित्सक द्वारा मरीजों का उपचार एलोपैथ विद्या से किया जा रहा है. भर्ती महिला का सिजेरियन प्रसव शोभा, बीएएमएस चिकित्सक द्वारा किया गया था परंतु प्रसव के अभिलेख पर डॉ. एस.के. उपाध्याय का नाम दर्ज था. चिकित्सालय तथा ओटी में साफ-सफाई की स्थिति खराब पाई गई. उक्त के दृष्टिगत जीवन रेखा चिकित्सालय को टीम द्वारा सील कर दिया गया.

 

इसी क्रम में निराला नगर,गढ़वार रोड स्थित आकांक्षा हॉस्पिटल का भी निरीक्षण उप जिलाधिकारी जुनैद अहमद, जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. अभिषेक मिश्रा, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र वैना, डॉ. धर्मेंद्र कुमार द्वारा किया गया.

 

चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में पंजीकृत 10 शैया युक्त चिकित्सालय के रूप में करने हेतु आवेदन किया गया है.निरीक्षणण के समय उक्त चिकित्सालय में कोई भी चिकित्सक उपलब्ध नहीं पाया गया. चिकित्सालय में पैरामेडिकल स्टाफ शोभा एवं पुष्पा पाई गयी. श्रीमती पुष्पा द्वारा बताया गया कि उनके पास जेएनएम की शैक्षणिक योग्यता है. तथा शोभा ,स्टाफ नर्स 12वीं पास है.

 

निरीक्षण के समय चिकित्सालय में एक महिला मरीज भर्ती पाई गई जिसकी हिस्टरेक्टमी की गई थी परंतु चिकित्साकीय आकस्मिकता के प्रबंधन हेतु आवश्यक औषधि एवं उपकरण उपलब्ध नहीं पाए गए. भर्ती मरीज के उपचार से संबंधित किसी भी चिकित्सकीय अभिलेख का रखरखाव चिकित्सालय द्वारा नहीं किया जा रहा था और नहीं मरीज के ऑपरेशन से पहले कोई लिखित कंसेंट प्राप्त किया गया था. चिकित्सालय द्वारा संचालित ओटी में निरीक्षण के समय ताला बंद पाया गया तथा मौके पर मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा चाबी न होने का हवाला देते हुए ओटी का निरीक्षण नहीं कराया गया. चिकित्सालय में मरीजों / शिशुओं को टीकाकरण संबंधी सुविधा भी प्रदान की जा रही थी परंतु कोल्ड चेन आदि की कोई व्यवस्था चिकित्सालय में उपलब्ध नहीं थी. चिकित्सालय द्वारा उत्सर्जित जैविक अवशिष्ट (बायो मेडिकल वेस्ट) का समुचित निस्तारण एवं प्रबंधन नहीं किया जा रहा था.

 

मौके पर उपस्थित पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा इस संबंध में कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया एवं जैविक अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित कोई अभिलेख प्रस्तुत नहीं किए गए. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण पत्र अनुउपलब्ध था. अग्निशमन की समुचित व्यवस्था नहीं थी. चिकित्सालय द्वारा ओपीडी, आईपीडी, सामान्य तथा सिजेरियन प्रसव एवं अन्य चिकित्सकों को क्रियाओं को किया जा रहा था परंतु प्रसव से संबंधित कोई भी अभिलेख मौके पर उपस्थित पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा नहीं दिखाया गया. चिकित्सालय द्वारा प्रयोग किए जाने वाले पर्चे एवं चिकित्सालय के बोर्ड पर किसी की शैक्षणिक योग्यता नहीं पाई गई.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी नेअवगत कराया है कि यह अभियान जारी रहेगा. ऐसे अनधिकृत चिकित्सालयों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी.

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)